आंवला जो किसी परिचय का मोहताज नहीं। आयुर्वेद में केवल दो औषधियों हरीतकी ( हरड़ ) और आंवला को ही सबसे उत्कृष्ट माना गया।है।, जिसमे से आंवला सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। सभी शाकाहारी Super foods के क्षेत्र में आंवला सबसे उत्कृस्ट माना गया है। भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली, आयुर्वेद में सदियों से पूजनीय, आंवला ने कई स्वास्थ्य लाभों के साथ एक शक्तिशाली और बहुमुखी फल के रूप में अपनी स्थिति अर्जित की है। आइये आज आंवले के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं।
भारतीय संस्कृत और भारतीय परम्परा में आंवले का उपयोग अलग अलग तरीकों से से सदियों से होता आ रहा है। आंवला विटामिन C का सबसे बड़ा और उत्कृष्ट माध्यम है। आंवला को इंडियन गूजबेरी Gooseberry भी कहा जाता है। इसको अलग-अलग तरीके से प्रसंसंस्कृत कर के इस तरीके से रखा जाता है, की इसको साल के 12 महीने खाने में इसका उपयोग किया जा सके।
आंवला | Amla
आंवला पादप जगत के मालपिग्यालेस संघ के फीलन्थैसे कुल का एक पौधा है, इसका वैज्ञानिक नाम फिलैन्थस एम्बलिका (Phyllanthus Emblica) है। आंवला गहरे हरे पीले रंग का एक छोटा फल होता है। जो आंवले के पेड़ पर उगता है। इसका पेड़ 20 से 25 फ़ीट तक के आस पास होता। इसकी पत्ती इमली की पत्ती से लगभग मिलती जुलती है। इसका फल हल्का छोटा हलके हरे एवं पीले रंग का होता है। कुछ प्रसंस्कृत फल ज्यादा बड़े भी होते है।
स्वाद में आंवला कषैला या खट्टा होता है। यह भारत के ऊष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में ज्यादातर पाया जाता है। आंवला आवश्यक विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट का एक समृद्ध स्रोत है, जो इसे संतुलित और स्वस्थ जीवन शैली के लिए एक शक्तिशाली फल की श्रेणी में शामिल करता है। आँवला की लोकप्रियता बढ़ने का एक प्रमुख कारण इसकी प्रभावशाली पोषण प्रोफ़ाइल है।
इसमें विटामिन C असाधारण रूप से उच्च मात्रा में होता है, यहां तक कि संतरे से भी अधिक यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला विटामिन होता है। इसकी मांग बहुत ज्यादा है और इसकी खेती भी बहुत बड़े पैमाने पर की जाती है। विटामिन C कोलेजन संश्लेषण (Collagen Synthesis ), प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) समर्थन और मुक्त कणों (Free Radicals) के खिलाफ एंटीऑक्सीडेंट रक्षा के लिए आवश्यक है।
विटामिन सी के अलावा, आंवला में विटामिन ए, विटामिन ई, आयरन, कैल्शियम और पोटेशियम सहित कई पोषक तत्व होते हैं। जो की इसे औषधीय गुणों में सबसे उत्कृष्ट बनाते हैं।
खेती के लिहाज से देखा जाये तो एशिया महाद्वीप और यूरोप महाद्वीप में इसकी खेती सबसे ज्यादा होती है। जलवायु और मिट्टी की के हिसाब से से भी भारत इसके लिए सबसे उपयुक्त मन जाता है। भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के प्रतापगढ़ जिले में इसकी खेती सबसे ज्यादा की जाती है। यहाँ लगभग हर किसान आवंले की खेती में शामिल है। पैदवार के हिसाब से प्रतापगढ़ सबसे आगे है ,लेकिन अच्छी क्वालिटी के हिसाब से वाराणसी का आवंला सबसे उपयुक्त माना जाता है।
आंवला खाने के फायदे | Amla Khane Ke Fayde
आंवला एक ऐसा फल है, आयुर्वेद में जिसकी तुलना अमृत से की गई है इसलिए इसे अमृत फल भी कहा जाता है। वहीँ चाइनीज मेडिसिन में भी इसे जीवन रक्षक औषधि कहा जाता है। जो की किसी और फल या बेरी के बारे में नहीं कहा गया है। आइये जानते हैं आंवला खाने के क्या क्या फायदे हैं ।
