Export Meaning In Hindi | एक्सपोर्ट मीनिंग इन हिंदी

Export Meaning In Hindi एक्सपोर्ट को हिंदी में क्या कहते हैं दोस्तों Export का नाम तो हम सब ने सुना ही होगा। किसी न किसी माध्यम से ये नाम हमे दिन भर 2 से 4 बार तो सुन ही लेते होंगे तो दोस्तों बता दें की Export हमारा भी बहुत पसंदीदा विषय है। आज इसके बारे में पूरा विस्तार से जानेंगे। सवाल है की Export Meaning In Hindi क्या है ? तो इसका जवाब है की Export को हिंदी में निर्यात कहते हैं। पर इतने से तो बात बनेगी नहीं तो आओ इसे विस्तार से समझते हैं।

Export Meaning In Hindi

Export के साथ एक और समानार्थी शब्द आता है जिसे Import कहते हैं Import के साथ हमेशा Export आता है आज इन्ही दोनों शब्दों के बारे में हम पूरी चर्चा करेंगे Import-Export ये सिर्फ दो शब्द नहीं इन्ही के इर्द-गिर्द ही हमारे देश की पूरी अर्थ व्यवस्था घूमती है। सिर्फ हमारे देश की ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की अर्थ व्यवस्था लगभग इन्ही शब्दों की इर्द गिर्द ही घूमती है।

Export : निर्यात

जब भी कोई वस्तु या सामान एक देश से दुसरे देश को भेजा जाता है तो इसे निर्यात कहते हैं। निर्यात की जाने वाली वस्तुओं में लगभग सारी चीजें जैसे खाद्य सामग्री , जीवन रक्षक औषिधियाँ , अनाज ,कपडे , गाड़ी , गाडी के पार्ट्स, हथियार आदि सब वस्तुएं शामिल होती हैं।

चूँकि हम जानते हैं की इस पृथ्वी पर अलग-अलग भागों में अलग-अलग समय में अलग-अलग मौषम रहता है। जिसकी वजह से अलग-अलग देशों में एक समय पर अलग अलग खाने पीने वाली चीजें उगाई एवं पैदा होती हैं। जो चीजें हमारे यहाँ नहीं उपलभ्ध होती हैं उन्हें हम बाहर से मंगवाते हैं जिसे Import या फिर आयात कहते हैं। जो चीजें उसी समय पर किसी और देश में नहीं होती और हम उन्हें अपने देश से भेजते हैं इसे निर्यात कहते हैं।

निर्यात मीनिंग इन हिंदी :

जब हम किसी भी यातायात या वैश्विक परिवहन के माध्यम से जरूरत की वस्तुओं को अपने देश से दुसरे देश में भेजते हैं तो इसे ही निर्यात या Export कहते हैं। निर्यात ही एक माध्यम है जिसकी माध्यम से हम अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत कर के अपने देश को खुशहाल एवं तरक्की के रास्ते पर ले के आ सकते हैं। दोस्तों हमें लगता है की जो आज का सवाल है Export Meaning In Hindi तो यही इस सवाल का सबसे अच्छा जवाब है।

निर्यात की आवश्यकता एवं महत्व

Export एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके जरिये हम केवल अपनी जरूरतों को ही पूरा नहीं करते बल्कि एक दूसरे से जुड़ते भी हैं। दोस्तों ये केवल लेन देन का व्यापार ही नहीं हैं , बहुत बड़ा विषय है। इसके बारे में जितना कहा जाये उतना ही कम है। कोई भी जीव जो की इस धरती पे जनम लिया है जिन्दा है। उसकी जरूरतें उसी दिन से शुरू हो जाती हैं।

चूँकि अगर इंसान के अलावा अन्य जीवों की बात की की जाये तो वो आयात-निर्यात में शामिल नहीं होते उन्हें जो सामने तुरंत उपलब्ध है उसी में जीवन निर्वहन कर लेता है। लेकिन इंसानों के के बारे में ये बातें लागूं नहीं होती। यूनिवर्स ने इंसानी दिमाग को सुपर पावर की तरह बनाया है।

