Import Meaning In Hindi | इम्पोर्ट मीनिंग इन हिंदी

जब दो देशों के बीच आवश्यक वस्तुओं का आदान प्रदान होता है तो इसे व्यापारिक भाषा में आयात-निर्यात कहा जाता है। हिंदी में आयात निर्यात कहा जाता है। और अंग्रेजी में इम्पोर्ट -एक्सपोर्ट कहा जाता है। इम्पोर्ट को हिंदी में आयात और एक्सपोर्ट को निर्यात कहा जाता है। दोस्तों जो आज का हमारा टॉपिक है वो Import Meaning In Hindi तो आज इसी के बारे एक एक जानकारी बहुत विस्तार से चर्चा करेंगे।

Import Meaning In Hindi

दोस्तों आज का जो हमरा टॉपिक है बहुत ही महत्वपूर्ण है Import Meaning In Hindi। आज इसी टॉपिक के बारे में सबकुछ जानेंगे। इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट विश्व व्यपार की दो महत्वपूर्ण धुरी है। दोनों में से किसी एक बिना भी विश्व व्यपार पूर्ण नहीं हो सकता है। दुनिया का कोई भी ऐसा देश नहीं है जो इम्पोर्ट न करता हो। आप इसी से इम्पोर्ट की आवश्यकता का अंदाजा लगा सहकते हैं। आइये Import meaning In Hindi को विस्तार से समझते हैं।

Import Meaning In Hindi : इम्पोर्ट मीनिंग इन हिंदी

जब भी हम अपनी जरूरत की वस्तुओं को अन्य दूसरे देश से किसी वैश्विक परिवहन के माध्यम से अपने देश में मंगवाते हैं तो इसे ही इम्पोर्ट कहा जाता है। इम्पोर्ट को आयात भी कहते है। इम्पोर्ट करने के लिए जलमार्ग, हवाई मार्ग या फिर सड़क मार्ग का उपयोग किया जाता है। इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट एक दुसरे के पूरक होते है।

दुनिया में मौजूद हर देश जो इम्पोर्ट करता है एक्सपोर्ट भी करता है। विश्व व्यापार में जब कोई वस्तु या माल किसी देश से जल मार्ग से पानी की जहाज के माध्यम से आता है तो उसे इम्पोर्ट कहते हैं और जब इसी जहाज से कोई दूसरी वस्तु उसी देश को भेजा जाता है ,तो इसे एक्सपोर्ट कहते हैं।

Aayat meaning in Hindi  : आयात किसे कहते हैं

जैसा की शब्द से ही पता चल रहा है आयात मतलब है आना या लाया जाना , जब हम अपनी जरूरत की आवश्यक वस्तुओं को अपने देश की सीमा के बाहर से किसी भी दुसरे देश मंगवाते हैं या फिर दुसरे देश से अपने देश में आता है इसे ही आयात कहते हैं। आयात करने के लिए ज्यादातर जलमार्ग से पानी के जहाजों के माध्यम का उपयोग किया जाता है।

आयात करना विश्व व्यापर की श्रेणी में आता है। इस लिए भारत सरकार का सीमा शुल्क विभाग भी शामिल होता है। जो आयातित वस्तु की निगरानी के साथ-साथ सीमा शुल्क भी लेता है।

Aayat : आयात

पूरे विश्व में लगभग 195 देश हैं जो की इम्पोर्ट -एक्सपोर्ट बिज़नेस में शामिल है तो अब सवाल ये उठता है की आयात निर्यात की जरूरत क्योँ पड़ती है। पूरे विश्व में हर देश के भौगोलिक स्थिति अलग अलग होती है। जिसके परिणाम स्वरुप बारिश और मौषम भी अलग अलग देशों में भिन्न भिन्न पाए जाते हैं।

जिस से खाद्य पदार्थ एवं कृषि फसलों के उत्पादन में भिन्नता पाई जाती है। जब किसी एक देश में किसी चीज का उत्पादन नहीं होता उसी समय में वही वस्तु किसी अन्य देश में उत्पादित होती है तो इस स्थिति में वस्तुओं का आदान-प्रदान किया जाता है। और इस प्रकार आने वाली वस्तुओं की प्रक्रिया को ही आयात कहते हैं।

आयात क्योँ करते हैं ?

