AD Code | 3 Step Quick रजिस्ट्रेशन

दोस्तों नमस्कार आज हम AD Code के बारे में चर्चा करेंगे। AD Code आयात- निर्यात ब्यपार करने के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज़ एवं एक 14 अंकीय कोड है जो बैंकों द्वारा आयात निर्यात करने वाले व्यपारियों को दिया जाता है। AD Code का उपयोग आयात या निर्यात के लिए विदेशी मुद्रा लेन देन के लिए किया जाता है। आगे अड़ कोड के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

Ad Code

 

जब से हमारे देश में डिजिटल क्रांति आई है तब से देश की तरक्की को चार चाँद लग गए हैं। कमोवेश हर व्यापारिक क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। एक औद्योगिक क्रांति सी आई है।

2016 से अब तक 8000 ऐसे नए स्टार्टअप दर्ज किये गए हैं जिनका मिनिमम टर्नओवर 50 करोड़ के ऊपर का है। हर क्षेत्र में चाहे वो आईटी क्षेत्र हो , ऑटो मोबाइल हो , इंजीनियरिंग क्षेत्र हो इंटरनेशनल स्पेस क्षेत्र हो कृषि क्षेत्र हो ,मेडिकल क्षेत्र हो हर क्षेत्र में एक बूम सा आया है। और ये वृद्धि उत्तरोत्तर जारी है।

इसका बहुत बड़ा असर अपने निर्यात व्यापार पर भी दिखा है। बहुत अधिक मात्रा नए नए स्टार्टअप और बिजनेसमैन ने निर्यात करना शुरू कर दिया है। वैसे तो एक्सपोर्ट या इम्पोर्ट के लिए बहुत सारे नियम कानून बनाये गए हैं।

बहुत सारे दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है। आज हम जिस दस्तावेज पर चर्चा शुरू किये हैं वो है Ad Code , Ad Code क्या है ?, Ad Code का मतलब क्या है ,कैसे काम करता है। Ad Code कहाँ से प्राप्त कर सकते हैं सब कुछ बातएंगे।

अधिक जानकारी के लिए आप ये वीडियो देख सकते हैं।

AD Code Full Form : AD  का फुल फॉर्म

Ad Code का फुल फॉर्म Authorized Dealer Code होता है AD Code के लिए रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया अपने अन्य सहायक बैंकों को ऑथराइज़्ड करती है की वो उन व्यापारियों को AD Code देकर आयात -निर्यात बिज़नेस के लिए परमिट करे जो आयात या निर्यात करना चाहता है।

चूँकि सारा विदेशी मुद्रा का लेन-देन एक बहुत ही संवेदनशील विषय है इस लिए इसे खुद Reserve Bank Of India  निगरानी करता है। ताकि कोई भी अनियमित लेन-देन न हो सके।

जितने भी व्यापारी आयात-निर्यात में शामिल हैं अगर उनमे से कुछ परसेंट भी अगर अनियमित लेन देन शुरू कर दें तो भी हमारे देश को बहुत अधिक मात्रा में विदेशी मुद्रा का नुकसान होगा।

ऐसा न हो इस लिए रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया सभी भारतीय आयातकों और निर्यातकों के लिए एक 14 अंकों का अद्वितीय ऑथराइज़्ड डीलर कोड जारी करता है , और इसी के जरिये एक-एक आयातकों और निर्यातकों के विदेशी मुद्रा लेन-देन पर बारीकी से निगरानी करता है।

AD Code Meaning : AD कोड का हिंदी में मतलब क्या होता है? 

AD Code को Authorized Dealer Code भी कहते हैं जिसका हिंदी में मतलब अधिकृत डीलर कोड होता है। जिसे आयातक और निर्यातक अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में विदेशी मुद्रा के लेन देन में करते हैं। भारत सरकार के डिजिटल इंडिया के प्रोग्राम ने भारत को वैश्वीकरण के रेस में विश्व बाजार के बहुत करीब ला दिया है।

जिससे हर उद्यमी निर्यात करना चाहता है उसको कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है। साथ में कुछ कानूनी दस्तावेज़ की भी जरूरत पड़ती है।निर्यात शुरू करने के लिए आप सबसे पहले DGFT पर इम्पोर्ट एक्सपोर्ट कोड या इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट लाइसेंस प्राप्त करना होता है ।

एक बार DGFT पे apply करने के पश्चात फॉरेन महानिदेशक के अप्रूवल से आप को IEC कोड जारी हो जाता है। जिसके बाद आप निर्यात करने के लिए पहला दस्तावेज को प्राप्त कर चुके हैं। अब आगे निर्यात करने के लिए अपने प्रोडक्ट के हिसाब से शिपिंग बिल फाइल करना पड़ेगा।

शिपिंग बिल फाइल करने के लिए आप भारतीय कस्टम इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज प्लेटफॉर्म ICEGATE पे सबमिट कर के जेनरेट किया जाता है।

Ad Code की आवश्यकता क्योँ पड़ती है ?

