Kutki Millet in Hindi | कुटकी के 5 जबरदस्त फायदे

मिलेट में कुटकी मिलेटस का अपना अलग ही महत्व है। Kutki Millet in Hindi आज हम इसी टॉपिक के बारे में बात करेंगे कुटकी आज से 50 साल पहले ही लोगों का मुख्य भोजन हुआ करती थी। पैदावार थोड़ा कम, और स्वाद थोड़ा अलग होने की वजह से इसकी खेती दिन बा दिन घटती गई। और हमारे बीच में कुटकी की खेती लगभग न के बराबर होने लगी। चूँकि एक बार फिर से यूनाइटेड नेशन ने वर्ष 2023 को Millets ईयर घोषित किया है। तो फिर से चर्चा बढ़ गई है। तो आइये आज Kutki Millet in Hindi के बारे में विस्तार से चर्चा करें।

 

kutki millet in hindi

सवाल ये उठता है की जो फसल लगभग विलुप्तता की और जा रही थी तो फिर क्योँ अचानक चर्चा इतनी बढ़ गई के हर कोई Millet के बारे में जानना चाहता है। हर कोई इसके बारे में चर्चा कर रहा। लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है।

पिछले साल भारत सरकार ने मिलेट को सुपर फ़ूड घोषित किया। और अब यूनाइटेड नेशन ने भी वर्ष 2023 को मिलेटस ईयर घोषित किया है। यही कारण है की कुटकी मिलेट के बारे में चर्चा बढ़ गई है। हमे भी बहुत सारे इ-मेल आ रहे थे की कुटकी के बारे लिखिए। तो दोस्तों आज हमने Kutki Millet in Hindi का टॉपिक चुना है तो आइये Kutki Millet के बारे में जानते हैं।

Kutki : कुटकी

Kutki Millet को अंग्रेजी में Little Millet  भी कहते हैं कहते हैं इसका वानस्पतिक नाम पैनिकम सुमैट्रेंस (Panicum Sumatrense) है। कुटकी मिलेट को लिटिल बाजरा भी कहते हैं। यह दिखने में भी बिलकुल छोटे बाजरे की तरह ही होता है। इसे समां भी कहते है। इसका उपयोग उपवास या व्रत में भी किया जाता है।

कुटकी मिलेट भारतीय मूल का छोटा बाजरा है। कुटकी मिलेट घास के समूह का एक छोटा पौधा है, जो एशिया मूल का पौधा है। कुटकी मिलेट को पाजटिव ग्रेन भी कहा जाता है।

पोजटिव ग्रेन से तातपर्य रोगों से बचाव ओर स्वस्थ्य लाभ से होता है।कुटकी का पौधा आधा मीटर से डेढ़ मीटर तक लम्बा होता है। इसकी पत्तियों की लम्बाई 6 से 18 सेंटीमीटर तक होती है। कुटकी की फसल को तैयार होने में 70 से 90 दिन तक लग सकते हैं।

 

कुटकी  पोषण से भरपूर होने के बावजूद इसकी खेती दिन बा दिन कम होती जा रही है जबकि आज भी कुटकी मिलेट अन्य राज्यों के मुख्य भोजन में शामिल है। 1947 में जब देश आजाद हुआ तो आजादी के बाद हमारे देश में सबसे बड़ी समस्या इतनी बड़ी आबादी को दोनों टाइम भोजन दे पाने की थी।

संसाधन कम थे ,सूखे पड़ते थे भुखमरी जैसे हालात थे। तो उस समय कुटकी जैसे अनाज हमारे मुख्य भोजन में शामिल थे। चूँकि पैदावार कम थी।

तो इन अनाजों की तुलना में धान और गेहू को तवज्जो दी गई। चूँकि ये अनाज सभी मिलेट से ज्यादा पैदावार देते थे। और इनका स्वाद खाने में भी अच्छा था। अतः इन्ही अनाजों को बढ़ावा दिया गया। परिणाम स्वरुप अनाज की पैदावार बढ़ी। हमारे देश भर में खाने भर का अनाज पैदा होने लगा। लेकिन गेहूं लोगों के मुँह लग गया और लगातार गेहूं की खेती होने लगी धीरे-धीरे मिलेट की खेती कम होती गई।

