Shipping Bill आयात-निर्यात व्यापार से सम्बंधित सबसे जरूरी कानूनी दस्तावेज है। Shipping Bill मुख्य रूप से निर्यात में उपयोग में लाया जाता है। जब भी कोई निर्यातक किसी वस्तु का निर्यात करना चाहता है तो , तो सबसे पहले उसे अपने पूरे निर्यात की जाने वाली वस्तु की पूरी जानकारी सीमा शुल्क विभाग को देनी होती है। फिर जब सीमा शुल्क विभाग इसकी जांच कर के आसान भाषा में कहें तो आप को एक परमिट पत्र देता है जिसे ही शिपिंग बिल कहते हैं।
आइये अब शिपिंग बिल को विस्तार से समझते हैं। कोई भी एक्सपोर्ट शिपपमेंट बिना Shipping Bill के संभव ही नहीं है। जब भी आप कोई भी शिपमेंट निर्यात करना चाहते हैं तो तो इसकी पूरी जानकारी आप को सीमा शुल्क विभाग को देनी पड़ती है। जैसे ही आप का शिपपमेंट एक्सपोर्ट के लिए तैयार होता है।
आप उसकी एक Invoice और Packaging List बनाते हैं। जिसके ही आधार पर Shipping Bill फाइल की जाती है। ज्यादातर मामलों में निर्यातक का अपना एक कस्टम हाउस एजेंट होता है। वही निर्यातक के लिए शिपिंग बिल फाइल करता है।
आइये अब शिपिंग बिल को विस्तार से समझते हैं। कोई भी एक्सपोर्ट शिपपमेंट बिना Sipping Bill के संभव ही नहीं है। जब भी आप कोई भी शिपमेंट निर्यात करना चाहते हैं तो तो इसकी पूरी जानकारी आप को सीमा शुल्क विभाग को देनी पड़ती है।
जैसे ही आप का शिपमेंट एक्सपोर्ट के लिए तैयार होता है। आप उसकी एक इनवॉइस और पैकेजिंग लिस्ट बनाते हैं। जिसके ही आधार पर Shipping Bill फाइल की जाती है।
ज्यादातर मामलों में निर्यातक का अपना एक कस्टम हाउस एजेंट होता है। वही निर्यातक के लिए शिपिंग बिल फाइल करता है।
Shipping Bill Kya hai?
कोई भी कार्गो जब निर्यात होना होता है तो सबसे पहले उसे निर्यातक के गोदाम से सीमा शुल्क विभाग के CFS में लाना पड़ता है। निर्यात किये जाने वाले कार्गो का जो इनवॉइस और पैकेजिंग लिस्ट बना है उसी के आधार पर पर कार्गो सीएफएस में कार्ट होता है।
इसके बाद आप का कस्टम हाउस एजेंट आप से सारी जानकारी लेकर सीमा शुल्क विभाग में जमा करता है। जिसकी एक सैंपल कॉपी निर्यातक को चेक लिस्ट के रू में देता ह। निर्यातक उसे बहुत बारीकी से एक-एक कर के चेक करता है।
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बारीकी से जांच लेने के बाद निर्यातक चेकलिस्ट को फिर से कस्टम हाउस एजेंट के पास भेज देता है। कस्टम हाउस एजेंट इसे सभी मूल दस्तावेजों जैसे इनवॉइस ,पैकिंग लिस्ट चेकलिस्ट के साथ सही क्रम में जमा करता है।
जमा हो जाने के बाद कस्टम अधिकारी सारे दस्तावेज ठीक से जांचते हैं जांच से संतुष्ट होने पर लेट एक्सपोर्ट आर्डर जारी कर देते हैं जिसके बाद फाइनल Shipping Bill डाउनलोड किया जा सकता है।
Shipping Bill फाइल करते समय क्या-क्या सावधानी बरतें ?
