सोयाबीन एक ऐसा अनाज जिसे प्रोटीन और मिनिरल्स का पावरहाउस कहा जाता है। सोयाबीन के बारे में कहा जाता है, की केवल शाकाहारी भोजन खाने वालों के लिए नॉनवेज की तरह है। मतलब इसमें किसी भी नॉनवेज भोजन से ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है। आज हम सोयाबीन के सारे गुणों के बारे में चर्चा करेंगे। सोयाबीन खाने के नुकसान क्या हैं। सोयाबीन खाने के फायदे कौन कौन से हैं, सारे विषयों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
सोयाबीन में प्राकृतिक रूप से ही प्रोटीन बहुत प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। लेकिन बाद में GMO (Genticlly Modified Organism) प्रक्रिया के माध्यम से इसे संसोधित कर के इसकी गुणवत्ता में और अधिक सुधार कर के इसे अपने कैटोगरी की सभी फसलों में अधिक उच्च गुणवत्ता वाले अनाज में परिवर्तन कर दिया गया। जिसके बाद ये लगभग सभी मांशाहारी भोजनों से भी ज्यादा अधिक पौष्टिक और विटामिन से परिपूर्ण हो गया।
सोयाबीन क्या है | Soyabean Kya Hota hai
सोयाबीन, जिसे हिंदी में ‘सोयाबीन’ के नाम से जाना जाता है, अनगिनत स्वास्थ्य लाभों के साथ एक पोषण पावरहाउस के रूप में जाना जाता है। सोयाबीन अपनी बहुमुखी प्रतिभा और समृद्ध पोषक तत्व के कारण वैश्विक सनसनी बन गया है। आज हम आप को सोयाबीन की पोषण संबंधी समृद्धि, स्वास्थ्य लाभ और पाक बहुमुखी प्रतिभा के बारे में विस्तार से बताएंगे।
सोयाबीन खेतों में उगाई जाने वाली एक फसल है। जिसकी खेती बहुत बृहद रूप की जाती है। सोयाबीन का वैज्ञानिक नाम ग्लाईसीन मैक्स है। सोयाबीन एक ऐसी फसल है जिसका सब कुछ खाने में उपयोग में लाया जाता है। सोयाबीन से सोया तेल निकाला जाता है। जबकि सोया दलहन फसलों के अंतर्गत आता है। सोयाबीन की पनीर भी बनाई जाती है, जिसे टोफू कहते हैं। सोयाबीन शाकाहारी आहार लेने वालों के लिए सबसे अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाने वाला अनाज है।
सभी जीवों में विशेषकर इंसानों में 3 प्रकार के लोग पाए जाते हैं। शाकाहारी मांसाहारी और सर्वाहारी जो शाकाहारी और मांसाहारी दोनों होते हैं। कहा जाता है की केवल शाकाहार से इंसानों के रोज की प्रोटीन और विटमिन को लेकर शरीर की जरूरतें हैं वो पूरी नहीं होती हैं। इसके लिए उसे मांसाहार करना ही पड़ेगा। लेकिन जिस प्रकार सोयाबीन को GMO प्रक्रिया से इसके अनुवांशिकी गुणों में परिवर्तन किया गया है।
अब सोयाबीन मानव शरीर की जरूरत की हिसाब से सभी आवश्यक एमिनो एसिड से परिपूर्ण हो चुका अब आप को इसके लिए मांसाहार की जरूरत नहीं है। इसके अलावा सोयाबीन अतिरिक्त, सोयाबीन फाइबर, विटामिन और आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम सहित खनिजों का एक अच्छा स्रोत है।
सोयाबीन की खेती | Soyabeen Ki Kheti
सोयाबीन की खेती लगभग सभी देश अपनी देश के मौषम और सोयाबीन की anukoolta के हिसाब से करते हैं। लेकिन सोयाबीन के बारे में कहा जाता है की सोयाबीन की खेती जिस भी जमीन पर जयादा समय तक हो जाती है वो जमीन या खेत बंजर हो जाता है।
इसके पीछे का कारण ये है की सोयाबीन जमीन से बहुत अधिक मात्रा में पोषक तत्त्वों को लेता है और बदले में जमीन को कुछ लौटाता नहीं है। जिसकी वजह से जमीन धीरे धीरे बंजर बन जाती हैं। जिसकी वजह से बहुत सारे देश इसकी खेती बंद कर के सोयाबीन को आयात करना उचित समझते हैं।