जैसे की आप बतया कुटकी मिलेट एशिया मूल का अनाज है। जिसकी खेती चीन,भारत,नेपाल, श्रीलंका आदि देशों में की जाती है। कुटकी मिलेट की यह खाशियत भी है की ये सूखे या अकाल वाले राज्यों में भी पैदा होता है ,और बाढ़ वाले इलाकों में भी बढ़िया पैदावार देता है।

बात भारत की जाये तो भारत में कुछ राज्यों को छोड़कर Kutki Millet की खेती मध्यप्रदेश ,उत्तरप्रदेश ,बंगाल ,बिहार ,तमिलनाडु ,कर्नाटका ,तेलंगाना महाराष्ट्र ,गुजरात आदि राज्यों में प्रमुख रूप से की जाती है

लेकिन इतने सालों लगातर गेहूं चावल का सेवन करने के बाद हम देख रहे हर तीसरा इंसान शुगर या ब्लड प्रेसर से पीड़ित है। अब हो रही शोधों से पता चला है की मिलेट खाना ज्यादा सुरक्षित और स्वस्थ्यवर्धक है।

और अब Kutki Millet  के बारे में शोध के बाद जो जानकारी निकल के बाहर आ रही है, वो चौंकाने वाले हैं। कुटकी मिलेट बहुत ही शक्तिशाली अनाज है। जो की स्वस्थ्य और बीमारियों में भी बहुत फायदेमंद है।

अन्य भाषाओं में कुटकी मिलेट का नाम : Kutki Millet Name in Other Language 

कुटकी का Scientific Name Panicum Sumatrense (पैनिकम सुमैट्रेंस) है। भारत के अन्य भाषाओं और क्षेत्रों में इसका नाम इस प्रकार है

● हिंदी : मोरैयो, कुटकी, शावन (Moraiyo,Kutki,Shavan)

● तमिल : समाई (Samai)

● ओड़िआ : सुआन (Suan)

● तेलुगु : समालू (Samalu)

● बंगाली : सामा (Sama)

● गुजराती : गाजरो,कुरी (Gajro,kuri)

● मराठी : सवा,हलवी,वरी (Sava,Halvi,Vari)

● कन्नड़ : सआमे (Saame)

Nutritional Value Of Kutki Millet in Hindi  : कुटकी मिलेट में पाए जाने वाले पोषक तत्त्व

Kutki Millet में बहुत अधिक मात्रा में पोषक तत्त्व पाए जाते हैं। कहा जाता है। कोई भी इंसान अगर किसी और अनाज का सेवन न भी करे और केवल कुटकी मिलेट अकेले अनाज का सेवन करे तो भी आराम से जीवन यापन कर सकता है। इतना ज्यादा पौष्टिक है Kutki Millet । तो आइये देखते है Kutki Millet इन हिंदी में प्रति 100 ग्राम कितने पोषक तत्त्व पाए जाते हैं?

कुटकी मिलेट में प्रति 100 ग्राम में निन्मलिखित पोषक तत्त्व पाए जाते हैं।

● नियासिन (Vit B3)          :          1.5mg

● राइबोफ्लेविन (Vit B2)    :           0.07mg

● थायमिन (Vit B1)           :           0.30mg

● आयरन                         :           2.8mg

● कैल्शियम                      :           0.02g

● फास्‍फोरस                     :           0.28g

● प्रोटीन                           :           7.7g

● मिनरल –                       :           1.5g

● कार्बोहाइड्रेट                   :           65.5g

● फाइबर                          :           9.8g

कार्बोहाइड्रेट फाइबर अनुपात Carbohydrate Fibers Ratio = 6.68

Little Millet Atta : Kutki Millet Atta : कुटकी मिलेट आटा

● Kutki Millet का सबसे अच्छा उपयोग उसका आता बनाने के बाद ही हो पाता है, तो सबसे पहले कुटकी की साफ़ सफाई कर लेते हैं। चूँकि हम जानते हैं की जब खेत से फसल कट के आती है तो उसके साथ बहुत सारे धूल मिट्टी कचरे और अन्य फसलों के अवशेष भी आ जाते हैं।

