Freight Meaning in Hindi | 5 Point संपूर्ण जानकारी

Freight Meaning in Hindi आज इसी सवाल के जवाब के बारे में पूरी चर्चा करेंगे। एक ऐसा शब्द लगभग जिसके इर्द गिर्द ही हमारी इकॉनमी घूमती है। आज हम इसी शब्द के बारे में पूरी चर्चा करेंगे। Freight का हिंदी में मतलब माल भाड़ा होता है। सभी प्रकार के परिवहनो के माध्यम चाहे वो समुद्र के रास्ते से हो , हवाई मार्ग से हो या फिर सड़क मार्ग से हों , इन सभी माध्यमों से होने वाले माल धुलाई में लगने वाले माल भाड़े के खर्चे को ही फ्रेट चार्जेस कहते हैं। “Freight Meaning In Hindi” आज इसी टॉपिक के बारे में आप को विस्तार से बताएँगे।

Freight Meaning in Hindi

Freight Meaning In Hindi

Freight का  हिंदी में मतलब माल भाड़ा होता है। किसी भी प्रकार की माल धुलाई में लगने वाले माल भाड़े को ही Freight Charges कहते है।

आवश्यकता,सहूलियत और भार परिवहन क्षमता के हिसाब परिवहन या माल धुलाई के अलग अलग माध्यम बनाये गए हैं। उदहारण के लिए अगर आप को किसी भी एक देश के अंदर ही अंदर किसी भी माल जिसका वजन ३० से ५० मीट्रिक टन है को एक स्थान से दुसरे स्थान पे ले जाना है, तो रोड परिवहन के माध्यम से एक स्थान से दुसरे स्थान तक भेजा जाता है। जिसमे कम दूरी और कम समय लगता है।

उदाहरण के लिए अगर अगर आप को एक देश से दुसरे देश तक बहुत अधिक मात्रा में अपने माल को भेजना हो तो समुद्री मार्ग का उपयोग किया जाता है। और अगर आप को कम मात्रा में कोई माल एक देश से दुसरे देश में कम समय में भेजना हो तो हवाई मार्ग का उपयोग किया जाता है।

ऐसे में इन सभी माध्यमों के परिवहन में अलग अलग तरह के Freight Charges  लगते हैं। आज हम आप को इन्ही सब Freight Charges के बारे में आप को विस्तार से बताएँगे।

परिवहन के माध्यम से Freight 3 प्रकार के होते हैं।

1.Ocean Freight – समुंद्री माल भाड़ा

2.Air Freight – हवाई माल भाड़ा 

3.Road Freight – सड़क माल भाड़ा

Freight Meaning in Hindi

Ocean Shipping : जैसा की हम सब लोग जानते हैं की पूरे विश्व में सभी देश एक दूसरे से भाषा , संस्कृति और रहन-सहन की हिसाब से एक दुसरे से भिन्न है। फिर भी सभी देश अपनी अपनी खाद्य, चिकित्षा ,सुरक्षा सामग्री,एवं अन्य जरूरतों की आपूर्ति के लिए एक दुसरे से पर निर्भर एवं जुड़े हुए हैं।

जब भी किसी एक देश से दुसरे देश को कोई भी जरूरी सामग्री अधिक मात्रा में जहाज के माध्यम से जलमार्ग का उपयोग करते हुए भेजा जाता है तो, इस प्रकार की समुन्द्र मार्ग से जल यातायात के प्रयोग को ही Ocean Shipping कहा जाता है।

Freight Charges

ओसियन शिपिंग में जब जल यातायात का प्रयोग करके जहाज के माध्यम से अधिक मात्रा में माल को किसी दुसरे देश में भेजा जाता है तो लगने वाले माल धुलाई के भाड़े को ही Freight Charges कहते हैं।

Freight HSN Code

Freight Charges गुड्स ट्रांसपोर्टेशन के अंतर्गत आता है जिसका HSN Code 9965 होता है।

GST on Freight Charges

चूँकि Freight Charges और गुड्स ट्रांसपोर्टेशन के अंतर्गत आता है जिसपर 5 %GST लगता है।

 

Ocean Shipping एक पूरी प्रक्रिया या परिवहन चक्र कहते हैं जिसमे मुख्यतः 5 लोग शामिल होते हैं।