विटामिन C से भरपूर
विटमिन C एक एंटीऑक्सीडेंट है जो हमारे शरीर में पाए जाएं वाले मुक्त कणों या Free Radicles से हमारी रक्षा करता है। जिस तरह एक मशीन काम करती है तो उसका कुछ न कुछ घिसता रहता है ,ठीक उसी प्रकर हमारी शरीर में , सांस लेने में, चलने में, खाने में, भोजन को पचाने में एवं अन्य दैनिक क्रियाओं को करने में सूक्ष्म कोशिकाओं के टूटने से बहुत सारे मुक्त कण या Free Radicals मुक्त होते हैं जो की हमारे शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक होते हैं।
ये मुक्त कोशिकाएं बाकी एक्टिव किशकाओं को भी तोड़ने का प्रयास करती है। एंटीऑक्सीडेंट इन फ्री रैडिकल्स को Neutralize कर हमारे शरीर में उत्पन्न होने वाली टॉक्सिक कोशिकाओं को बढ़ने से रोक कर कैंसर जैसी बीमारी को होने देने से रोकती हैं। एक रिसर्च के अनुशार पुरुष को 90 मिली ग्राम और महिला को 75 मिलीग्राम विटमिन C की रोज की जरूरत होती है। 100 ग्राम आवंले में 20 संतरों के बराबर एंटीऑक्सीडेंट होता है।
अगर विटामिन C को काली मिर्च के साथ लिया जाये तो काली मिर्च में पाए जाने वाले पाइपरेन की मदत से विटामिन स सबसे शरीर में सबसे ज्यादा अवशोषित होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है
प्राचीन कल में एक ऋषि हुआ करते थे, जिनका नाम च्यवन ऋषि था। जिन्होंने अपने राजवैद्य अश्विनी कुमार की मदत से एक हर्बल पेस्ट बनाया जिसे संजीवनी के नाम से जाना जाता था। जो उस समय लगभग हर बीमारी में बहुत फायदेमंद था। उस हर्बल पेस्ट के सबसे मूल तत्त्वों में आंवला ही था।
बाद में इन्ही ऋषि के नाम पर च्यवनप्राश बनाया गया। आज आयुर्वेद के ३०० से जयादा औषधियों में आंवले का उपयोग होता है। उदहारण के के लिए त्रिफला जिसे संजीवनी के सामान माना जाता है , त्रिफला का मतलब होता है ३ फलों वाला चूर्ण जिसका सबसे मुख्य तत्त्व आवंला ही है। पूरे विश्व में आंवला विटमिन स का सबसे मुख्य श्रोत तो है ही साथ साथ सूजनरोधी (Anti Inflammatory), जीवाणुरोधी (Antibacterial ) एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) भी है।
मजबूत हो जाती है। जिसके परिणाम स्वरुप अनेक प्रकार की वायरल बीमारियों जैसे सर्दी, जुखाम, बुखार, एवं स्थायी बीमारियों Chronic Disease जैसे कैंसर आदि से भी आप की सुरक्षा करता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन ने एक स्टडी प्रकाशित हुई थी। जिसमे कहा गया की आंवला कैंसर प्रिवेंटिव होने के साथ अनेक प्रकार की बीमारियों से भी हमारी सुरक्षा करता है।
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एंटी एजिंग
विटमिन स बढ़ती उम्र के प्रोसेस को भी स्लो डाउन करता है। आवंले में पाया जाने वाला कोलाजिन ही वो मुख्य तत्त्व है जो बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करता है। कोलाजिन की मौजूदगी हमारी शरीर में त्वचा को नया जीवन देने के साथ साथ नहीं कोशिकाओं को जन्म देने और त्वचा को कसी हुई बनाने में मदत करता है।
बहुत सारे लोग स्किन को टाइट और कसा हुआ बनाये रखने के लिए कोलाजिन के इंजेक्शन का उपयोग करते हैं। लेकिन उसके साइड इफ़ेक्ट भी होते हैं। इसमें खतरनाक रसायन होते हैं। पर आंवला त्वचा में नेचुरल कोलाजिन के प्रोडक्शन को बढ़ावा देता है।
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बालों के झड़ने के लिए रामबाण उपाय