इंसान ही धरती पर मौजूद एक मात्र जीव है , जो मौजूदा परिस्थितयों के विपरीत भी सोच सकता है , जो परिस्थियों को बदलने का माद्दा भी रखता है। जो अपने जीवन के अनुकूल परिस्थितयों को बनाने में सक्षम है। इंसान के अलावा लगभग सभी जीव यूनिवर्स द्वारा दी हुई परिस्थतियों ,एवं संसाधनों पर ही निर्भर है।

इंसान के जीवन में पैदा होने से लेकर मरने तक जितनी भी चुनौतियओं का सामना करता है सारी चुनौतियों को अपने हिसाब ढालने में सक्षम है। जिसमे प्रकृति से अलग अपना घर बना के रहना हो , तमाम प्रकार की टेक्नोलॉजी का उपयोग कर के मौसम, एवं परिस्थिति को अपने अनुकूल कर के जीवन यापन करना शामिल है।

इसी क्रम में मनुष्यों द्वारा उपलब्ध वस्तुओं का उपयोग एवं अनुपलब्ध वस्तुओं का आदान प्रदान किया जाता है। इन्ही वस्तुओं का आदान प्रदान जब एक देश दुसरे देश के बीच में किया जाता है तो इसी को ही Export या फिर निर्यात कहते हैं। दोस्तों आज का जो टॉपिक है Export Meaning In Hindi ,इसका जवाब एक शब्द में दे पाना या फिर कुछ लाइनों में बता पाना मुश्किल है।

जब किसी एक देश से दुसरे देश में कोई भी वस्तु निर्यात की जाती है तो केवल वस्तुएं ही आयत निर्यात नहीं होती इसके साथ साथ उनकी संस्कृति और मूल्यों का भी आवागमन होता है।

निर्यात करने पर हमारे देश में बाहर के देशों की करेंसी हमारे देश में आती है जिसे से हमारे देश का रुपया मजबूत होता है। निर्यात ही एक मात्र ऐसा माध्यम है जिसके जरिये एक देश अपनी अर्थव्यवस्था को बहुत मजबूत बना सकता है। निर्यात ही एक देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती की सबसे मजबूत धुरी है।

Type Of Export : निर्यात के प्रकार

निर्यात मुख्यतः 3 प्रकार के होते हैं

Sea Export : समुद्री रास्ते  से निर्यात

जब भी एक देश से दुसरे देश के बीच में वस्तुओं के आदान-प्रदान के लिए समुद्र के जल मार्ग का उपयोग किया जाता है तो इसे ही समुद्री रास्ते से निर्यात करना कहते हैं। जल मार्ग या समुद्री मार्ग से निर्यात पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा मात्रा में किया जाता है। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण ये है की दुनिया के एक चौथाई भाग पर जमीन है जो की इंसानों के रहने के लायक है।

जबकि एक तिहाई पृथ्वी पर केवल जल ही जल है। दुनिया के लगभग सारे देश एक दुसरे से जमीन से ज्यादा जल से जुड़े हैं। इसी लिए वस्तुओं के आदान-प्रदान या फिर आयात-निर्यात के लिए समुद्री मार्ग का उपयोग किया जाता है। समुद्र के रास्ते या जल मार्ग से निर्यात करने के लिए बड़ी बड़ी पानी के जहाजों का उपयोग किया जाता है। जिनमे एक समय में 1500 से 5000 तक कंटेनर लोड हो सकते हैं।

समुद्री रास्ते से निर्यात के फायदे

●समुद्री रास्ते से बहुत अधिक मात्रा में सामान या कार्गो एक ही समय में एक स्थान से दुसरे स्थान पर ले जाये जा सकते हैं।