Shipper – या एक्सपोर्टर

Custom House Agent – कस्टम हाउस एजेंट

Freight Forwarder – माल धुलाई प्रेषक, भाड़ा अग्रेषक

Container Cargo Carrier – शिपिंग कंपनी

Consignee – इम्पोर्टर या माल पाने वाले 

अभी आप को यहाँ इन सभी के बारे में संछिप्त में जानकारी दे रहे अगले सभी ब्लॉग में इन सभी के बारे में आप को एक एक कर के विस्तृत से जानकारी देंगे।

Shipper

Shipper को एक्सपोर्टर भी कहते हैं। Shipper एक इंसान या वो एक कंपनी होती है जो अपने माल को जल यातायात ,हवाई यातायात या फिर रोड के रास्ते से देश के बाहर किसी दुसरे देश में भेजते हैं, Shipper कहा जाता है।

एक Shipper कई प्रकार की वस्तुओं के निर्यात कर सकता है। बस अलग-अलग वस्तुओं के लिए अलग डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है। उदाहरण के लिए अगर कोई Shipper कृषि सम्बंधित वस्तुओं के एक्सपोर्ट करना चाहता है तो उसके लिए IEC Code या फिर Import-Export लाइसेंस के अलावा कुछ और अलग डॉक्यूमेंट की जरूरत होती।

और यदि वह कोई केमिकल या फिर Hazardous कार्गो भेजना चाहता है तो उसके लिए अलग डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है।

Freight Meaning Hindi

 

Shipper Meaning in Hindi

Shipper को एक्सपोर्टर या माल भेजने वाला भी कहा जाता है। Shipper बन ने क लिए आप को IEC Code या इम्पोर्ट एक्सोपोर्ट लाइसेंस ले के कोई भी अपने माल या कार्गो को एक्सपोर्ट कर सकता है।

Custom House Agent

Custom House Agent को आम बोल चल की भाषा में CHA भी कहा जाता है। Custom House Agent कस्टम क्लीरेंस का काम करता है। Custom House Agent, Shipper से माल लेकर शिपिंग यार्ड में कार्टिंग कर के कस्टम क्लीरेंस करता है।

कस्टम क्लीरेंस और सब डॉक्यूमेंटशन कर के पूरे कार्गो को कनटेनर में लोड कर दिया जाता है। इसके बाद Container  को Freight Forwarder  की मदत से शिपिंग कम्पनी को हैंड ओवर कर देता है।

ये कस्टम हाउस एजेंट के बारे में संछिप्त जानकारी है। आगे के ब्लॉग में पूरी जानकारी के साथ विस्तार से चर्चा करेंगे।

Freight Forwarder

Freight Forwarder को शिपिंग या Export-Import प्रक्रिया में Freight Forwarder थर्ड पार्टी की तरह काम करता है। Freight Forwarder  आप शिपिंग इंडस्ट्री का आल राउंडर भी कह सकते है।

फ्रेट फारवर्डर कस्टम क्लीरेंस एजेंट , से लेकर Shipper ,शिपिंग कंपनी और कार्गो पंहुच जाने के बाद वहां Consignee से भी बात कर के पंहुचे हुए कार्गो की आसान डेलिवेरी में भी मदत करता है।

इसके बदले Shipper हर Shipment  पर कुछ पारिश्रमिक लेता है। Freight forwarder का मुख्य काम Custom House Agent से कार्गो लेकर शिपिंग के कनटिनेर को टाइम से जहाज पे लोड करने और सम्बंधित डॉक्यूमेंटेशन को पूरा करना है।

Consignee Meaning in Hindi

Consignee को इम्पोर्टर भी कहते हैं। consignee  वो कम्पनी होती है जो दुसरे देशों से अपनी जरूरत की चीजों को मंगवाता या इम्पोर्ट करता है। इसे माल मंगवाने वाला भी कहा जाता है ।

Container Carrier  शिपिंग कंपनी : इनको Cargo Carrier भी कहते है। ये मुख्य रूप से जहाज के मालिक होते हैं। इनकी खुद की जहाज और Container  होते हैं। ये Shipper या CHA को अपना कनटिनेर Freight charges पे देते हैं जो अलग अलग देश के लिए दूरी की हिसाब से अलग अलग होते हैं। शिपिंग कंपनी जो भी भाड़ा या Charges  लेती हैं उसे ही Freight Rate या Freight Charges  कहते हैं।