सोयाबीन की खेती और फसल उत्पादन की बात की जाये तो यहाँ भी अमेरिका सबसे आगे है। पूरे विश्व का लगभग 65 % सोयाबीन केवल अमेरिका ही पैदा कर लेता है। और भारत में इसकी खेती महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा होती है। मध्यप्रदेश भी अपने उत्पादन को धीरे धीरे बढ़ा रहा है। मध्यप्रदेश में सोयाबीन की खेती को वैज्ञानिक तरीके से करने , सोयाबीन के उत्पादन बढ़ाने के लिए रिसर्च सेण्टर खोले गए हैं।
सोयाबीन की खेती के लिए चिकनी दोमट मिटटी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। बलुई मिटटी में बुवाई से बचना चाहिए। सोयाबीन की खेती के लिए जल निकास की उत्तम व्यवस्था होनी चाहिए।
सोयाबीन की बुवाई के लिए जून महीने का आखरी सप्ताह बहुत उपयुक्त मन जाता है। सोयाबीन की फसल ९० से १०० दिन में पाक कर तैयार हो जाती है। प्रजाति की बात की जाये तो पी के १०२४ सबसे ज्यादा उपज २५ से ३० क्विंटल की होती है।
सोयाबीन खाने के फायदे | Soyabean Khane Ke Fayde
बहुत सारे रिसर्च में ये बात सामने आई है की वेजिटेरिअन शाकाहारी लोगों को सभी प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाती। चूँकि कुछ प्रोटीन ऐसे होती है जो सिर्फ और एनिमल प्रोटीन में ही पाई जाती हैं।जो अन्य किसी शाकाहारी खाद्य पदार्थ में नहीं पाई जाती। लेकिन सोयाबीन एक ऐसा शाकाहारी खाद्य अनाज है जिसमे ये सभी आवश्यक प्रोटीन पाए जाते हैं। इस लिए कुछ लोग इसे मांसाहारी भोजन भी कहते हैं।
सोयाबीन GMO (Genetically Modified Organic Crop) जेनेटिकली मॉडिफाइड आर्गेनिक क्रॉप है। जिसे वैज्ञानिकों द्वारा इसके जीन्स में मूलभूत परिवर्तन करके बनाया गया है। इस प्रक्रिया में। किसी भी अनाज के जीन्स में परिवर्तन करके उसके मूलभूत गुणों में परिवर्तन कर दिया जाता है। जिसकी वजह से इसकी न्यूट्रिएंट वैल्यू बहुत ऊपर की तरफ चली गई है। इस परिवर्तन में इसकी न्यूट्रिएंट वैल्यू जो ऊपर की तरफ गई है इसमें सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी प्रोटीन कंटेंट में हुई है।
इसके मूलभूत गुणों में परिवर्तन के बाद अगर इसकी (safety and Efficacy) सुरक्षा और प्रभावकारिता की बात की जाये तो FDA ने इसे सुरक्षित और प्रभावी माना है। इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद इसे प्रोटीन का पावरहाउस भी कहा जाता है। आइये इसके फायदे के बारे में विस्तार से जानते हैं।
●सोयाबीन में 9 ऐसे आवश्यक प्रोटीन पाए जाते हैं जिन्हे आप की शरीर अपने अंदर इनका निर्माण नहीं कर सकती। जिन्हे आप को बहार से ही लेना पड़ता है। ये केवल एनिमल प्रोटीन में ही पाए जाते हैं। लेकिन ये सभी ९और आवश्यक प्रोटीन अमीनो एसिड सोयाबीन में पाए जाते हैं। जो की हड्डियों और मसल्स के लिए बहुत आवश्यक हैं।
●अगर फैट की बात की जाये तो सोयाबीन में गुड फैट पाया जाता है। ज्यादातर जो फैट सोयाबीन में पाए जाते हैं, उनमे से अधिकतर Unsaturated Fat (असंतृप्त वसा ) पाए जाते हैं। जिनमे से मुख्य रूप से ओमेगा -6, ओमेगा 3 पाए जाते हैं । ये जो Unsaturated Fats हैं ये बहुत सारी बीमारियों से लड़ने में हमारी मदत करते हैं।
और ऐसा नहीं हैं के Unsaturated Fat केवल सोयाबीन से ही मिलते है। ये नट से मिलते हैं सीड से मिलते हैं मछली और वनस्पति तेलों से भी मिलते हैं। लेकिन सोयाबीन के इन सब में सबसे अच्छा और सुरक्षित माना जाता है।
●सोयाबीन में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ० % होती है। या ये भी कह सकते हैं की सोयाबीन कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है। LDL कोलेस्ट्रॉल या Bad Cholesterol को नीचे करने की क्षमता रखता है।
