5 step How To Start Import-Export Business In India-इंडिया में आयात निर्यात कैसे करें।
A TO Z संपूर्ण जानकारी , आज हम इसी टॉपिक के बारे में पूरी जानकारी देंगे । How to do Import-Export Business In India इंडिया में आयात निर्यात कैसे करें। आज हम इसी टॉपिक पर बात करेंगे। आप को।इस सवाल के जवाब पर पूरी चर्चा करेंगे। जिसमे और भी अन्य टॉपिक जो की इसी विषय से जुड़े हैं उस पर भीआप को संपूर्ण जानकारी देंगे। जानकारी इतनी की इसके बाद आप खुद का इम्पोर्ट एक्सपोर्ट का बिज़नेस सुरु कर सकते हैं ,और आप किसी और की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी।और आप के इस सवाल How to do Import Export Business In India का जवाब पूरी तरीके से मिल जायेग।
मतलब ये आप के लिए वन स्टॉप शॉप है । ऐसा हम इस लिए कह रहे क्योँकि हमने १० साल इम्पोर्ट एक्सपोर्ट के क्षेत्र में ही जॉब किया है और एक्सपोर्ट मैनेजर के पद से मुक्त होकर कुछ करेने को सोचा ,तो अपने अनुभव का इस से अच्छा उपयोग समझ नहीं आया की कम से कम अगर अपने जैसे २ भाइयों को भी एक्सपोर्ट करना सिखा पाया तो देश की तरक्की में अपना भी योगदान समझूंगा। तो यकीन रखिये की कोई भी जानकारी बचेगी नहीं।
तो हम अपने सभी भाइयों को बिलकुल यकीन दिलाना चाहते हैं की इम्पोर्ट एक्सपोर्ट बिज़नेस भी उतना ही आसान है जितना की मोबाइल से कुछ भी आर्डर करना। आप बिलकुल यकीन करिये की जो ये सवाल है How to do Import Export Business In India – एक्सपोर्ट इम्पोर्ट बिज़नेस कैसे करे ? जितना ज्यादा आसान ये सवाल है उसे से ज्यादा कहीं आसान इसका जवाब और तरीका है। बात यहीं पर ख़तम नहीं होगी। हमने एक ब्लॉग लिखा और आप ने पढ़ा जानकारी लिए और हो गया। बिलकुल नहीं हम आप को यहाँ इम्पोर्ट एक्सपोर्ट कैसे करें के सवाल का पूरा जवाब एकदम सरल भाषा में देंगे । और एक एक बात का ख्याल रखेंगे कोई भी जानकारी छूट न जाये ।
उसके बाद हम आपसे अपना मोबाइल नंबर भी शेयर करेंगे। जिसपे आप हमसे चैट कर के या फिर जरूरत पड़ने पर फ़ोन कॉल भी कर के पूरी जानकारी ले सकते हैं। और उसके बाद भी अगर आप को जरूरत पड़ी तो आप का लाइसेंस बनवाने से लेकर कस्टम क्लेअरन्स , फ्रेट फॉरवार्डिंग सबकुछ कर के देंगे। आप के कार्गो का वेट १ किलो से लेकर १००० टन भी हो तो आप को कहीं और जाने के जरूरत नहीं है पूरे विश्व के किसी भी बन्दरगाह और फिर उसके आगे लोकल डेस्टिनेशन पे कहीं भी आप को अपनी गुड्स या कार्गो भेजना हो तो तो आप को कहीं भी जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी घर बैठे बैठे सब कुछ हो जायेगा आप को कहीं भी जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
How to Start Import-Export Business in India-इम्पोर्ट एक्सपोर्ट का बिजनेस कैसे शुरू करें?