Air Export

एयर एक्सपोर्ट या हवाई निर्यात जब भी कोई जल्दी ख़राब होने वाला सामन (Perishable Cargo) जैसे की फल सब्जी या और कोई और कार्गो जिसके बहुत काम समय में ख़राब होने की संभावना रहती है। उसे एयर एक्सपोर्ट के माध्यम से या फिर हवाई मार्ग से दुसरे देश को भेजा जाता है। एयर एक्सपोर्ट कहा जाता है। एयर एक्सपोर्ट में भी वही सारे लोग शामिल होते जितने की sea एक्सपोर्ट में शामिल होते हैं।
जैसे की Shipper , Freight Forwarder । Custom House Agent , Consignee , केवल ट्रांसपोर्टेशन माध्यम अलग हो जाता है।

Air Freight

एयर फ्रेट : जब निर्यात की जाने वाली वस्तुओं को हवाई माध्यम से एक्सपोर्ट किया जाता है तो लगने वाले माल भाड़ा को ही Air Freight कहते हैं। सामान्य वस्तुओं के लिए Air Freight कम होता है। इनकी अपेक्षा जल्दी ख़राब होने वाली वस्तुओं या (Perishable Item) कार्गो के लिए Air Freight ज्यादा लगता है।

Airway Bill

Airway बिल :हवाई निर्यात में जब आप का कार्गो एयर कार्गो कंपनी द्वारा स्वीकार्य कर के फ्लाइट पर लोड हो जाता है तो , कार्गो ट्रैकिंग और Consignee के कार्गो प्राप्त करने के लिए एक Document जारी करता है जिसे Airway Bill कहते हैं। Airway Bill को Shipper एयर कार्गो कंपनी से प्राप्त कर के कनसायनी को भेज देता है। जिसे से Consignee वहां कार्गो आसानी से प्राप्त कर सके।

Conclusion: Freight meaning in Hindi आज इस टॉपिक के बारे में विस्तार से चर्चा हुई। कोशिस किये की जितनी ज्यादा आसान भाषा में हो सके आप लोगों को इसके सम्बन्ध में पूरी जानकारी दें। उम्मीद करता हूँ की आज Freight Meaning In Hindi इस टॉपिक के बारे में आप लोगों की जानकारी में थोड़ा सा इजाफा कर पाया होऊंगा। चूँकि हम स्वयं एक प्रतिष्ठित Company में एक्सपोर्ट मैनेजर के पद पर ३ साल कार्यरत रहे।

जिससे आयत निर्यात को बहुत बारीक से समझने का मौका मिला। हम चाहते हैं की हमारे देश का हर छोटे से छोटा व्यापरी भी निर्यात करना शुरू करे। ताकि अपने देश की तरक्की में एक छोटा सा ही सही योगदान दे सके। आप में किसी भी भाई को कुछ चीजें एक्सपोर्ट करनी हो या कोई भी जानकारी चाहिए तो कमेंट में अपना मोबाइल न, जरूर कमेंट करे हम कॉल करेंगे। बहुत बहुत धन्यवाद ।

Frequently Asked Question

Question 1.कैरियर और फ्रेट फारवर्डर में क्या अंतर है?

Answer 1. करियर को माल वाहक भी कहते हैं जैसे से एक्सपोर्ट में आप का माल जहाज से जाता है तो जहाज कर्रिएर कहा जायेगा । फ्रेट फारवर्डर मॉल वाहक जहाज ,शिप्पर, और कस्टम हाउस एजेंट के बीच में मध्यस्त का काम करता है तीनो लोगों से सामंजस्य बनाकर आप के मॉल की आसान लोडिंग या डेलिवेरी सुनश्चित करता है।

Question 2.सीएनएफ और सी एंड एफ में क्या अंतर है?

