Custom Duty Meaning In Hindi – कस्टम ड्यूटी का क्या मतलब क्या होता है ?

दोस्तों आज हम कस्टम ड्यूटी के बारे में जानेगे।Custom Duty Meaning In Hindi कस्टम ड्यूटी क्या होती है?, कितने प्रकार की होती है ?, कस्टम ड्यूटी कौन लगाता है ?, कैसे भरी जाती है ?, A to Z सारी जानकारी आज आप को देंगे यकीन कीजिये की अकेले इस ब्लॉग को पढ़ लेने के बाद आप को कोई और ब्लॉग पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी या फिर कहीं और से कोई और जानकारी सर्च करने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं पड़ेगी।

Custom Duty Meaning In Hindi

Custom Duty Meaning In Hindi अब अगर इसे और सरल भाषा में समझे तो वो ये है की जब भी कोई वस्तु किसी देश की सीमा से बाहर जाती ह। या फिर अन्य किसी देश से अपने देश में आती है या लाइ जाती है , तो उस दौरान सीमा पर सरकार द्वारा कुछ शुल्क लगाए जाते हैं। जिसे सीमा शुल्क कहते हैं।

Custom Duty Meaning In Hindi कस्टम ड्यूटी क्या होती है?

Custom Duty Meaning In Hindi कस्टम ड्यूटी का हिंदी में मतलब सीमा शुल्क होता है।। वस्तुओं के आयत व निर्यात के समय सरकार हर वस्तु पर कुछ कर या शुल्क वसूल करती है। इस तरह सीमा पर सरकार द्वारा लगाए गए शुल्क को ही सीमा शुल्क Custom Duty कहते हैं।  भारत में कस्टम ड्यूटी का लेखा जोखा भारत सरकार के सीमा शुल्क अधिनियम १९६२ के अनुशार कस्टम ड्यूटी केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा लगाया जाता है।

केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड भारत सरकार को सीमा शुल्क Custom Duty लगाने , किसी अन्य देश से कुछ प्रतिबंधित वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाने , देश के अंदर वो वस्तुएं जिनकी कमी हो उनके निर्यात में रोक लगाने, प्रतिबंधित वस्तुओं के यात एवं निर्यात करने पर दंड लगाने की अनुमति देता है।केंद्रीय उतपाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड सीमा शुल्क Custom Duty चोरी रोकने, तस्करी रोकने एवं सीमा शुल्क के भुगतान में अनियमितता पाए जाने पर दंड देने एवं उसे रोकने समन्धित सारी नीतियां भी बनाता है।

Type of Custom Duty: सीमा शुल्क के प्रकार

सीमा शुल्क मुख्यतः २ प्रकार के होते हैं ।

 Import Custom Duty: आयात सीमा शुल्क

आयात सीमा शुल्क :देश के बहार विदेशों से हजारों टाइप के जरूरत के समान आयात किये जाते हैं। ज्यादातर आयात समुद्र मार्ग से,वायु मार्ग से या फिर सड़क मार्ग से किया जाता है। जिनपर सरकार अलग-अलग प्रकार की वस्तुओं पर अलग सीमा शुल्क लगाती है जिसे आयात शुल्क Import Custom Duty कहा जाता है । जिसे समय समय पर समीक्षा कर के घटाया एवं बढ़ाया जाता है। ऐसा इस लिए किया जाता है जिससे वस्तुओं की समानता बनी रहे।

 Export Custom Duty : निर्यात सीमा शुल्क

निर्यात सीमा शुल्क : देश से बाहर निर्यात होने वाली हर वस्तु पर चाहे वो समुद्री मार्ग से हो , वायु मार्ग से हो या फिर सड़क मार्ग से हो उस पर लगने वाले शुल्क को निर्यात सीमा शुल्क Export Custom Duty   कहते है। भारत सरकार की नई नीतियों के अनुसार सरकार आयात की अपेक्षा निर्यात को अधिक बढ़ावा दे रही है। जिसके परिणाम स्वरुप निर्यात पर सीमा शुल्क बहुत कम लगाया जाता है। बल्कि सरकार अलग अलग वस्तुओं के निर्यात पर सब्सिडी भी देती है।

Why Custom Duty Is Mandatory : सीमा शुल्क क्यों लगाए जाते हैं ?