शिपिंग बिल में निर्यात किये जाने वाले सामान की जानकारी, कितना सामान जा रहा, सामान का भार कितना है , क्वालिटी क्या है , शिपमेंट किस बंदरगाह से किस बंदरगाह तक जाना है , बाकी अन्य आवश्यक जानकारी आप को शिपिंग बिल में देनी पड़ती है।

ये सारी जानकारी सीमा शुल्क विभाग के इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज प्लेटफॉर्म पर सबमिट करनी पड़ती है। शिपिंग बिल के कस्टम विभाग से परमिट लेने के लिए AD कोड की जरूरत पड़ती है। बिना AD कोड के शिपिंग बिल अप्रूव नहीं होगा।

AD कोड कहाँ से मिलता है, कौन जारी करता है?

जैसा की हमने ऊपर बताया है की Ad Code आयात निर्यात व्यापर के लिए IEC कोड के बाद सबसे जरूरी जरूरी कानूनी दस्तावेज़ है ,जिसके बिना निर्यात संभव नहीं है। तो अब सवाल ये उठता है की की अड़ कोड मिलता कैसे है और कहाँ से मिलता है ?

तो आप को बता दें की भारत देश कोई भी विदेशी मुद्रा लेन-देन होता है सब पर रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया बारीकी से निगरानी करता है। चूँकि रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया सीधे तौर पर व्यवहारिक Banking से नहीं जुड़ा है।

तो RBI अन्य राष्ट्रीय बैंको को अधिकृत करता है की वो अधिकृत डीलर कोड जारी कर सकें।यहाँ आप को ये भी बता दें की सभी राष्ट्रीय बैंक की सब शाखाएं AD Code जारी करने के लिए अधिकृत नहीं होती हैं।

उदाहरण के लिए के हमारे भारत देश के जो सबसे बड़ी राष्ट्रीय बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया है। किसी भी एक शहर में मौजूद सभी स्टेट बैंक की शाखाएं AD कोड जारी करने के लिए अधिकृत नहीं होती। उनकी जो मुख्य शाखा होगी वही आप को AD कोड जारी करने के लिए अधिकृत होगा।

AD Code Registration : AD कोड रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

आप जिस भी बंदरगाह से आयात निर्यात करना चाहते हैं वहां पहली बार आप को रजिस्टर्ड करना पड़ेगा। फिर आप वहां से लाइफ टाइम के लिए आयात निर्यात कर सकते हैं।

यातक या निर्यातक के लिए किसी भी एक राष्ट्रीय बैंक में एक चालू खाता होना जरूरी है। निर्यातक अपनी बैंक से एक आवेदन पत्र देकर AD कोड  प्राप्त कर सकते हैं। जिसके लिए नीचे दिए गए कुछ चरणों को अनुसरण कर के AD कोड प्राप्त कर सकतें हैं।

● सबसे पहले आप का एक चालू खाता उस राष्ट्रीय बैंक में होना चाहिए , जो अड़ कोड जारी करने क लिए अधिकृत हो उसी में खाता खोलना चाहिए।

AD कोड प्राप्त करने के लिए बैंक का एक प्रारूप होता है जिसे भर कर आप को एक अनुरोध आवेदन पत्र बैंक को देना पड़ता है।

● बैंक आवेदन स्वीकार्य कर के आप की पात्रता की जांच करता है। अगर आप अड़ कोड प्राप्त करने के लिए पात्र पाए जाते हैं तो बैंक आप के आवेदन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जायेगा। इसके बाद विदेश व्यापार के महानिदेशक आप को AD कोड जारी करते हैं।

● अब आप ने निर्यात करने के रास्ते में एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। अड़ कोड प्राप्त करने के बाद आप को अपने अड़ कोड को उस सम्बंधित पोर्ट पर ICEGATE के साथ रजिस्टर्ड करना पड़ेगा जहाँ से आप आयात या निर्यात करना चाहते हैं।

