पाम आयल भारत में सबसे ज्यादा उपयोग में लाया जाने वाला वनस्तपति तेल है। आज हम Palm Oil In Hindi के बारे में पूरी जानकारी हाशिल करेंगे। भारत खाद्य आयल का सबसे बड़ा आयातक देश है और ताजुब की बात ये है की भारत में जितना भी वनस्पति तेल का उपयोग होता है। उसका केवल 10% ही भारत में पैदा होता है । शेष आयात करना पड़ता है। तो दोस्तों आइये आज का जो टॉपिक हो वो Palm Oil In Hindi इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
तो दोस्तों Palm Oil एक वनस्पति तेल है जो ताड़ के पेड़ से प्रोसेस कर के बनाया जाता है। पाम को पाम एलएईस गुइनीन्सिस भी कहते हैं ।भारत में खाने में सबसे ज्यादा मात्रा में पाम आयल ही उपयोग में लाया जाता है। लेकिन ज्यादातर पाम आयल आयात ही किया जाता है। भारत सरकार भी अब पाम आयल खेती को बहुत प्रमोट कर रही है। सरकार का फोकस इस चीज पर है की कैसे पाम आयल का आयात कम किया जाये। और जरूरत भर का पाम आयल यहीं पैदा किया जाए। आइये Palm Oil in Hindi के बारे में ठीक से समझते हैं।
What Is Palm Oil : पाम आयल क्या है ?
भारत जैसे सबसे अधिक आबादी वाले देश में पाम आयल सबसे अधिक उपयोग में लाया जाने वाला वनस्पति तेल है। ज्यादातर दो तरह के पाम या ताड के तेल पाए जाते हैं अमेरिकन पाम और अफ्रीकन पाम। पाम की खेती उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में ज्यादा की जाती है। पाम का फल लाल रंग का गूदेदार फल होता है।
पाम का तेल निकलने के तुरंत बाद लाल रंग का होता है। पाम का यह लाल रंग बीटा कैरोटीन नामक तत्व के कारण होता है। पाम आयल परिस्कृत होने के बाद रंगहीन और गंधहीन दशा में आ जाता है। पाम आयल के रंगहीन और गंधहीन होने के कारण ही पाम आयल किसी भी अन्य तेल में मिला देने पर मालूम ही नहीं पड़ता।
पाम आयल में सैचुरेटेड फैट की मात्रा बहुत आधी मात्रा में पाई जाती है जिसकी वजह से पाम आयल अधिक सेवन करने पर ह्रदय सम्बन्धी बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है। सैचुरेटेड फैट की अधिकता होने की वजह से ही इसका उपयोग आप के घर में उपयोग में आने वाले लगभग 60% खाद्य वस्तुओं में पाम तेल का उपयोग किया जाता है।
जैसे शैम्पू में ,कपडे धोने के साबुन बनाने में , चॉक्लेट बनाने में नहाने के साबुन आदि बनाने में भी पाम आयल का उपयोग किया जाता है। कमरे के सामान्य तापमान पर Palm Oil लगभग जमा ही रहता है। पाम आयल उच्च तापमान पर भी इसका ऑक्सीडेशन नहीं होता। यही वजह है की तलने वाली वस्तुओं के लिए यह लोगों की पहली पसंद है। दोस्तों आज हम Palm Oil in Hindi के बारे में बात कर रहे हैं तो आइये एक एक जानकारी को ठीक से समझते हैं
ताड़ का तेल, ताड़ की गरी का तेल और नारियल तेल कुछ अत्यधिक संतृप्त वनस्पति वसाओं में से तीन हैं। ताड़ का तेल कमरे के तापमान पर अर्ध ठोस स्थिति में रहता है। ताड़ के तेल में कई संतृप्त और असंतृप्त वसाएं ग्लिसरिल ल्यूरेट (0.1%, संतृप्त), मिरिस्टेट (1%, संतृप्त), पामिटेट (44%, संतृप्त), स्टीयरेट (5%, संतृप्त), ओलेट (39%, एकलअसंतृप्त) लीनोलियेट (10%, बहुलअसंतृप्त और लिनोलेनेट (0.3%, बहुलअसंतृप्त) के रूप में शामिल हैं।
पाम आयल की पैदावार और व्यापारिक महत्व
पाम की सबसे अधिक पैदावार इंडोनेशिया और मलेशिया में होती है। भारत अपनी जरूरतों का 95 % पाम आयल आयात ही करता है। जुलाई में भारत का पाम ऑयल आयात पिछले महीने से 59 परसेंट बढ़कर 1.08 मिलियन मीट्रिक टन की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। यही नहीं पाम आयल में इंपोर्ट पिछले कुछ महीनों में बढ़ोतरी देखी जा रही है , क्योंकि रिफाइनरों को मिल रही कम कीमत उनके लिए फायदे का सौदा बना हुआ है।
जिसकी वजह से वे त्योहारों के के लिए पाम आयल को जमा करने पे लगे हैं। खाद्य तेल आयात करने के मामले में भारत दुनिया के पहले स्थान पर आता है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है की भारत सरकार ने आयात करने पर आयात शुल्क बहुत कम या लगभग न के बराबर कर दिया है।