Answer 2. CNF  का फुल फॉर्म कास्ट Cast and Freight  होता है। जिसका मतलब है की शिपपमेंट क वह अनुबंध जिसमे केवल माल की कीमत और माल भाड़ा शामिल है Insurance  या बीमा शामिल नहीं है ।
CIF का फुल फॉर्म Cost Insurance and Freight होता है। मतलब Shipper और Consignee  के बीच का वह शिपिंग अग्रीमेंट जिसमे माल की कीमत , माल भाड़ा और माल का Insurance या बीमा भी शामिल हो CIF कहते हैं।

Question 3. कार्टेज और फ्रेट में क्या अंतर है?

Answer 3.कार्टेज और फ्रेट दोनों का मतलब लगभग माल भाड़े से होता है। लेकिन फर्क इन दोनों में बस इतना सा है की कार्टेज किसी एक ही देश के भीतर माल को ट्रैन या ट्रक से एक स्थान से दुसरे स्थान पर ले जाने वाले भाड़े को कहते हैं। जबकि फ्रेट देश से बाहर दुसरे देश में माल को पंहुचाने में लगने वाले माल भाड़े को फ्रेट कहते हैं।

Question 4.एफओबी और सी एंड एफ क्या है?

Answer 4. FOB का मतलब होता Free On Board  मतलब जब एक्सपोर्टर अपनी फैक्टरी से लेकर सम्बंधित पोर्ट पर जहाज में लोड करने तक का खर्चा खुद उठाता है। जिसमे जहाज का माल भाड़ा शामिल नहीं होता FOB कहा जाता है। कंफ का मतलब होता है Cost and Freight मतलब जब जहाज पे लोड करने के बाद जहाज का माल भाड़ा भी शामिल हो जाता है तब इसे कंफ कहा जाता है। दूसरी भाषा में कहें तो एक्सपोर्टर अपनी फैक्टरी से इम्पोर्टर के पोर्ट तक पंहुचाने का खर्चा खुद वहन करता है। इसे कंफ कहा जाता है।

Question 5. फ्रेट फारवर्डर एक सप्लायर है?

Answer 5.नहीं फ्रेट फारवर्डर सप्लायर या Buyer नहीं होता। फ्रेट फारवर्डर Buyer ,सप्लायर और शिपिंग कंपनी के बीच में काम करने वाला एक मध्यस्त होता है। जो तीनो से बात चीत कर के सामंजस्य बिठा कर माल की आसान और सुरक्षित पंहुच सुनिश्चित करता है।

Question 6. क्या फ्रेट फारवर्डर जहाजों के मालिक हैं?

Answer 6. नहीं Freight Forwarder  जहाजों के मालिक नहीं होते बल्कि कनटेनरों को ले जाने वाली जहाज में अलग अलग कनटेनर की हिसाब उनकी जगह बुक रहती है। उदहारण के लिए समझो Pota Global Logistics के नाम का कोई कोई फ्रेट फारवर्डर है तो हो सकता हो की दुबई जाने वाली जहाज पे उसका 30 Container का एक स्लॉट बुक हो। Singapore  जाने वाले जहाज पे  ,20 फिट कंटनेर के 45 स्लॉट बुक हो।

Question 7. मुझे फ्रेट फारवर्डर की आवश्यकता क्यों है?

Answer 7. Freight Forwarder को माल अग्रेषण करता भी कहा जाता है। फ्रेट फारवर्डर आप को आप की लोकेशन से पूरे विश्व की सब लोकेशन से आयत निर्यात करने की सुविधा को प्रदान करता है। आप के व्यापर में सहूलियत पैदा कर के आप के पैसों को भी बचाता है। आयत-निर्यात व्यापार के लिए के लिए फ्रेट फारवर्डर One Man Army की तरह काम करता है।

Question 8. फ्रेट फारवर्डर और शिपर में क्या अंतर है?

Answer 7. शिपर को एक्सपोर्टर भी कहा जाता है मतलब वह जो अपना माल दूर दुसरे देशों को एक्सपोर्ट करता है। जब की फ्रेट फारवर्डर शिपर के माल को एक्सपोर्ट करने में मदत करता है।फ्रेट फारवर्डर को मॉल अग्रेषणकर्ता भी कहा जाता है। फ्रेट फारवर्डर शिपर के माल को वहां तक पंहुचाने में मदत करता है जहाँ शिपर अपना माल पंहुचाना चाहता है।

Sharing Is Caring:
Social

Leave a Comment

Import