एक देश से दुसरे देश में केवल कृषि उत्पादित वस्तुओं का ही आदान प्रदान या आयात-निर्यात नहीं होता बल्कि इसमें जीवन रक्षक औषधियां, मशीनरी , कागज ,खनिज पदार्थ, लोहा , प्लास्टिक सामान , इलेक्ट्रॉनिक गुड्स , हथियार आदि वस्तुयें भी शामिल है। अपनी आवश्यकता और जरूरत के हिसाब से सारे देश एक दुसरे देश से वस्तुओं आदान प्रदान करते हैं। यही किसी भी देश से आयात करने का मुख्य कारण भी है।

Aayat Kaise karte hain : आयात कैसे करते हैं ?

आयात कैसे करते हैं इसे निन्मलिखित बिंदुओं में समझते है।

● आयात करने के लिए सबसे पहले हमे उस वस्तु या प्रोडक्ट को चिन्हित या पहचान करते हैं जो हमें आयात करना है ,चाहे वो खाद्य पदार्थ हो खनिज पदार्थ या कोई अन्य वस्तु हो।

● वस्तु चिन्हित हो जाने के बाद फिर हमे ये पता करना होता है की वो वस्तु जो हमे आयात करनी है वो दुनिया के किस देश में अच्छी क्वालिटी और अच्छे सस्ते दामों में उपलभ्ध है।

● हमे उस वस्तु के सप्लायर या आपूर्तिकर्ता से संपर्क कर के उसके भाव के बारे में जानकारी ले कर वस्तु का भाव सुनिश्चित कर लेते हैं।

● इसके बाद हमे अपने सप्लायर से वहां से यहाँ लाने या आयात करने के लिए सप्लायर से शिपिंग कंपनी के शिपिंग के टर्म्स कंडीशन भी फाइनल कर लेते हैं की शिपपमेंट का आयात CIF या FOB में होग।

● CIF का मतलब होता है Cast Insurance Freight मतलब सप्लायर इन तीनों चीजों का खर्चा उठाएगा माल के साथ साथ।

● FOB का मतलब होता है की Free On Board मतलब सप्लायर केवल माल को जहाज में लोड करने तक का खर्चा उठाएगा बस।

CIF या FOB दोनों कंडीशन फाइनल हो जाने के बाद आप को यहाँ उस बंदरगाह पर एक कस्टम हाउस एजेंट नियुक्त करना पड़ेगा। जो आप के माल यहाँ पंहुचने से पहले सारी कागजी कायर्वाही पूर्ण कर के रखेगा।

● माल एक बार आप के अपने नजदीकी बंदरगाह पर पंहुच जाने के बाद कस्टम हाउस एजेंट कस्टम विभाग से संपर्क कर के सीमा शुल्क का भुगतान करता है।

● सीमा शुल्क के भुगतान के बाद आप का माल फ्री करवाकर कस्टम हाउस एजेंट के द्वारा आप के आपेक्षित स्थान पर पंहुचा दिया जाता है।

● चूँकि आज जो हमारा चर्चा का विषय है वो है Import Meaning In Hindi तो हम केवल Import Meaning ही नहीं समझायेंगे बल्कि इसे से जुडी हर चीज आप बातएंगे।

 आयात करने के लिए किन किन कागजातों की जरूरत पड़ती है ?

आयात करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों के जरूरत पड़ती है।

इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट लाइसेंस IEC Code 

AD कोड रजिस्ट्रेशन

●पहचान पत्र आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र

●पैन कार्ड

●बिल ऑफ़ एंट्री

Aayat Ke Fayde : आयात से होने वाले फायदे

आयात करने के निम्नलिखित फायदे हैं।

●आयात करने से वस्तुओं की उपलभ्धता सुनिश्चित होती है।

●आयात से एक दुसरे देशों के बीच सामरिक सम्बन्ध अच्छे होते हैं।

●आयात से किसी भी देश में उस आवश्यक वस्तु की कमी नहीं हो पाती।

●विपरीत मौषम एवं परिस्थितियों में भी कम या न पैदा होने वाली वस्तुओं को आयात कर के उसकी कमी को पूरा कर पाते हैं।