तो दोस्तों आइये पहले जान लेते हैं की Import-Export , आयात निर्यात का मतलब क्या होता है।
Import-आयात : – अपने भारत देश से बाहर किसी भी देश से किसी भी उपयोग की सामाग्री को मंगवाना जो की कस्टम शुल्क भरने के पश्चात हम तक पंहुचती है Import या आयात कहा जाता है।
Export-निर्यात :- दैनिक उपयोग या फिर उपयोग में आने वाली किसी भी वस्तु को कस्टम प्रक्रिया को पूर्ण कर के जब भी अपने देश से बाहर भेजा जाता है तो उसे Export या निर्यात कहा जाता है।
Type of Import-Export Business-आयात निर्यात के प्रकार
Import-Export Business-आयात निर्यात व्यपार मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं ।
- By Air Import Export Business-वायु मार्ग से आयात निर्यात व्यापार।
- By Sea Import Export Business-समुद्र मार्ग से आयात निर्यात व्यापार ।
- By Road Import Export Business-सड़क मार्ग से आयात निर्यात व्यापार।
तो दोस्तों आज हम समुद्र मार्ग से आयात निर्यात व्यापार के बारे चर्चा एवं पूरी जानकारी देंगे। इसके पीछे का एक सबसे बड़ा कारण यह है की सबसे ज्यादा प्रचलित, सरल,सस्ता,एवं सुगम रास्ता समुन्द्र मार्ग से ही है।
अब चलते हैं अपने मुख्य सवाल की तरफ जो की है How to do Import-Export Business-इम्पोर्ट एक्सपोर्ट बिज़नेस कैसे करें ? तो इसका जवाब बहुत ही आसान है आप भी बिलकुल अपने घर बैठे बैठे नीचे दिए हुए कुछ स्टेप को फॉलो कर के कर सकते हैं। सबसे पहले हमें एक्सपोर्ट इम्पोर्ट बिज़नेस शुरू करने के लिए लाइसेंस की जरूरत पड़ती है तो आइये आप को बताते हैं लाइसेंस का रजिस्ट्रेशन कैसे करे।
what is IEC code and how to apply for it-आयात निर्यात लाइसेंस क्या है और इसके लिए अप्लाई कैसे करे ?
यह १० अंकों का एक कोड होता है जिसे इम्पोर्ट एक्सपोर्ट लाइसेंस भी कहते हैं जो भारत सरकार के विदेश व्यापार महानिदेशालय Directorate General of Foreign Trade द्वारा जारी किया जाता है। लाइसेंस अप्लाई करने क लिए आप के पास नीचे दिए हुए कुछ डॉक्यूमेंट का होना जरूरी है।
Required document for IEC Code registration-आयात निर्यात लाइसेंस के लिए जरूरी दस्तावेज / रिक्वायर्ड डॉक्यूमेंट
- ID Proof-परिचय पत्र जैसे आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड
- Pan Card- पैन कार्ड
- Permanent Address Proof-अड्रेस प्रूफ स्थाई पता
- Current Account Number of Firm-कंपनी का करंट अकाउंट खाता संख्या
- Passport Size Photo-पासपोर्ट साइज फोटो
- Partnership or Proprietorship Deed-पार्टनरशिप या प्रोपइटरशिप संधिपत्र
- GST Registration Certificate-जी यस टी रजिस्ट्रेशन संख्या
- MSME Registration-हाल के ही दिनों में भारत सरकार ने सभी छोटे बड़े बिज़नेस के MSME अनिवार्य कर दिया है। तो उसके रजिस्ट्रेशन की एक प्रति।
How to apply for IEC code-आयात निर्यात लाइसेंस
लिए अप्लाई कैसे करे ?
सभी दिए हुए डॉक्यूमेंट की सेल्फ अटेस्टेड कॉपी के साथ दी हुई लिंक पर(Directorate General of Foreign Trade.) विदेश व्यापार महानिदेशालय की वेबसाइट पर जा कर आप को सभी कालम को अच्छे से भरना है। उसके बाद रजिस्ट्रेशन फी के रूप में ५०० रुपये की पेमेंट नेट बैंकिंग या नेफ्ट के द्वारा होता है। उसके बाद(DGFT) विदेश व्यापार महानिदेशालय आप के द्वारा सभी डॉक्युमनेट वेरिफाय कर के १० से १५ दिन अंदर ही आप का लाइसेंस सर्टिफिकेट आप के दिए हुए पते पर भेज दिया जाता है और उसकी एक कॉपी आप विदेश व्यापार महानिदेशालय की वेबसाइट से भी डाउन लोड भी कर सकते हैं।