हमे सबसे पहले इन्हे धुल के साफ कर लिया जाता है। इसके बाद इन्हे झन्ने में चाल के ग्रेडिंग कर लेते हैं। धुले हुए Kutki Millet को अच्छे से सुखा लेते हैं।

● चूँकि धुलने के बाद Kutki Millet  अंदर से थोड़ा नम हो जाते हैं। जिस से उसे आटा बनाने में दिक्कत होती है। इसके लिए कुटकी मिलेट को हल्का सा भुना जाता है। भूनने के लिए आप प्राकृतिक भट्ठी का उपयोग कर सकते हैं या फिर बड़ी रोस्टिंग मशीन में डाल कर हल्का सा भून लेते हैं जिससे कुटकी मिलेट की नमी भी दूर हो जाती है और Kutki Millet पहले से सुगन्धित भी हो जाता है।

अब बरी आती है कुटकी मिलेट को पीसने की Kutki Millet को पीसने के लिए कुटकी को ग्रैंडिंग मशीन में ग्रैंड करते है। इन ग्रैंडिंग मशीनों में आप की इच्छा के अनुसार मोटा या महीन कैसा पीसना है सब विकल्प मिलता है।

आप जैसे चाहते हो उस मोती या बारीक जाली लगा सकते है। अगर आप ज्यादा बारीक आता चाहते हैं तो आप को आते को 2 बार पीसना पड़ेगा।

पीस लेने के बाद आप का आटा तैयार है। कभी कभी ग्रैंड करने समय भी आटे में कचरा या पत्थर इसमें मिक्स हो जाता है। जिसके लिए इसे एक बार फिर से बारीक चलनी से चाल कर सारी अशुद्धियाँ दूर कर ली जाती है। अब आप इसे सुविधा अनुसार पैक कर सकते हैं।

Kutki Millet in Hindi Recipe : कुटकी मिलेट रेसिपी  

Kutki के आटे से ब्रेड, पास्ता, डोसा, नूडल्स आदि बनाने में किया जाता है। इसके अलावा कुटकी मिलिएट का सबसे बढ़िया उपयोग रोटी बनाने में किय जाता है। इसके अलावा अन्य रेसिपी में सहायक के रूप में किया जाता है। जैसे बड़े बड़े होटलों और रेस्टोरेंट्स में सब्जियों में ग्रेवी बनाने के लिए।

टोमेटो सॉस या अन्य सॉस को गाढ़ा करने के लिए भी किया जाता है। दोस्तों आप लोगों को बता दे की आज हम जिस टॉपिक पे बात कर रहे वो है Kutki Millet In Hindi तो इससे जुडी हर जानकारी पर पूरी चर्चा करेंगे।

Kutki Benefits : कुटकी मिलेट के फायदे  

चूँकि कुटकी मिलेट को सुपर फ़ूड भी कहा जाता है ये पोषक तत्त्वों से भरपूर है। इस लिए इसमें पाए जाने वाले अलग-अलग पोषक तत्त्व अलग-अलग तरह से से हमारे शरीर को फायदा पँहुचाते हैं। आइये देखते हैं कुटकी मिलेट इन हिंदी किस किस प्रकार से हमारे शररीर के लिए लाभ दायक है।

ग्लूटेन फ्री अनाज 

कुटकी मिलेट ग्लूटेन फ्री अनाज होता है जिसके कारण यह सुपाच्य अनाजों के श्रेणी में आता है। ग्लूटेन फ्री होने के कारण बूढ़ों एवं बुजुर्गों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। कुटकी मिलेट बुजुर्गों एवं बच्चों के लिए एक टॉनिक की तरह काम करता है। आप को बता दें ग्लूटेन एक हानिकारक प्रोटीन होता है। जो जौ गेहूं और राई में पाया जाता है। पाचन सम्बन्धी समस्याओं का मुख्य कारण होता है।