●टेक्नोलॉजी आयात करने से देश के विकाश करने की दिशा में गति प्रदान होती है एवं हम विकाश की नई ऊंचाइयों को छु पाते हैं।

●कोई भी देश वस्तु विशेष जिसका निर्माण अपने देश में नहीं कर रहा फिर भी आयात करके उस वस्तु विशेष का उपयोग कर सकता है।

●कोई भी देश रक्षा क्षेत्र में निर्माण के मांमले में चाहे जितना पीछे हो लेकिन आयात करके वह भी अग्रणी बन सकता है।

आयात ही एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा पूरे विश्व में चाहे कहीं भी कोई वस्तु बिलकुल न पाई जाती हो और कहीं जहाँ उस वस्तु की अधिकता हो आयात की माध्यम से बराबरी में लाया जा सकता है।

Conclusion : निष्कर्ष 

आयात विश्व व्यापार की सबसे महत्वपूर्ण विधा है बिना आयात के विश्व व्यपार संभव नहीं है। दोस्तों आज का जो टॉपिक था Import Meaning In Hindi जिसकी मीनिंग आयात है ,इसके साथ साथ आप को इसे से जुडी हर बात के बारे में पूरी जानकारी अच्छे से दी आयात के फायदे, नुकसान, कैसे करते हैं सब कुछ। दोस्तों उम्मीद करते हैं की आप को आज Import Meaning in Hindi के बारे में दी गई जान कारी अच्छे से समझ आई होगी। आप को जानकारी कैसे लगी हमें मेल कर के जरूर बातएं बहुत बहुत धन्यवाद।

Frequently Asked Question 

Question 1. एक्सपोर्ट और इंपोर्ट का क्या मतलब है?

Answer 1. वैश्विक व्यापार में जब वस्तुओं का आदान-प्रदान वैश्विक परिवहन के माध्यम से होता है। तब इसे ही इम्पोर्ट एक्सपोर्ट कहा जाता है। हमारे देश जिस भी किसी वस्तु की अधिकता रहेगी तब उसे उन देशों को भेजा या बेंचा जाता है जहाँ उनकी कमी रहती है ,इसे एक्सपोर्ट कहा जाता है। जब हमारे देश में किसी चीज की कमी हो उसे अन्य किस बाहरी देश से मंगवाया जाता है। तब उसे इम्पोर्ट कहा जाता है।

Question 2. इंपोर्ट को हिंदी में क्या कहते हैं?

Answer 2. इम्पोर्ट को हिंदी में आयात कहते हैं। आयात करने के लिए ४ लोग शामिल होते हैं। सप्लायर , जिसे Consignee  भी कहते हैं शिपिंग कंपनी जो माल को लेकर आती है वहां से , कस्टम हाउस एजेंट , और इम्पोर्टर या आयातक। इस प्रकार आयात की प्रक्रिया पूर्ण होती है।

Question 3.  आयात व्यापार क्या होता है?

Answer 3. जब भी हमारे देश में किसी भी वस्तु की कमी के आभाव में उसका दाम हाडा बढ़ जाये या बढ़ने लगे ऐसी स्थिति में हम उस वस्तु को किसी अन्य देश से अपने देश में मंगवाते हैं इसी प्रक्रिया को आयात कहा जाता है।

Question 4. आयात व्यापार के उदाहरण क्या हैं?

Answer 4. जब भी हमारे देश में किसी भी आवश्यक वस्तु को जिसकी उप्लभ्दता लगभग न के बराबर हो दुसरे जैसी देश मंगवाया जाता है इसे आयात कहते हैं। उदहारण के लिए जैसे अभी पिछले साल भारत सरकार ने फ़्रांस से राफेल लड़ाकू विमान आयात किया। जो की एक उन्नत किस्म का पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है। जिसकी Technology बहुत ही उन्नत है और जो की हमारे देश में नहीं बनाया जाता।

Question 5. भारत का मुख्य आयात क्या है?

Answer 5. जैसा की हम जानते हैं हम उन्ही चीजों को आयात करते हैं जिनकी खपत हमारे देश में ज्यादा और आपूर्ति कम होती है। जैसे भारत देश सबसे अधिक मात्रा में पेट्रोलियम पदार्थ , मशीनरी , वनस्पति तेल हथियार आदि अधिक मात्रा में आयात करता है।

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