सीमा शुल्क लगाने के निम्मनलिखित कारण हैं।

1.  सीमा शुल्क लगाने से सरकार को बहुत अधिक मात्रा में राजश्व प्राप्त होता है जिनका उपयोग सरकार अपनी जनता के अन्य भलाई के कामों में करती है।

2. अन्य दुसरे देशों से कोई सामान अधिकता में अपने देश में आयात होने की स्थिति में अपने ही देश में उतपादित होने वाले उसी सामान की कीमत में बहुत कमी आ जाएग। जिस से अपने देश के व्यापारियों को भारी नुकसान होने की संभावना बन जाती है। ऐसी स्थिति को रोकने के लिए सरकार बाहर से आयातित होने वाली वस्तुओं पर बहुत अधिक मात्रा में शुल्क लगाती है जिससे वस्तुओं की समानता बनी रहती है।

आइये इसे कुछ उदहारण से समझते हैं।

हमारे देश में बहार से आयात होने वाले ९० % इलेक्ट्रिक एवं अन्य वाहनों पर १०० % का सीमा शुल्क Custom Duty लिया जाता है जिससे विदेश से आयात होने वाली गाड़ियां यहाँ बहुत महंगे दामों पर बिकती हैं। नतीजा ये होता है कि बहुत ही कम लोग बाहर से ऐसी महंगी गाड़ियों को आयात करते हैं। लोग हमारे देश में ही बनी गाड़ियों को लेना पसंद करते हैं। जिसका परिणाम ये हुआ है, कि हमारे देश कि जानी मानी और सम्मानित कम्पनी टाटा एवं महिंद्रा ने रिकॉर्ड तोड़ गाड़ियां बेंची हैं। जिस से हमारे देश का पैसा हमारे ही देश में रह गया। और लाखों भारतीय नौजवानों को रोजगार भी मिला ।

इसी कड़ी में आप को बताते चलें कि दुनिया के शीर्ष बिजनेसमैन जिनका नाम एलोन मश्क है। वे एक बहुत बड़ी कार निर्माता कंपनी जिसका नाम टेस्ला है के मालिक भी हैं। वे अपनी कार भारत में लॉन्च करना चाहते थे लेकिन वे उसको यहाँ निर्मित करना चाहते थे। बल्कि बाहर से लाकर बेंचना चाहते थे। जिसका निर्माण वो चीन में कर रहे हैं। चूँकि सरकार ने बहार से आयात होने वाले वाहनों पर १०० % शुल्क लेती है इस लिए उस कार कि कीमत बहुत ज्यादा हो जा रही थी।

जिसका उन्होंने भारत सरकार से विरोध भी जताया। भारत सरकार ने उनको साफ़ साफ़ कह दिया कि अगर आप भारत के अंदर व्यापार करना चाहते हो तो आप को अपनी निर्माण फैक्ट्री हमारे देश में ही लगानी पड़ेगी। जिससे देश के नौजवानों को रोजगार भी मिलेगा और तकनीकी स्थानंतरण भी होगा।

Calculation Of Custom Duty: सीमा शुल्क की गणना

सीमा शुल्क की गणना : सीमा शुल्क Custom Duty की गणना वस्तुओं की क़्वालिटी, उसकी कीमत , मात्रा, एवं वजन के हिसाब से किया जाता है। सीमा शुल्क मूल्यांकन, सीमा शुल्क मूल्यांकन नियम -३ के तहत किया जाता है।