●शरीर की रोजमर्रा की जरूरतों में आयरन सबसे मुख्य तत्त्व है , जो एक सामन्य पुरुष को रोज लगभग 8 मिली ग्राम आयरन और एक सामन्य महिला को लगभग १८ मिली ग्राम आयरन की आवश्यकता होती है। 1 कप सोयाबीन में 9 मिली ग्राम आयरन पाया जाता है। अगर आप पुरुष हैं 1 कप सोयाबीन में ही आप के शरीर की आयरन की जरूरत पूरी हो जाती है।
बहुत सारे रिसर्च में ये बातें सामने आई है की शाकाहार भोजन वालों के रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा काम होती ही इसीलिए है। ऐसी स्थिति में सोयाबीन आप के शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा की अच्छी बनाये रखने में आप की हेल्प करेगा।
●सोयाबीन में पोटेशियम की मात्रा भी पर्याप्त मात्रा में पाई जाती है। सोयाबीन में केले से भी अधिक मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है। पोटेशियम आप के ह्रदय ,किडनी और नर्व सिस्टम को ठीक तरीके से कार्य करने में पूरी मदत करता है।
●शरीर की मुख्या जरूरतों में एक और मुख्य जरूरी तत्त्व है जिसे फाइबर कहते हैं। हमारे शरीर को रोज लगभग 35 ग्राम फाइबर की आवश्यकता पड़ती है। सोयाबीन की अगर बात करें तो 1 कप सोयाबीन में लगभग 10 ग्राम फाइबर पाया जाता है। बात अगर मांस, मछली या अन्य किसी मांसाहार की की जाये तो इनमे फाइबर बिलकुल भी नहीं पाया जाता है। फाइबर की पर्याप्त मात्रा लेते रहने से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा में कमी , खून में शक्कर की मात्रा नियंत्रण में रहती है।
●अगर आप को उच्च रक्तदाब (High Blood Pressure) की समस्या है तो सोयाबीन में पाए जाने वाले प्रोटीन आप के रक्त दाब (Blood pressure) को नियंत्रण में रखने का कार्य करते हैं। एक रिसर्च में ये बात सामने आई है की जो व्यक्ति रोजाना सोयाबीन के सेवन करते हैं और जो रेगुलर सेवन नहीं करते उनकी अपेक्षा रेगुलर सेवन करने वालों में स्ट्रोक की संभावना 14% काम होती है। अगरआप को ब्लड प्रेशर कण्ट्रोल करना है तो आप को सोयाबीन का सेवन करना चाहिए। सोयाबीन को हर्ट हेल्थी फ़ूड के कैटेगरी में रखा गया है।
●सोयाबीन महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर को बढ़ने से रोकती है। एक सर्वे में यह बात सामने आई है की जो महिलाएं बचपन से ही सोयाबीन का सेवन करती आ रहीं हैं ,उनमे अन्य महिलाओं की अपेक्षा ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना लगभग ५० % तक कम रहती है। सोयाबीन में पाया जाने वाला Isoflavones आइसोफ्लेवोन्स ब्रेस्ट में कैंसर की कोशिकाओं या ट्यूमर ग्रोथ को बढ़ने से रोकता है।
●पुरुषों में होने वाले दुसरे सबसे ज्यादा कैंसर रोगों में प्रोस्टेट कैंसर आता है नंबर एक पर लंग कैंसर आता है। प्रोस्टेट कैंसर को रोकने में सोयाबीन बहुत सहायक माना जाता है। सोयाबीन में पाया जाने वाले Isoflavones दो तरह के होते हैं पहला है डाइडज़ीन (Daidzin ) और दूसरा है जेनिस्टीन Genistin, वैज्ञानिक शोध में ये बात सामने आई है की ये दोनों ही प्रकार के प्रोस्टेट कैंसर में कैंसर ट्यूमर कोशिकाओं को shrink करने या रोकने का कार्य करती है। एशिया में जहाँ सोयाबीन का सेवन ज्यादा किया जाता है वहां वेस्टन वर्ल्ड के मुकाबले प्रोस्टेट कैंसर के मामले बहुत कम देखे जाते हैं।
सोयाबीन से बनने वाले अन्य प्रोडक्ट Soya Ke anya Utpaad
सोयाबीन से अनेक प्रकार के उत्पाद तैयार किये जाते हैं। सभी अन्य उत्पादों के के अपने अलग अलग फायदे भी हैं।
●सोया पनीर
●सोया चंक्स
●सोया मिल्क
●सोया सॉस
●टोफू
●सोयाबीन तेल
●सोया बीन दाल
सोयाबीन को एक्सपोर्ट कैसे करे | Soyabean Ko Export Kaise karen ?