याद रहे आप को सीमा शुल्क विभाग में एक एक जानकारी बिलकुल सही-सही देनी है भूल से भी भूल न होने पाए इसके लिए बहुत सतर्कता बरती जाती है।
कभी जाने अनजाने या भूल से कोई भी जानकारी यदि गलत पाई जाती है , तो सीमा शुल्क विभाग तुरंत आप को नोटिस भेज कर आप से इसका स्पष्टीकरण मांगेगा। जवाब से संतुष्ट न होने पर आप के ऊपर कानूनी कार्यवाही भी की जा सकती है।
इसे उदाहरण से समझते हैं मान लो की आप कोई भी एक शिपपमेंट 20 फट कंटेनर में लोड कर के किसी अन्य देश में भेजने वाले है। आप ने Shipping Bill में टोटल कार्टून या गत्तों की संख्या 150 बताया है।
लेकिन कस्टम अधिकारी को जांच में 170 कार्टून मिलते हैं। तो कस्टम अधिकारी इसका स्पष्टीकरण आप से मांगेगा और अगर संतुष्ट नहीं हुआ तो आप के ऊपर तसकरी के केश में कार्यवाही भी की जा सकती है।
इस लिए बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है। सीमा शुल्क विभाग में सारी जानकारी बिलकुल सही-सही दें।
Shipping Bill On line Kaise File Karen? : शिपिंग बिल ऑनलाइन लाइन कैसे भरें ?
25 march 2019 को जारी की की गई अधिसूचना के अनुसार नया शिपिंग बिल सबमिट करने के लिए निम्नलिखित जानकारी देना अनिवार्य है।
निर्यातक को अपने इम्पोर्ट -एक्सपोर्ट कोड, लाइसेंस नंबर , अधिकृत डीलर कोड नंबर को अपने कस्टम हाउस एजेंट को देकर उसके माध्यम से सीमा शुल्क विभाग में रजिस्टर्ड होना होगा। जिससे सीमा शुल्क विभाग निर्यात में होने वाली विदेशी मुद्रा की आय की निगरानी कर पायेगा।
● निर्यातक के कस्टम हाउस एजेंट के द्वारा हस्ताक्षर किया हुआ एक घोषणा पत्र ,चालान और पैकिंग लिस्ट की एक कॉपी EDI में सबमिट किया जाता है।
● संपूर्ण डेटा सबमिट होने के बाद एक चेकलिस्ट तैयार होती है जो निर्यातक को भेजी जाती है ,ये चेक करने के लिए की निर्यातक द्वारा दी हुई एक भी जान कारी गलत तो नहीं है।
● निर्यातक चेकलिस्ट का सत्यापन कर के फिर से कस्टम हाउस एजेंट के पास भेज देता है।
● कस्टम हाउस एजेंट सत्यापित चेकलिस्ट को फिर से कस्टम विभाग में सबमिट कर देता है।
● शिपिंग बिल का मूल्यांकन कस्टम विभाग के सहायक आयुक्त के द्वारा किया जाता है।
● सहायक आयुक्त कुछ विशेष प्रकार की स्थिति में शिपिंग बिल की निगरानी खुद करता है।
●पहली स्थिति यदि आप के सामान की कीमत 10 लाख से अधिक हो , दूसरी स्थिति यदि आप के सामान में 20 हजार से अधिक का मुफ्त सैंपल हो या फिर तीसरा की यदि आप के ड्रा बैक की राशि 1 लाख से अधिक हो रही हो तो।
●निर्यातक द्वारा चेकलिस्ट की ठीक से जांच करने के बाद सारे दस्तावेज ,चेकलिस्ट चालान, पैकिंग लिस्ट एक साथ सबमिट करने पड़ते हैं।
● कस्टम अधिकारी पूरी तरह जांच कर के संतुष्ट हो जाता है तो लेट एक्सपोर्ट आर्डर जारी कर देता है।
● लेट एक्सपोर्ट आर्डर जारी होने के बाद शिपिंग बिल कस्टम विभग की वेबसाइट से डाउनलोड की जा सकती है।
Shipping Bill Offline Filing ऑफलाइन शिपिंग कैसे फाइल करे?