अब आप इम्पोर्ट एक्सपोर्ट व्यापर के लिए लाइसेंस धारक पात्र हो गए है। पर क्या केवल मात्र लाइसेंस धारक हो जाने से आप ये इम्पोर्ट एक्सपोर्ट बिज़नेस सुरु कर सकते हैं तो जवाब है बिलकुल नहीं। तो अगला नंबर आता है प्रोडक्ट का अगर आप के पास अपना प्रोडक्ट है जो आप ने पहले से ही सोच के रखा के हमे इन-इन वस्तुओं का निर्यात करना है, तब तो बहुत अच्छी बात है।
पर हमरे जिन भाई ने अब तक अपना प्रोडक्ट फाइनल नहीं किया है, उनके लिए अभी यहाँ समस्या है। पर जैसा के आप के भाई ने आप से कहा था की हमारे रहते आप को बिलकुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम अपने अगले ब्लॉग में आप को इसके बारे में सारी जानकारी दे देंगे की क्या क्या प्रोडक्ट एक्सपोर्ट कर सकते हैं और कहाँ से लेना है। बायर कैसे मिलेंगे सब कुछ बताएँगे। तो हम मान के चल रहे हैं की आप का प्रोडक्ट और बायर दोनों तैयार हैं अब आप को बस प्रॉडक्ट भेजना है। तो अब चलते हैं अपने अगले स्टेप की तरफ प्रोडक्ट कैसे भेजना है।
Custom Clearance-कस्टम क्लिअरेंस
इसके बाद आप को सभी प्रोडक्ट की लिस्ट को इंडियन कस्टम की ऑफिसियल वेबसाइट( Indian Customs Electronic gateway) ICGATE पर जा कर अपने लाइसेंस का रजिस्ट्रेशन कर के सारे प्रोडक्ट की लिस्ट को वेबसाइट पर दर्ज कर देना है जिसे शिपिंग बिल फाइल करना भी कहते हैं। इसके बाद आप अपने कस्टम हाउस एजेंट की मदद ले सकते हैं। सभी कस्टम हाउस एजेंट के चार्जेस अलग अलग होते हैं हम यहाँ आप को कस्टम एजेंट के बारे में बता रहें और ज्यादा डिटेल में आप को अगले ब्लॉग में बातएंगे।
Custom House Agent and Custom Clearance Charges-कस्टम हाउस एजेंट और उनके चार्जेस
जिस भी पोर्ट से अपना कार्गो एक्सपोर्ट करना चाह रहे मुंबई पोर्ट, मुंद्रा पोर्ट चेन्नई , कोचीन या फिर कोलकाता पोर्ट आप जिस भी पोर्ट से भेजना चाहते हैं वहां के लोकल में आप को कस्टम हाउस एजेंट मिल जायेंगे। आप उनको गूगल पर भी ढून्ढ सकते हैं। आप को मिलते हैं तो ठीक है नहीं तो आप हमसे कांटेक्ट कर सकते हैं हम आप के लिए कस्टम हाउस एजेंट की व्यवस्था कर देंगे। हमारे पास सब लोकेशन के लिए कस्टम हाउस एजेंट हैं।
कस्टम हाउस एजेंट आप का कार्गो आप की लोकेशन से कार्गो प्राप्त कर के कस्टम के यार्ड में ले के आयेगा और कार्गो का कस्टम क्लेरेन्स कर के रेडी कर देगा । इसके लिए आप से एक २० फिट कंटेनर क लिए १५००० लगभग और ४० फिट कनटेनर के लिए २०००० के आस पास चार्जेज लेगा। इसमें आप आप का ट्रक ट्रांसपोरशन छोड़ के सारे खर्चे शामिल हैं। इतने खर्चे में आप के कार्गो की लोकल फ़ॉर्मेल्टी पूरी हो गई। अब नंबर आता है आप के अगले स्टेप का जिसे फ्रेट फार्वडिंग कहते हैं।
Freight forwarding Agent-फ्रेट फॉरवार्डिंग एजेंट
आप अपना निर्यात विश्व के किस देश को करना चाहते हैं, या फिर आप का बायर किस देश से हैं, आप को उस देश के लिए फारवर्डिंग एजेंट ढूंढ़ना पड़ेगा। सभी फारवर्डिंग एजेंट का अपना अपना रुट होता है, जो जिस रुट के लिए सर्विस देता है, वो उस रुट से जाने वाली शिपिंग लाइन से उनके एग्रीमेंट रहते हैं । वो आप के लिए उस रुट के लिए शिप और कंटेनर दोनों व्यवस्था कर देंगे । आप को उनसे कंटेनर ले करअपने कस्टम हाउस एजेंट को दे देना है।
फिर आप का कस्टम हाउस एजेंट आप का कार्गो लोड कर के उस रुट पे जाने वाली जहाज पे लोड कर देगा। और इस तरह आप ने एक कंटेनर कार्गो एक्सपोर्ट कर दिया। पर बात अभी ख़तम नहीं हुई है अभी तो आप का कार्गो केवल यहाँ से गया है। अभी डॉक्यूमेंटेशन और आप के कस्टमर से आप को पेमेंट आना बाकी है। इसकी चर्चा अगले स्टेप में करेंगे।
Documentation-डॉक्यूमेंटेशन