सोयाबीन की नुट्रिशनअल वैल्यू इतनी ज्यादा है की जिसकी वजह से इसकी यहाँ अपने देश और विदेशों में भी भारी डिमांड है। वर्ष 2021-2022 में भारत ने लगभग 14 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन निर्यात किया था। भारत के 746 एक्सपोर्टरों ने मिल कर बहुत सारे देशों में निर्यात किया। बहुत सरे सारे देश ऐसे हैं की जो की इसका उपयोग तो बहुत अधिक मात्रा में करते हैं लेकिन उत्पादन नहीं करते।
तो ऐसे देश अत्यधिक मात्रा में सोयाबीन आयात करते हैं। सोयाबीन की सबसे बड़ी खाशियत यह है की सोयाबीन को सोयाबीन के रूप में निर्यात किया जा सकता है या फिर इसके बहुत सारे अन्य प्रकार के उत्पाद बना कर इसे निर्यात किया जा सकता हैी आइये आप को बताते हैं की सोयाबीन को निर्यात करने के लिए कहाँ से खरीदें और किन किन देशों को निर्यात करे।
इम्पोर्ट एक्सपोर्ट बिजनेस कैसे शुरू करें ?
सोयाबीन निर्यात करने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
GST सर्टिफिकेट
AD कोड सर्टिफिकेट
IEC कोड इम्पोर्ट एक्सपोर्ट लाइसेंस
आधार कार्ड
पैन कार्ड
RCMC सर्टिफिकेट
FSSAI लाइसेंस
निर्यात करने के लिए सोयाबीन कहाँ से खरीदें ?
भारत में सोयाबीन का उत्पादन पर्याप्त मात्रा में होता है। जिनमे से सबसे अधिक मात्रा में मध्यप्रदेश ,महाराष्ट्र, राजस्थान ,कर्नाटक,तेलंगाना में होता है। यहाँ आप सीधे मंडियों में जाकर खरीददारी कर सकते हैं या फिर भारत की सबसे बड़ी वेबसाइट Indiamart जहाँ पर किसी भी प्रकार के प्रोडक्ट के Whole sell सप्लायर एवं Buyer आसानी से मिल जायेंगे आप उनसे संपर्क कर सकते हैं
सभी प्रकार के सोयाबीन को मिलाकर 2022 में भारत से लगभग 50 मिलियन डॉलर का निर्यात हुआ था। वहीं २०२१ में यहीं निर्यात 19.5 मिलियन डॉलर का था। 2021 से 2022 में सोयाबीन निर्यात 151 % बढ़कर 30 मिलियन डॉलर ज्यादा हो गया। भारत ने अपने निर्यात का सबसे ज्यादा बड़ा हिस्सा लगभग 58 % कनाडा को किया।
भारत सोयाबीन सबसे ज्यादा किन देशों को निर्यात करता है ?
वर्ष 2022 में भारत ने किस देश को कितना सोयाबीन एक्सपोर्ट किया ?