खाद्य तेलों का आयात दिन बा दिन बढ़ता ही जा रहा है। भारत सरकार आत्म निर्भर भारत के तहत पाम आयल आयात को कम कर के आत्म निर्भर बने की दिशा में काम कर रही है। भारत का पाम आयल आयात कितनी तेजी से बढ़ा है इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं की साल 2017-18 में भारत ने सब मिलाकर 74,996 करोड़ रुपये का खाद्य तेल बाहर आयात किया था ।
जो की बढ़ता ही गया और बढ़ते हुए 2021-22 में बढ़कर 1,41,532 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। भारत सरकार अब पाम आयल के आयात में भारी कमी करने के लिए काम कर रही रही है। भारत सरकार अब राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन योजना के माध्यम से अपने ही देश में पाम आयल की खेती करके पाम आयल का उत्पादन बढ़ाने पर काम कर रही है।
Palm Oil Ke Side Effect पाम आयल के नुकसान
पाम आयल की कीमत कम होने की वजह से भारत में इसका सेवन बहुत अधिक मात्रा में होता है। चूँकि पाम आयल सैचरेटेड फैट जिसे हिंदी में संतृप्त वसा भी कहते हैं की मात्रा बहुत अधिक पाई जाती है। सैचुरेटेड फैट दो प्रकार के होते हैं सैचुरेटेड फैट और अनसैचुरेटेड फैट, जिसे क्रमशः HDL कोलेस्ट्रॉल और LDL कोलेस्ट्रॉल से जोड़ा जाता है।
जहाँ सैचुरेटेड फैट के सेवन से शरीर को बहुत सारे स्वस्थ्य के लाभ हैं वहीँ पर अनसैचुरेटेड फैट के अधिक मात्रा में सेवन से स्वस्थ्य के लिए बहुत अधिक नुकसानदायक है। पाम आयल से होने वाले नुकसान निमनिखित प्रकार के हैं।
पाम आयल के अधिक सेवन से आप न कहते हुए भी सैचुरेटेड फैट का अधिक मात्रा में का सेवन करते हैं। आप के शरीर में बढ़ती हुई सैचुरेटेड फैट की मात्रा सीधे तौर पर HDL ( High-Density Lipoprotein ) के समानुपाती होता है। HDL को ख़राब कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है। शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाने पर ह्रदय सम्बन्धी बीमारिया बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।
पाम आयल के अधिक सेवन से मोटापा बढ़ने और वजन बढ़ने की समस्या अपने आप बढ़ने लगती है जिसकी वजह से डाइबटीज और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ने का पूरा चांस रहता है।
सैचुरेटेड फैट में पाए जाने वाले कुछ तत्त्व सीधे तौर पर रक्त को गाढ़ा करने और थक्का जमने में मदत करने के लिए जिम्मेदार होते हैं जिसकी वजह से नसों में में ब्लॉकेज के समस्या भी आती है।
अधिक मात्रा में पाम आयल का सेवन करने पर पाचन सम्बंधित समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती है जैसे डायरिया, उलटी, दस्त आदि।
लिवर डैमेज की समस्या हो जाती है। सैचुरेटेड फैट में जटिल तत्त्व जाते हैं जिसे पचाने में लिवर को एक्स्ट्रा एफर्ट करना पड़ता है। ज्यादा मात्रा में सैचुरेटेड फैट का सेवन करने पर लिवर फेल होने के चान्सेस बढ़ जाता है।
इसे भी पढ़ें तंबाकू क्या है तम्बाकू से होने वाली 5 जानलेवा बीमारियां
National Edible Oil Mission-Oil Palm :राष्ट्रीय खाद्य तेल-पाम ऑयल मिशन
भारत दुनिया का सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। भारत अभी भी खाद्य तेलों को लेकर दुसरे देशों पर निर्भर है है इसी निर्भरता को काम करने के लिए भारत सरकार ने भारतीय खाद्य निगम के साथ मिलकर के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सरकार मंत्रिमंडल ने 2021 में पाम आयल के आयत को काम करने और आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए एक योजना लाइ गई जिसे राष्ट्रीय खाद्य तेल-पाम ऑयल मिशन (National Edible Oil Mission-Oil Palm) कहा गया।
जिसका उद्देश्य भारत को खाद्य एवं पालम आयल के क्षेत्र में आत्मिर्भर बनाना है। जिसके तहत अपने ही देश में पाम आयल का उत्पादन बढाकर 11 लाख मीट्रिक तन तक ले जाना है। जसके तहत सरकार पूर्वोतर एवं अंडमान निकोबार जैसे राज्यों में कई महत्वपूर्ण योजनाओं को चलाकर इस योजना को। को सफल बनाने में लगी है।