बालों की समस्या में आवंला को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। एक स्टडी के मुताबिक अगर कोई ९० दिन दिन तक लगातार आंवले का सेवन करता है और साथ ही साथ बालों में लगाता भी है तो बालों के झड़ने की समस्या से ९० % निजात पाया जा सकता है। बाल झड़ने, रुकने के साथ साथ बाल काळा भी होने लगते हैं।
अगर इसका लगातार सेवन किया जाये तो लगभग 10 दिन में ही इसका असर दिखने लगता है। बाल झड़ने के समस्या में शुद्ध आवंले के तेल को नारियल के तेल के साथ मिलाकर लगाने से बालों का झड़ना 90 % तक रुक जायेगा। आवंला अंदर से डेटॉक्स भी करता है जिसकी वजह से बालों की क्वालिटी में भी काफी सुधर होता है।
लिवर के लिए फायदेमंद
आंवला लिवर के लिए बहुत ही फायदेमंद है। चूँकि आंवला फैट कटर है , फैटी लिवर की समस्या जिनको है ,उनके लिए ये बहुत ही कारगर है। गैर अल्कोहल वसा यकृत रोग Non Alcoholics Fatty Liver Disease (NAFLD) जो इस प्रकार की बीमारी से पीड़ित हैं उनके लिए बहुत ही फायदेमंद है। आंवला में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट लिवर में होने वाले डैमेज को रिकवर करता है। लिवर हेल्थ के लिए रामबाण एवं अद्भुद रसायन है आवंला। इसे जरूर प्रयोग में लाना चाहिए।
डाइबटीज या मधुमेह में लाभदायक
जैसा की हम सब जानते हैं की हमारे देश भारत में लगातार मधुमेह रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। भारत मधुमेह रोगियों की कैपिटल बन चुका है। ऐसे में आंवला डाइबटीज जैसी बीमारी के लिए बहुत ही फायदेमंद है। आंवला में पाया जाने वाला क्रोमियम इंसुलिन को प्राकृतिक तरीके से होने वाले उत्पादन को बढाकर रक्त में शर्करा की मात्रा को संतुलित बनाये रखता है।
आवंले में ह्यपोग्लास्मिक प्रॉपर्टीज पाई जाती है ,जो की ब्लड शुगर को नियंत्रित कर के ब्लड शुगर को सामान्य बनाये रखने में मदत करती है।
आँखों की रौशनी के लिए लाभदायक
आवंला आँखों की रौशनी के लिए बहुत ही लाभदायक है , लगातार आंवले के सेवन से आप के आँखों की ऑय साइट दिन बा दिन बढ़ती जाती है। और चश्मे का नंबर नहीं बढ़ता। आज कल ज्यादातर बच्चे और युवा लगातार मोबाइल और लैपटॉप का प्रयोग करते है जिससे उनकी आँखों के इंट्रा ऑक्युलर प्रेशर Intra Ocular Pressure बढ़ जाता है।
जिससे उनकी आँखों के रौशनी कम हो जाती है। ये डिजिटल गैजट के ज्यादा उपयोग से उसमे से निकलने वाली ब्लू लाइट की वजह से होता है। लगातर आंवले के सेवन से इंट्रा ऑक्युलर प्रेशर धीरे धीरे कम होता जाता है। और आँखों की दृश्यता बढ़ती जाती है। आवंले में विटामिन A की भी पर्याप्त मात्रा पाई जाती है जिसे रात्रि में कम दिखाई देना एवं मोतियाबिंद की समस्या में भी लाभदायक है।
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आंवला ठंडा है या गरम | Amla Thnda hai garam
आंवला ठंडा है या गरम तो आप को बता दें की आवंला ठंडा होता है। इसकी तासीर ठंडी होती है। आयुर्वेद में इसके बारे में बताते हुए लिखा गया है की रुचिकरं अतिशीतं अर्थात इसकी प्रकृति ठंडी होती है। केवल ठंडा नहीं बहुत ठंडा होता है। जिनको गर्मी बहुत लगती है, पित्त की तकलीफ होती है , लाल लाल चकत्ते होते हैं। किसी भी तकलीफ जो गर्मी से सम्बंधित है, में आंवले का सेवन बहुत फायदेमंद है।
आंवला जूस के फायदे | Benefits of Amla Juice in Hindi
● आंवला के जूस में एंटी कैंसर तत्त्व होता है। जो की कैंसर जैसी बीमारियों को होने से रोकता है।
● आंवला हमारे पाचनतंत्र का सबसे बड़ा मित्र रसायन है, आंवले का रस आंवले का रस जठरांत्र संबंधी मार्ग के स्वास्थ्य को बढ़ावा देकर, कब्ज से राहत देकर और नियमित मल त्याग में सहायता करके पाचन में सहायता करने के लिए जाना जाता है।