●आप को एक पोर्ट पर एक ही बार रजिस्टर्ड करना पड़ेगा फिर कहे आप कितनी बार भी उस पोर्ट से आयात या निर्यात करें।
अड़ कोड प्राप्त होने के बाद भारत में मौजूद सभी बंदरगाह से आप आयात या निर्यात नहीं कर पाएंगे।

AD कोड को ICEGATE के साथ रजिस्टर्ड करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़

● अड़ कोड का मूल प्राधिकार पत्र जो बैंक ने आप को जारी किया हो।

● आप का अपना स्वा सत्यापित पैन कार्ड की एक प्रति।

● आप की कंपनी का एक लेटरहेड पर ad कोड रजिस्ट्रेशन के लिए लिखा हुवा आवेदन पत्र।

● GST रजिस्ट्रेशन की एक प्रतिलिपि।

● आयात-निर्यात कोड की प्रतिलिपि

● पहचान पत्र आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र , या फिर पासपोर्ट की एक प्रतिलिपि

● पिछले ३ वित्तीय वर्ष की आयकर रिटर्न प्रतिलिपि

● पासपोर्ट साइज फोटो

ICEGATE AD Code Registration

AD कोड को ICEGATE के साथ रजिस्टर्ड करने के लिए निम्नलिखित चरणों का अनुसरण करें।

● ICEGATE की वेबसाइट पर जाएँ और अपने लॉगिन डिटेल के साथ लॉगिन करें।

● लॉगिन हो जाने के बाद आप को बाईं तरफ बैंक खाता प्रबंधन दिखाई देगा उसपर क्लिक करे।

● अब आप एक्सपोर्ट प्रमोशन बैंक अकाउंट वाले पेज पर आ गए हैं यहाँ आप AD कोड रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करे।

● AD कोड रजिस्ट्रेशन चुने और फिर Ad कोड बैंक खाता पंजीकरण के लिए सबमिट करें।

● सारे आवश्यक विवरण भरकर दस्तावेज को अपलोड करें।

● सारे विवरण फीड होने के बाद सेव कर लें , आप को आप के पंजीकृत मोबाइल नंबर और e-mail ID पर 6 अंको का OTP भेजा जाता है

● OTP सबमिट करने के बाद ICEGATE बारी बारी से अलग अलग आप के मोबाइल नंबर और e-mail ID को सत्यापित करने बाद विवरण ICEGATE में सबमिट हो जाता है।

ICEGATE आप की पात्रता जाँच करने बाद इसे मान्य कर देता है। उसके बाद आप के बैंक खाते का विवरण AD कोड डैशबोर्ड पर दिखने लगता है

और इसी के साथ आप का रजिस्ट्रेशन पूर्ण हो जाता है। और अब आप आयात-निर्यात करने के लिए पात्र हो गए हैं। अब आप बेहतरीन भारतीय प्रोडक्ट निर्यात कर के अपने देश के आर्थिक विकाश में अपना अमूल्य योगदान दें।

Disclaimer : निष्कर्ष 

आयात-निर्यात की द्रृष्टि AD Code  एक बहुत ही महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज है जिसकी जरूरत निर्यात करने क लिए अति आवश्यक है। AD Code के जरिये रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया विदेशी मुद्रा लेन देन पर निगरानी रखता है। AD Code के माध्यम से ही RBI कुल विदेशी व्यापर में विदेशी मुद्रा आवागमन का आंकलन भी करता है।

भारत सरकार कुछ विशेष योजना के तहत निर्यात करने करने पर निर्यातकों को प्रोत्साहन राशि देती है। इस राशि का आकलन भी अड़ कोड के माध्यम से ही करता है। वस्तु और सेवा कर में मिलने वाले लाभ का आकलन भी सरकार अड़ कोड के माध्यम से होता है। तो अब हम इस निष्कर्ष पर पंहुचे हैं की AD Code आयात और निर्यात व्यपार के लिए सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है।

Frequently Asked Question 

Question 1. एडी कोड क्या होता है?

Answer 1. AD Code को अधिकृत डीलर कोड भी कहा जाता है। अड़ कोड को आयातक या निर्यातक अपने अंतरष्ट्रीय व्यापार में विदेशी मुद्रा के लेन देन में करता है। आयातक या निर्यातक AD Code अपने उस बैंक से प्राप्त करता है जिसमे उसका चालू खाता रहता है।

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