इस महत्त्वपूर्ण योजना के लिए सरकार ने 11040 करोड़ रुपये का वित्तीय बजट रखा है। जिसमे केंद्र सरकार 8844 करोड़ रुपये और राज्य सरकरों के द्वारा बाकी 2196 करोड़ की मदत की जाएगी। इस योजना के तहत सरकार किसानों को को पाम आयल की खेती के लीये उत्साहित करेगी।
इसे भी पढ़ें Kutki Millet in Hindi | कुटकी के 5 जबरदस्त फायदे
प्रथम चरण में 2025 से 2026 तक पाम के खेती को 10 लाख हेक्टेयर भूमि पर और दुसरे चरण में 2029 से 2030 तक इसको बढाकर 16.7 हेक्टेयर की भूमि पर करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के एक मात्रा उद्देश्य खाद्य तेल के मामले भारत की निर्भरता को आयात से हटा कर आत्मनिर्भर बनने की है।
Conclusion : निष्कर्ष
पाम आयल जिसका उपयोग हम अपनी आम जिंदगी में लगभग रोज करते हैं। आज इसी पाम आयल के बारे में हम चर्चा कर रहे थे जिसमे हमारा टॉपिक था Palm Oil In Hindi जिसके बारे में हम बहुत ही विस्तार से ठीक से समझे। इसके फायदे और नुसकासन के बारे में। कैसे पाम आयल को इम्पोर्ट करे। कहाँ से इम्पोर्ट किया जाता है सरकार इसके लिए क्या क्या योजना ला रही है। सब कुछ बहुत ठीक से आप को बताया गया। उम्मीद है आप को दी हुई जानकारी अच्छी लगी होगी। आप को Palm Oil In Hindi के बारे में दी हुई जानकारी कैसे लगी हमे कमेंट या मेल कर के जरूर बताएं। बहुत बहुत धन्यवाद।
अस्वीकरण: इस हिंदी ब्लॉग वेबसाइट परऔर खाद्य पदार्थों (Plam Oil Side Effects)के बारे में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। इसका उद्देश्य पेशेवर सलाह नहीं है, और पाठकों को व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए योग्य विशेषज्ञों से परामर्श करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ब्लॉग प्रदान की गई किसी भी जानकारी की सटीकता, पूर्णता या उपयुक्तता का समर्थन या गारंटी नहीं देता है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करे। Ganv wala Exporter इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता।
Frequently Asked Question
Question 1. पाम तेल को हिंदी में क्या कहते हैं?
Answer 1. पाम को हिंदी में ताड़ का तेल कहा जाता है। ताड़ का तेल आयल पाम एलएईस गुइनीन्सिस नामक के फल की लुगदी से निकाला जाता है।
Question 2. भारत में पाम आयल कहाँ से आता है?
Answer 2. पूरे विश्व के कुल पाम उत्पादन का लगभग 90 % पाम आयल इंडोनेशिया और मलेशिया मिलकर अकेले ही कर लेते हैं। जिसमे से इंडोनेशिया की भागीदारी सबसे ज्यादा है। एक अनुमान के मुताबिक इंडोनेशिया ने 2022 में अकेले 45.50मिलियन मीट्रिक टन पाम आयल का उत्पादन किया था। भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल का आयातक है।
Question 3. पाम तेल का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन सा है?
Answer 3. पूरे विश्व में इंडोनेशिया पाम आयल का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। एक अनुमान के मुताबिक इंडोनेशिया ने 2022 में अकेले 45.50 मिलियन मीट्रिक टन पाम आयल का उत्पादन किया था।
Question 4 . पाम ओलीन तेल किस चीज से बनता है?
Answer 4 . पामोलीन ताड़ के पेड़ के फल से निकले जाना वाला एक वानस्पतिक तेल है। वैसे तो इसमें बहुत अधिक मात्रा में सैचुरेटेड फैट की मात्रा पाई जाती है। जसमे से 50% पामिटिक एसिड की मात्रा और बाकी ओलिक एसिड और लिनोलिक एसिड पाया जाता है।
Question 5. भारत में सबसे बड़ा पाम तेल उत्पादक राज्य कौन सा है?
Answer 5. वैसे तो भारत में बहुत काम मात्रा में पाम आयल का उत्पादन होता है। लेकिन पिछले कुछ वित्तीय वर्षों में भारत सरकार ने खाद्य तेल के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयाश किया है उस हिसाब से अभी के लिए राजस्थान बाकी के राज्यों की अपेक्षा सबसे अग्रणी बनकर उभरा है।