कुल निर्यात की सबसे बड़ी हिस्सेदारी के साथ कनाडा (29 मिलियन अमेरिकी डॉलर) 58%
●अमेरिका (7.65 मिलियन अमेरिकी डॉलर) 15%
●तुर्की (5.96 मिलियन अमेरिकी डॉलर) 11.8%
●नेपाल (2.87 मिलियन अमेरिकी डॉलर) 5.72%
●श्रीलंका (2.86 मिलियन अमेरिकी डॉलर) 5.69%
●बेल्जियम (583 हजार अमेरिकी डॉलर) 1.15%
●संयुक्त अरब अमीरात 343 हजार अमेरिकी डॉलर
●कतर 103 हजार अमेरिकी डॉलर
●कुवैत 56 हजार अमेरिकी डॉलर
●वियतनाम 36 हजार अमेरिकी डॉलर
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ऊपर दिए गए आयत निर्यात डाटा से आप को ये कन्फर्म हो गया है की सोयाबीन को कैसे निर्यात करें। अगर आप को आप को एक्सपोर्ट करने में कोई भी दिक्कत आ रही है तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं हम आप की पूरी मदत करेंगे। इसके पहले हमारे अन्य ब्लॉग है जो आप को निर्यात बिज़नेस शुरू करने में पूरी मदत करेंगे आप उन्हें भी पढ़ सकते हैं।
Conclusion निष्कर्ष
सोयाबीन जो कि एक महत्वपूर्ण अनाज एवं शाकाहारियों के लिए सबसे ज्यादा प्रोटीन वाला भोजन है जिसे प्रोटीन का पावरहाउस भी कहा जाता है। आज सोयाबीन के बारे में विस्तार से चर्चा हुई। सोयाबीन क्या होता है ? ,खाने के क्या क्या फायदे हैं ? कैसे खाया जाये इन सभी सवालों के जवाब हमने जाना। इसके अलावा जो हमारी इस ब्लॉग वेबसाइट का मुख्य उद्देश्य है की लोगों को निर्यात करने के लिए कैसे प्रेरित किया जाये उसके लिए सोयाबीन निर्यात करने की पूरी जानकारी दी गई। आप को दी गई जाकारी कैसे लगी हमे जरूर बताएं बहुत बहुत धन्यवाद।
अस्वीकरण: इस हिंदी ब्लॉग वेबसाइट परऔर खाद्य पदार्थों के बारे में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। इसका उद्देश्य पेशेवर सलाह नहीं है, और पाठकों को व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए योग्य विशेषज्ञों से परामर्श करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ब्लॉग प्रदान की गई किसी भी जानकारी की सटीकता, पूर्णता या उपयुक्तता का समर्थन या गारंटी नहीं देता है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करे। Ganv wala Exporter इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता।
Frequently Asked Question
Question 1. सोयाबीन 1 दिन में कितना खाना चाहिए?
Answer 1. वैसे तो सोयाबीन को बहुत अधिक मात्रा में एक साथ खाने से मना किया जाता है। पर अगर संतुलित मात्रा में 100 ग्राम सोयाबीन हर दिन खाई जाये तो इसे से आपके के शरीर द्वारा उपयोग में लायी जाने वाले सभी मिनिरल्स की जरूरतें पूरी हो जाती है। प्रति 100 ग्राम सोया में लगभग 36 ग्राम प्रोटीन पाई जाती है।
Question 2 . क्या पुरुषों को सोयाबीन नहीं खाना चाहिए?
Answer 2. पुरुषों के लिए सोयाबीन बहुत ही लाभकारी है। जो परुष व्यायामशाला जा कर भारी कशरत कर के गठीली शरीर बनाना चाहते हैं। सोयाबीन उनके लिए बहुत ही लाभदायक है।
Question 3. सोया किसे नहीं खाना चाहिए?
Answer 3. जिन लोगों को किडनी सम्बंधित संशय है उन्हें सोयाबीन के सेवन से बिलकुल ही बचना चाहिए। ऐसी स्थिति में आप के रक्त में फाइटोएस्ट्रोजेन नामक रसायन के बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। जिस से आप की किडनी फेलियर जैसी संभावना भी बन जाती है।
Question 4 .क्या सोयाबीन से वजन बढ़ सकता है?
Answer 4. जी बिलकुल सोया चंक्स के निरंतर सेवन से आप के वजन में बृद्धि शरीर सुडौल और आकर्षक बनता है। जो परुष जिम जाकर सुन्दर एवं आकर्षक शरीर पाना चाहते है उन्हें सोया चंक्स को अपने नाश्ते में शामिल करना चाहिए।
Question 5. भीगी हुई सोयाबीन में कितना प्रोटीन होता है?
Answer 5. सोया चंक्स को कुछ देर तक भिगाने के बाद ही खाना चाहिए जिसके पश्चात ये और भी फायदेमंद हो जाता है। सामन्य तौर पर १०० ग्राम सोयाबीन में 36.5g प्रोटीन पाया जाता है।
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