बहुत पहले जब सब चीजें ऑनलाइन नहीं थी तब सारा ऑफिसियल काम ऑफलाइन ही होता था। Shipping Bill की फाइलिंग भी ऑफलाइन ही थी। आप को सारे दस्तावेजों की ओरिजनल कॉपी लेकर जमा कर के करवाना पड़ता था।तब इस काम में बहुत अधिक समय लगता था और बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।
पर अब जब सब कुछ ऑनलाइन हो गया है तो चीजें बहुत फ़ास्ट हो गई है। अब आप कहीं से भी कभी भी Offline Shipping Bill File कर सकते हैं। आज भी लगभग हर सीएफएस में कस्टम विभाग का कार्यालय मौजूद ही रहता है।
आप आज भी अगर आप शिपिंग बिल ऑफलाइन फाइल करना चाहते हैं तो सीएफएस में मौजूद कस्टम विभाग के कार्यालय में जा के सारे ओरिजनल दस्तावेज जमा कर के ऑफलाइन शिपिंग बिल फाइल कर सकते हैं।
Type of Shipping Bill : शिपिंग बिल कितने प्रकार के होते हैं?
शिपिंग शिपिंग बिल मुख्य रूप से 5 प्रकार का होता है।
Dutiable Shipping Bill शुल्क योग्य शिपिंग बिल : जिन वस्तुओं के निर्यात पर निर्यात शुल्क लिया जाता है उन्हें शुल्क योग्य शिपिंग बिल कहते हैं। शुल्क योग्य शिपिंग बिल पीले कागज पर मुद्रित होता ह।
Free Shipping Bill शुल्क-मुक्त शिपिंग बिल : जब भी कोई सामान ऐसा निर्यात किया जा रहा हो की जिसपर शुल्क का भुगतान न होना हो इस प्रक्रिया में उपयोग होने शिपिंग बिल को शुल्क मुक्त Shipping Bill कहते हैं। यह श्वेत पत्र पर मुद्रित होता है। ये शुल्क वापसी के लिए पात्र नहीं हैं।
Drawback Shipping Bill ड्रॉबैक शिपिंग बिल: इसका उपयोग उस स्थिति में किया जाता है जब निर्यात किए गए माल पर शुल्क की वापसी की अनुमति होती है। आम तौर पर यह हरे कागज पर मुद्रित होता है, लेकिन जब किसी बैंक को ड्राबैक क्लेम का भुगतान किया जाता है, तो इसे पीले कागज पर मुद्रित किया जाता है।
x-Bond Shipping Bill एक्स बॉन्ड शिपिंग बिल: कभी कभी हम कोई सामान किसी अन्य देश से आयत कर के उसमे कुछ परिवर्तन कर के या फिर बिलकुल उसी स्थिति में उस सामान को किसी अन्य देश को निर्यात कर दिया जाता है। ऐसे शिपपमेंट निर्यात के लिए एक्स बॉन्ड Shipping Bill का उपयोग किया जाता है। यह पीले कागज़ पर मुद्रित होता है।
Coastal Shipping Bill तटीय शिपिंग बिल : जब भी हम अपने देश में अंतर्देशीय परिवहन के लिए जल मार्ग या हवाई मार्ग का उपयोग के वस्तु या सामान को एक बंदरगाह से दुसरे बंदरगाह तक या पहिए एक एयर पोर्ट से दूसरे एयर पोर्ट तक ले जाते हैं ।
उस स्थिति में इस शिपिंग बिल का उपयोग होता है इसे तटीय शिपिंग बिल कहते हैं। सामन जब समुन्द्र के रस्ते भेजा जाता है तो उसे शिपिंग बिल कहते है। जब यही माल हवाई मार्ग से भेजा जाता है तो इसे एयर वे बिल कहते हैं।
Shipping Bill Status
● शिपिंग बिल स्टेटस चेक करने के लिए यहाँ क्लिक Click Here करे
शिपिंग बिल का स्टेटस ICEGATE पर देखने के लिए अगर आप गूगल क्रोम का उपयोग कर रहे हैं तो Shipping Bill स्टेटस टाइप करे।
पहली लिंक जो आप को मिलेगी ICEGATE Shipping Bill Status , आप को इस पर क्लिक करना है