डायबटीज़ को कम कर बढ़ने से रोकता है

कुटकी मिलेट Low Glycemic Index वाला अनाज है। जो की हमारे शरीर में रक्त शर्करा की मात्रा को बढ़ने से रोकता है। Low Glycemic Index से मतलब यह होता है कि उस अनाज या मिलेट में मौजूद शर्करा कि मात्रा जो रक्त में कितनी तेज़ी या धीमी गति से घुलता है। इसे ही Glycemic Indexing  कहते हैं।

कुटकी में जटिल कार्बोहायड्रेट पाया जाता है। जिसकी वजह से उसका पाचन धीरे धीरे होता है। और रक्त में शर्करा कि मात्रा बहुत धीरे धीरे बढ़ती है। जिसकी वजह से मधुमेह रोगियों के लिए कुटकी मिलेट बहुत ही लाभ दायक अनाज है।

कुटकी मिलेट पौष्टिक तत्त्वों से भरपूर है

जैसा कि ऊपर बताया गया है कि कुटकी मिलेट सुपर फ़ूड में आता है जिसकी वजह से पोषक तत्त्वों से भरपूर है। फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स का एक अच्छा स्रोत होता है। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, आयरन और जिंक जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं।

पाचन में सहायक होता है

Little Millet में 9.8 % फाइबर कि मात्रा पाई जाती है। आँतों को स्वस्थ्य बनाये रखने में फाइबर का महत्वपूर्ण योगदान होता है। अगर किसी को भोजन लेने के बाद सीने में जलन होती है या खट्टी डकारें आती हैं या गैस्टिक कि समस्या आदि के कारण पेट में जकड़न महसूस होती है।

तो उनके लिए कुटकी मिलेट एक तरह से दवा कि तरह काम करता है। ड। खादर वली कुटकी मिलेट को अमली के रूप में खाने कि सलाह देते हैं। अमली के सेवन से आँतों में अच्छे बैक्टेरिया का विकाश होता है। जिससे आप का Digestive System को बेहतर होता है। और आप को कब्ज गैस और सूजन आदि जैसी समस्याओं से आराम मिलता है।

प्रजनन तत्न्त्र को बेहतर करता है

डॉक्टर खादर वली बताते हैं कि गलत खान पैन कि वजह से पुरषों और महिलाओं दोनों में हार्मोन्स से जुडी समस्याऐं देखी जा रही हैं। जिसमे थायरॉइड PCOD आदि शामिल हैं। महिलाओं में मासिक धर्म और गर्भाशय से सम्बंधित समस्याओं में लिटिल मिलेट बहुत प्रभावी तरीके से कम करता हैं।

पुरषों में Erectile Dysfunction  कि समस्या हो या शुक्राणुओं कि संख्या में कमी कि समस्या से पीड़ित हैं। उनमे लिटिल मिलेट के प्रयोग से शुक्राणुओं कि संख्या में वृद्धि होती हैं और इस समस्या में सुधार होता हैं।

डॉक्टर खादर वली बताते हैं कि अगर आप Little Millet  के साथ यदि अन्य Positive Millet के साथ एक निश्चित नियम से लगातार सेवन किया जाये तो रिप्रोडक्टिव सिस्टम से जुडी तमाम समस्याओं को दूर कर सकते हैं।

खिलाडियों के लिए एक पोषण युक्त आहार हैं

कुटकी फाइबर से भरपूर हैं जो अपने Fullness  कि फीलिंग देता हैं। और आप कि अनावश्यक कैलोरी को लेने कि आदत को कम करने में मदत करता है। ये आप को लम्बे समय तक निरंतर ऊर्जावान बनाये रखती हैं। कहा जाये तो लिटिल मिलेट पोषक तत्त्वों से भरपूर, हाई फाइबर Low Glycemic Index युक्त भोजन है। जिन्हे खिलाडी अपने डाइट से शामिल कर सकते है।