● आंवले में एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर की मात्रा बहुत प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। आंवले को जूस की तरह सेवन करने से बाद कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर के ह्रदय की क्रिया शक्ति को बढाने में योगदान करते हैं।
● आंवला मधुमेह रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। आंवले का रस रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, जिससे यह मधुमेह रोगियों के लिए रूप से फायदेमंद होता है।
● आंवले के रस में विटामिन सी की प्रचुर मात्रा बालों के विकास को बढ़ावा दे सकती है, बालों के झड़ने को रोक सकती है और बालों के समग्र स्वास्थ्य में योगदान करती है।
● आंवले में एंटी इंफ्लेमेटरी मौजूद सूजन रोधी यौगिक पाए जाते हैं। जो आप के पूरे शरीर में कहीं भी होने वाले सूजन को काम करने में मदत कर सकते हैं। जैसे गठिया जैसे स्थिति में बहुत ही मदतगार साबित होते हैं।
● आंवले के रस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कोशिकाओं को डीएनए क्षति से बचाकर और कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोककर कैंसर से लड़ने के गुण रखते हैं।
निष्कर्ष | Conclusion
दोस्तों आज हम लोगों ने एक बहुत ही चमत्कारिक रसायन फल आंवला के बारे में विस्तार से चर्चा किये। आंवला हमारे स्वस्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है। किसी भी रूप में आंवले के सेवन स्वस्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद है। आंवले के क्या क्या फायदे है। इसका उपयोग कैसे करें ? ऐसे सभी सवालों के जवाब आज आप को इस व्लॉग गया। आप को ये व्लॉग कैसे लगा हमें जरूर बातएं बहुत बहुत धन्यवाद।
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Frequently Asked Question
Question 1. आंवला खाने से क्या लाभ है?
Answer 1. आंवला में विटामिन बहुत ही भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जिसकी वजह से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बहुत ही मजबूत होती है। जो हमारे शरीर को होने वाले वायरल इन्फेक्शन और विभिन्न प्रकार के बीमारियों से बचता है। इसके अलावा आंवला पेट के लिए बहुत ही फायदेमंद है। आंवले के लगातार सेवन से आँखों की रौशनी भी बढ़ती है।
Question 2 . रोज आंवला खाएंगे तो क्या होगा?
Answer 2. रोज सुबह आंवला कहने के कई फायदे हैं। जैसे आंवले में फाइबर की बहुत पर्याप्त मात्रा होती है ,ये आप के पाचनतंत्र को स्वस्थ्य बनाये रखने में मदत करता है। बालों का झड़ना रुकता है। मधुमेह रोगियों के लिए बहुत ही लाभकारी है। रक्त में शर्करा की मात्रा को भी नियंत्रित करता है।
Question 3. आंवले की तासीर क्या होती है?
Answer 3. आंवले की ताशीर ठंडी होती है।
Question 4. आंवला खाने का सही तरीका क्या है?
Answer 4. आंवले का सेवन आप ऐसे ही कच्चे आवंले के रूप में , जूस बना कर पानी के साथ , एलोवीरा के साथ , कर सकते हैं। इसके अलावा आप आंवले का मुरब्बा बनाकर, अंचार बनाकर लम्बे समय तक सरंचित रख सकते हैं।
Question 5. क्या हम रात में आंवले खा सकते हैं?
Answer 5. असल में आंवले का सेवन हम कभी भी कर सकते हैं। आंवला एक बहुत ही फायदेमंद रसायन है। इसका सेवन कभी भी लाभदायक ही होता है। आवंले का सेवन रात में न करने के पक्ष में कोई वैज्ञानिक कारण मौजूद नहीं है।