अब आप ICEGATE के मुख्य पेज पर आ गए हैं।
अब आप को सारे विवरण पोर्ट लोकेशन , शिपिंग बिल नंबर , शिपिंग बिल डेट बारी-बारी भरना है।
सब विवरण भर देने के बाद कैप्चा फिल कर के सबमिट कर देना है।
ICEGATE Shipping Bill का विवरण आप के सामने है ।
Conclusion : निष्कर्ष
दोस्तों शिपिंग बिल निर्यात व्यापार के लिए सबसे जरूरी दस्तावेज और इसे जेनेरेट करना सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। शिपिंग बिल के बिना निर्यात बिलकुल भी संभव नहीं है। उम्मीद करता हूँ की आज शिपिंग बिल के बारे में दी हुई जानकारी से आप लोग संतुष्ट हुए होंगे। शिपिंग बिल कैसे ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन कैसे फाइल किया जाये?, शिपिंग बिल कितने प्रकार का होता है ? शिपिंग बिल का स्टेटस कैसे चेक किया जाये सारी जानकारी स्टेप बाई स्टेप दी गई। दी गई गई जान करि आप कैसे लगी हमे मेल कर के जरूर बातएं बहुत बहुत धन्यवाद।
Frequently Asked Question
Question 1. शिपिंग बिल क्या होता है?
Answer 2. भारत देश से निर्यात करने के लिए शिपिंग बिल सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है। शिपिंग बिल के बिना निर्यात बिलकुल भी संभव नहीं है। निर्यात से पहले निर्यात की जाने वाली वस्तु के बारे में संपूर्ण विवरण सीमा शुल्क विभाग में ऑनलाइन या ऑफलाइन जमा करना पड़ता है। जिसकी पूरी जांच करने के बाद सीमा शुल्क विभाग निर्यात करने के लिए परमिट या आदेश जारी करता है। जिसे शिपिंग बिल कहते हैं ।
Question 2. शिपिंग बिल कौन बनाता है?
Answer 2. भारत से निर्यात करने की प्रक्रिया में निर्यातक द्वारा निर्यात की जाने वाली वस्तु का सारा विवरण सीमा शुल्क सेवा केंद्र में जमा करता है। जिसकी जांच के बाद सीमा शुल्क विभाग ही शिपिंग बिल जारी कर के आदेश करने की अनुमति प्रदान करता है।
Question 3. शिपिंग बिल बनाने में क्या जरूरी है?
Answer 3. शिपिंग बिल के लिए निर्यातक द्वारा सीमा शुल्क विभाग को निर्यात की जाने वाले वस्तु की पैकेजिंग सूची, निर्यातक आयातक का पूरा विवरण, माल का मूल्य वजन आदि सब विवरण सीमा शुल्क विभाग के पास जमा करना पड़ता है।
Question 4 . क्या शिपिंग बिल रद्द किया जा सकता है?
Answer 4. हाँ विशेष परिस्थितियों में शिपिंग बिल रद्द किया जा सकता है। शिपिंग बिल रद्द करने के लिए आप को सीमा शुल्क अधकारी एक पत्र उचित कारण के पूरे विवरण के साथ लिखना पड़ता है। संतुष्ट होने पर सीमा शुल्क अधिकारी रद्द करने की अनुमति के साथ एक पावती भी दी जाती है। जिसे आप बैंक में जमा कर के बैंक को सूचित कर सकते हैं।
Question 5. सीमा शुल्क Icegate क्या है?
Answer 5. भारत सरकार के सीमा शुल्क विभाग के लिए ICEGATE एक ऑनलाइन पोर्टल गेट वे है। इसे हिंदी में सीमा शुल्क इलेक्ट्रॉनिक देता इंटरचेंज गेटवे भी कहते हैं। यह भारत देश का राष्ट्रीय ई पोर्टल है। जो आयातकों और निर्यातकों को ऑनलाइन ई सबमिशन की सुविधा प्रदान करता है।