वजन घटाने में सहायक

भारत कि तिहाई आबादी अपने बढ़े हुए वजन से परेशान हैं। वजन बढ़ने कि वजह से डायबिटीज और बढ़े ब्लड प्रेशर कि समस्याओं कि समस्या से जूझ रहे है। जो लोग वजन कम करने चाहते हैं उनके लिए Little Millet वजन घटाने में मदत करता है।

इसे खाने के बाद काफी देर तक फुल्नेस्स कि फीलिंग रहती हैं। और आप अधिक मात्रा में भोजन से बचते हैं। जिस से आप के वजन कम करने में मदत मिलती हैं।

Export Of Little Millet : कुटकी मिलेट निर्यात

दोस्तों आज हम लोग Kutki Millet In Hindi के बारे में बात कर रहे हैं तो कुटकी मिलेट के बारे में साड़ी जानकारी के साथ-साथ कुटकी या ळीतले मिलेट को निर्यात करने के बारे में भी जानेंगे। जैसा की हम सबको पता है की यूनाइटेड नेशन ने 2023 को Year Of Little Millet घोषित किया हुवा है जिस से लोगों में मिलेट के प्रति जागरूकता बढ़ी है।

हर कोई मिलेट के पोषक तत्त्वों के बारे में जानना चाहता है। वैश्विक स्टार पे पोषक तव्वों की मांग लगातार बढ़ रही है जिस से वाणिज्य विभाग भी उत्साहित है। वाणिज्य विभाग का मानना है की आने वाले समय में निर्यातकों के दिन बदलेंगे और साथ लिटिल मिलेट की मांग भी बढ़ेगी।

Export data for Little Millet : भारत से निर्यात होने वाले कुटकी मिलेट के आंकड़े

वर्तमान में, 2020 के आंकड़ों के अनुसार, भारत दुनिया में Little Millet का पांचवां सबसे बड़ा निर्यातक है, 2020 के साथ समाप्त होने वाले पिछले पांच वर्षों में निर्यात लगभग 3% सीएजीआर से लगातार बढ़ रहा है।

2020-21 में, भारत ने 2019-20 में 28.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 26.97 मिलियन अमेरिकी डॉलर का Little Millet निर्यात किया।

Millet का विश्व निर्यात 2019 में 380 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2020 में 402.7 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।

Millet के प्रमुख निर्यातक संयुक्त राज्य अमेरिका, रूसी संघ, यूक्रेन, भारत, चीन, नीदरलैंड, फ्रांस, पोलैंड और अर्जेंटीना हैं। कुल मिलाकर, उनका Millet  निर्यात 2020 में 221.68 मिलियन अमेरिकी डॉलर था। 2020 में Millet का वैश्विक निर्यात 466.284 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।

2020-21 में भारत से Little Millet के शीर्ष तीन आयातक नेपाल (6.09 मिलियन अमेरिकी डॉलर), संयुक्त अरब अमीरात (4.84 मिलियन अमेरिकी डॉलर) और सऊदी अरब (3.84 मिलियन अमेरिकी डॉलर) थे। भारत के बाजरा निर्यात की शीर्ष दस सूची में अन्य सात गंतव्य लीबिया, ट्यूनीशिया, मोरक्को, यूके, यमन, ओमान और अल्जीरिया हैं।

कुल मिलाकर, इन दस देशों ने भारत से 22.03 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का Millet आयात किया। डीजीसीआईएस के आंकड़ों के अनुसार, अन्य देशों में भारत से 5.13 मिलियन अमेरिकी डॉलर का Millet आयात हुआ, जिससे 2020-21 में भारत से कुल आयात 27.43 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।

How To Start Export of Kutki Millet ?