●समुद्री मार्ग लगभग 90 % देशों को आपस में जोड़ता है, जिस से एक देश से दुसरे देश में आयात-निर्यात बहुत आसान हो जाता है।

●जलमार्ग से इतनी अधिक मात्रा में वस्तुओं का आवागमन आसानी से हो जाता है जबकि इतना ही सामान या कार्गो अगर एक साथ जमीन के रास्ते या फिर सड़क मार्ग से ले जाना हो तो आम जन जीवन बहुत प्रभावित होगा।

●जल मार्ग में एक साथ में इतना अधिक सामन ले जाने के कारण निर्यात की लागत बहुत कम आती है जिस से ईंधन की बचत होती है और प्रत्यक्ष लाभ होता है।

●जल मार्ग से बड़ी से बड़ी वस्तुओं या इंजीनियरिंग गुड्स जैसे किसी फ़ैक्टरी का स्त्नातन्तरण भी एक साथ में एक देश से दुसरे देश में किया जा सकता है जो की किसी अन्य माध्यम में एक साथ में ले जाना संभव नहीं है।

●जल मार्ग से निर्यात करने के बहुत अधिक सामान के निर्यात के लिए बहुत कम मैन पावर की जरूरत पड़ती है।

Air Export : वायु मार्ग से निर्यात

जब भी किसी एक देश से दुसरे देश में वस्तुओं को वायु मार्ग से भेजा जाता है तो इसे वायु मार्ग से निर्यात कहा जाता है। वायु मार्ग से निर्यात करने के बहुत अधिक से गति से उड़ने वाले हवाई जहाजों या वायुयानों से किया जाता है।

वायु मार्ग से निर्यात के फायदे

●वायु मार्ग से निर्यात में बहुत ही कम समय में वस्तुओं को एक देश से दुसरे देश तक पंहुचाया जाता है।

●वायु मार्ग से बहुत कीमती वस्तुओं को बिना किसी नुकसान के ही कम समय में निर्यातित वस्तु को उसके गंतब्य तक पंहुचाया जा सकता ह।

●वायु मार्ग से निर्यात किये जाने पर आयातक को बहुत लम्बे समय तक इंतज़ार नहीं करना पड़ता लगभग उसी दिन सामान को प्राप्त कर सकता है।

●कभी-कभी आपात काल में चिकित्सा चिकितसकों द्वारा एक मरीज को या उसके किसी अंगों को भी एक देश से दुसरे देशों में हवाई मार्ग द्वारा बहुत कम समय में पंहुचाया जाता है।

Export By Road : सड़क मार्ग से निर्यात

जब भी किसी जरूरत की वस्तुओं का आदान प्रदान एक देश से दुसरे देश में करने के लिए सड़क मार्ग का उपयोग किया जाता है सड़क मार्ग से निर्यात के अंतर्गत आता है। इस तरह के निर्यात का उपयोग भारत अपने पड़ोसी देशों के यहाँ निर्यात में करता है। जैसे नेपाल, बांग्लादेश पाकिस्तान आदि देशों में निर्यात क लिए ज्यादातर सड़क मार्ग के निर्यात का माध्यम ही चुना जाता है।

सड़क मार्ग से से निर्यात के फायदे :

●सड़क मार्ग से किसी भी वस्तु की कम से कम मात्रा भी एक देश से दुसरे देश को आसानी से कम समय में निर्यात किया जा सकता है।

●कम मात्रा में निर्यात करने के लिए सड़क मार्ग सबसे फायदेमंद माध्यम है।

●इस माध्यम से निर्यात करने पर समय और ईंधन की खपत बहुत कम होती है।

●सड़क मार्ग से निर्यात करने के लिए बड़े बड़े ट्रकों और ट्रेलरों का पयोग किया जाता है।