सीमा शुल्क गणना करने क लिए सरकार की केंद्रीय उतपाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड की वेबसाइट (ICEGATE) पर जा कर की किया जाता है। शुल्क गणना मूल्यांकन करने क लिए वेबसाइट(ICEGATE) पर मौजूद कैलकुलेटर का उयपोग किया जाता है। किसी भी वस्तु का सीमा शुल्क जानने के लिए उस वस्तु का (HSN) कोड डाल के किया जाता है।

Custom Duty Payment: सीमा शुल्क का भुगतान

सीमा शुल्क का भुगतान : सीमा शुल्क  Custom Duty का भुगतान करने क लिए आयातित वस्तु की कोड और पूरा डिटेल लेकर वेबसाइट पर डाल कर सीमा शुल्क राशि जान ली जाती है। फिर हमको (ICEGATE) के ई- भुगतान के पोर्टल पर जाकर अपनी आई डी से लॉगिन कर के अपना आयात निर्यात कोड एवं अन्य जानकारी डाल कर के अपनी भुगतान राशि की जानकारी कर लें। इसके पश्चात भुगतान करने का माध्यम चुने नेट बैंकिंग , या फिर बैंक पेमेंट चुन कर के भुगतान को पूर्ण करें। भुगतान के पश्चात प्राप्त हुई रसीद को अपने पास सम्हाल के रखें।

Conclusion:निष्कर्ष

निष्कर्ष : दोस्तों आज हमने जाना कि Custom Duty Meaning In Hindi कस्टम ड्यूटी का हिंदी में मतलब क्या होता है , कितने प्रकार का होता है, कैसे पेमेंट होता है और भी सब कुछ। कुछ और जानकारी है जो अभी तक बची रह गई है जिसे अगले ब्लॉग में शामिल किया जायेगा। आप में से कोई भी दोस्त अगर इम्पोर्ट या एक्सपोर्ट करना चाहता है। तो कृपया अपना मोबाइल नंबर हमे हमारी मेल आई दी पर मेल करें। हम आप को खुद से कॉल करेंगे। और एक्सपोर्ट बिज़नेस के लिए पूरी मदत करेंगे। बहुत बहुत धनयवाद।

F.A.Q.

FAQ. 1. कस्टम के हिंदी अर्थ ?

किसी भी वस्तु के किसी देश की सीमा से बाहर ले जाते समय और किसी अन्य देश से अपने देश में लाते समय जो शुल्क सीमा पर जमा करवाया जाता है , उसे ही सीमा शुल्क कहते हैं। इसे जकात , कर या चुंगी भी कहा जाता है।

FAQ. 2. भारत की सीमा कितनी लंबी है?

भारत की सीमा मुख्यतः दो भागों में बनती है पहला मुख्य जमीनी सीमा और दूसरी अंडमान- निकोबार से लगी हुई तटीय रेख। मुख्या जमीनी रेखा की जिसकी लम्बाई 15,200 किलोमीटर है। जबकि अंडमान-निकोबार से जुडी हुई तटीय रेखा जिसकी लम्बाई 7516.6 किलोमीटर है।

FAQ. 3. कस्टम अधिकारी कौन है?

वे अधिकारी जो सीमा पर से होने वाले आयात निर्यात पर नजर रखते हैं। कस्टम अधिकारी कहा जाता है। इनकी जिम्मेदारी उचित कस्टम ड्यूटी वसूल करना प्रतिबंधित वस्तुओं का आयात निर्यात रोकना और आयातित और निर्यातित वस्तुओं पर उचित शुल्क की भी होती है।

 

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3 thoughts on “Custom Duty Meaning In Hindi – कस्टम ड्यूटी का क्या मतलब क्या होता है ?”

  1. बहुत हि अच्छी जानकारी इस पोस्ट के माध्यम से आज मुझे मिली ,भविष्य मे आप के साथ जुड़ कर मैं भी यह काम शुरू करुगा.
    आपका बहुत बहुत धन्यवाद!

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  2. बहुत हि अच्छी जानकारी आपका बहुत बहुत धन्यवाद!

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