हमारे पास अब वैश्विक निर्यात के लिए लिटिल मिलेट के निर्यात के आंकड़े आ गए हैं। हमे सब मालूम हो गया है की कौन सा देश कितना आयत कर रहा। अब हमे indiamart.com कॉम की वेबसाइट पर जाकर कुटकी मिलेट के सप्लायर से बात कर के रेट फाइनल कर लेना हैं। इसके alibaba.com पर आप का रजिस्ट्रेशन है तो बहुत अच्छा नहीं है तो कर लें।

वहां लगभग सारे बायर रजिस्टर्ड हैं। उनसे बात करना शुरू करें लगभग एक हप्ते में आप को २ ३ बायर मिल जायेंगे। उनसे बात कर के अपना रेट और बाकि सब फाइनल कर लें।

अब एक्सपोर्ट कैसे करना है कस्टम क्लेअरन्स कर के हमने अपने दुसरे ब्लॉग में बताया है कृपया उसे पढ़े और लिटिल मिलेट का निर्यात प्रारम्भ करें।

इसे भी पढ़ें इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट बिज़नेस कैसे शुरू करें ?

Conclusion : निष्कर्ष

हमने आज मिलेट के बारे में बहुत विस्तार से जाना। हमारा आज का विषय था Kutki Millet In Hindi इसके बारे में आज हमने विस्तार से जाना। मिलेट की मांग लगातार बढ़ती जा रही है लोग मिलेट के बारे में जानना चाहते हैं। तो आज इन्ही मिलेट में से एक महत्वपूर्ण मिलेट है कुटकी मिलेट या लिटिल मिलेट तो दोस्तों आज इसके बारे में पूरी जानकारी आप को दी गई।

उम्मीद करते हैं की Kutki Millet In Hindi इस टॉपिक के बारे में दी हुई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे। आप को दी हुई जानकारी कैसे लगी हमे कमेंट कर के जरूर बतायें। बहुत-बहुत धन्यवाद।

Frequently Asked Question

Question 1. कुटकी मिलेट क्या होता है?

Answer 1. कुटकी मिलेट को लिटिल मिलेट भी कहते हैं। इसे छोटा बाजरा भी कहते हैं। कुटकी मिलेट एशिया मूल का पौधा है। इसका बीज खाने के काम आता है जो की पोषक तत्त्वों से भरा होता है। इसका पौधा या तना पशुओं के चारों के काम आता है।

Question 2. मिलेट को हिंदी में क्या कहते हैं?

Answer 2. मिलेट को हिंदी में बाजरा कहते हैं।

Question 3. क्या कोडो और कुटकी एक ही है?

Answer 3. कोदो और कुटकी दोनों मोठे अनाज के श्रेणी में आते हैं । दोनों बाजरा समूह से ही सम्बन्ध रखते हैं। कुटकी का वानस्पतिक नाम पैनिकम सुमैट्रांस जबकि कोदो का वानस्पतिक नाम पास्पलम स्क्रोबिकुलटम है। कुटकी को चावल और आटा दोनों प्रकार से उपयोग में लिया जाता है। जबकि कोदो को चावल के रूप खाया जाता है।

Question 4.कुटकी का दूसरा नाम क्या है?

Answer 4. कुटकी का दूसरा नाम समां और अंग्रेजी में लिटिल मिलेट भी कहते हैं। इसका वानस्पतिक नाम पैनिकम सुमैट्रांस है।

Question 5.कुटकी का क्या रेट चल रहा है?

Answer 5. कुटकी मिलेट का मार्केट रेट लगभग 80 से 100 रूपये per kg तक है।

अस्वीकरण: इस हिंदी ब्लॉग वेबसाइट परऔर खाद्य पदार्थों के बारे में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। इसका उद्देश्य पेशेवर सलाह नहीं है, और पाठकों को व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए योग्य विशेषज्ञों से परामर्श करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ब्लॉग प्रदान की गई किसी भी जानकारी की सटीकता, पूर्णता या उपयुक्तता का समर्थन या गारंटी नहीं देता है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करे। Ganv wala Exporter  इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता।

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