Required Document For Export : निर्यात के लिए आवश्यक दस्तावेज

●इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट लाइसेंस

AD कोड

●किसी भी राष्ट्रीय बैंक में एक कहलू खाता

●वस्तु एवं सेवा कर प्रमाणपत्र GST सर्टिफिकेट

●पहचानपत्र आधार कार्ड , वोटर ID कार्ड

●पैन कार्ड

Conclusion : निष्कर्ष

Export Meaning In Hindi जी हाँ दोस्तों आज हम इसी विषय पे बात कर रहे थे एक्सपोर्ट या निर्यात के बारे में एक-एक जानकारी आज आप को दिए। एक्सपोर्ट या निर्यात क्या है ? एक्सपोर्ट या निर्यात कितने प्रकार का होता है ? कैसे करें सब कुछ ठीक से बताया गया। दोस्तों जैसा की आप लोग जानते हैं की इस ब्लॉग का नाम ही गांव वाला एक्सपोर्टर है। मतलब हमारा उद्देश्य ही हर गांव से ऐसे बच्चों एवं व्यपारियों को जागरूक करना एवं पूरी सहायता प्रदान करना जो की एक्सपोर्ट बिज़नेस शुरू करना चाहते है। तो दोस्तों उम्मीद करता हूँ की Export Meaning In Hindi के बारे में आप को दी हुई जानकारी अच्छी लगी होगी।आप को कैसे लगी जरूर बताएं बहुत बहुत धन्यवाद।

Frequently Asked Question 

Question 1. एक्सपोर्ट का मतलब क्या होता है?

Answer 1. जब हु हम किसी भी जरूरत की वस्तु को वैश्विक परिवहन को उपयोग करते हुए किसी अन्य देश को भेजते हैं तो इसे ही एक्सपोर्ट या निर्यात कहते हैं। भारत अपने देश विभिन्न प्रकार की वस्तुएं विश्व के लगभग सभी देशों को भेजता है। और एक्सपोर्ट को बढ़ावा भी दे रहा है।

Question 2. भारत सबसे ज्यादा क्या एक्सपोर्ट करता है?

Answer 2. भारत एक्सपोर्ट करने के लिए लगभग सभी चीजें जैसे खाद्य सामग्री , इंजीनियरिंग गुड्स, एग्रीकल्चर इक्विपमेंट।, हथियार, दवाइयां अदि बहुत सी चीजें एक्सपोर्ट करता है। लेकिन हीरों के मामले में भारत दुनिया का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर या निर्यातक है। पिछले साल भारत ने लगभग ३० अरब डॉलर का निर्यात कर के दुनिया में अपनी हीरे की सबसे बड़ी निर्यातक जगह बरक़रार राखी है।

Question 3. भारत कितने देशों को निर्यात करता है?

Answer 3 भारत लगभग विश्व के सारे देशों को एक्सपोर्ट या निर्यात करता है। जिनमे से कुछ देशों से हमारा फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भी है। जिनसे बहुत अच्छे से आयत निर्यात हो रहा है। लेकिन अगर आंकड़ों की बात की जाये तो भारत लगभग ७५०० प्रोडक्ट्स को १९० देशों के एक्सपोर्ट करता है।

Question 4.भारत के लिए सबसे बड़ा आयात कौन सा देश है?

Answer 4. वैसे तो भारत अलग-अलग देशों से अलग-अलग चीजें इम्पोर्ट करता है जैसे पेट्रोल और गैस की बात की जाये तो गल्फ कंट्री से ज्यादा इम्पोर्ट होता है। हथियारों की बात की जाये तो भारत सबसे ज्यादा इम्पोर्ट रूस से करता है। लेकिन सब मिलाकर ओवर आल इम्पोर्ट की बात की जाये तो भारत सबसे ज्यादा अपने कुल आयात का लगभग १५ % आयात चीन से करता है।

Question 5. भारत में कौन सा राज्य सबसे बड़ा निर्यातक है?

Answer 5. महारष्ट्र भारत सबसे बड़ा निर्यातक राज्य है।

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