अब जब आप का कार्गो एक बार जहाज पे लोड हो गया तो हर देश का अलग ट्रांजिट टाइम हो होता है। ट्रांजिट टाइम को अपने देश से उस देश में पंहुचने वाले टाइम को कहा जाता है। ये अलग अलग देशों के लिए अलग अलग होता है। किसी का१५ दिन , किसी का १८ दिन ,किसी का २६ दिन, इस प्रकार अलग अलग देशों में पंहुचने में अलग समय लगता है ।
अब जब आप का कार्गो अपने रास्ते में मतलब की ट्रांजिट में है तब तक आप के कार्गो की डॉक्यूमेंटेशन की प्रक्रिया होती है। शिपिंग कम्पनी जो की आप का कार्गो आप से प्राप्त कर के अपने जहाज पर लोड करती है। उसकी एक प्राप्ति प्रति देता है जिसे बी. एल. Bill Of Lading कहते हैं जिसे आप को अपने बायर को भेजना होता है। आप का बायर बी. एल. प्राप्त कर उस शिपिंग कम्पनी के उस देश के कार्यालय में सरेंडर कर देता है जिसके पश्चात शिपिंग कम्पनी आप के भेजे हुए कंटेनर को आप के बायर को सौंप देता है। और आप का ग्राहक आप का पेमेंट आप के आकउंट में ट्रांसफर कर देता है।
Conclusion-निष्कर्ष
How to do import export business in India ? निर्यात बिज़नेस कैसे करे, ये एक बहुत बड़ा विषय है। हमने अपने ज्ञान और समझ के अनुशार जितना हो सकता था मेन मेन टॉपिक के बारे लगभग सारी जानकारी देने की कोशिस की है। हम जानते हैं की अभी इसमें बहुत कुछ रह भी गया है जिसकी जानकारी के बिना ये बिज़नेस अधूरा है पर आपसे वादा है के अगले कुछ और ब्लॉग में बचे हुए सारे टॉपिक कवर कर लेंगे और यहाँ तक पंहुचने वाले हर भाई से एक्सपोर्ट जरूर करवाएंगे। हमारा ब्लॉग यहाँ तक पंहुच के पढ़ने वाला कोई भी भाई अगर कोई भी अतिरिक्त जान कारी चाहता है तो हमे कमेंट करे अपना मोबाइल नंबर हम खुद से उसको कॉल करेंगे। आप अपना नम्बर हमें कमेंट या मेल कर सकते हैं। हमारा नाम विनोद मिश्रा है, हमारी ई मेल आई डी vinodmishra169@gmail.com है । आप सबको एक बार फिर से बहुत बहुत धनयवाद।
F.A.Q.
Ques. 1 : भारत में सबसे अच्छा निर्यात व्यवसाय कौन सा है?
अपने भारत देश से मशाले,चाय,कपडे,चमड़े,प्याज नारियल , मशीनरी कप्यूटर, आई टी प्रोडक्ट , इलेक्ट्रिक वाहन आदि अधिक मात्रा में निर्यात किये जाते हैं।
Ques. 2. भारत से कौन सी सब्जी सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट की जाती है?
भारत से सब्जी सबसे ज्यादा गल्फ सेक्टर को निर्यात की जाती है। जिसमे प्रमुख रूप से प्याज,हरी मिर्च अदरक हरी सब्जिया आदि शामिल हैं। चूँकि सब्जियां पेरिशेबल आइटम में आती हैं। इस लिए इन्हे ज्यादातर एयर एक्सपोर्ट किया जाता है। प्याज को समुन्द्र के राश्ते वन डोर ओपन कंटेनर में भेजा जाता है।
Ques . 3. विदेशों में अपना सामान कैसे बेचे?
विदेशों में सामन बेचने के बहुत सारे तरीके हैं जिनमे ऑनलाइन सबसे अच्छा माध्यम है आप eebay.com, या फिर alibaba.com जैसे वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कर विदेशी खरीदारों से सीधा जुड़ सकते हैं।
Ques. 4. चीन से सामान कैसे खरीदें?
चाइना से बहुतायत मात्रा में वस्तुएं आयत की जाती है। alibaba.com जो की चीन और लगभग पूरे विश्व की सबसे बड़ी वेबसाइट है। पर अपना रजिस्ट्रेशन कर के वहां के व्यपारियो से सीधा जुड़ सकते हैं।
Ques. 5. चीन का माल सस्ता क्यों होता है?
चीन की आबादी सबसे ज्यादा होने के कारन वहां मजदूर बहुत सस्ते रेट पर मिल जाते हैं। जिससे वहां कोई भी सामान मनुफैक्टरिंग करने का खर्चा बहुत काम आता है। जिसे से वहां के सम्मनाओं की लगत काम हो जाती है। दूसरा चीन सरकार वहां भारी मात्रा में सब्सिडी देती है जिससे वहां वस्तुओं के कीमतों में भारी मात्रा में कमी रहती है।
Nice