हींग जी हाँ Hing नाम तो सुना ही होगा आप सब ने जिसका नाम सुनते ही एक अजीब सी गंध दिलो दिमाग में गूंजने लगती है। Hing जो हमारे भारतीय व्यंजनों की जान है। जिसके बिना हमारा कोई भी भारतीय व्यंजन अधूरा है। आज उसी हींग की चर्चा करेंगे।
Hing जो नाम से ज्यादा स्वाद और गंध से जानी जाती है। जिसकी लगभग 70 % भारतीय व्यंजन बिना Hing के पूरा नहीं होते। तो आप इस बात से ही अंदाजा लगा सकते हैं की हींग हम भारतीयों के लिए कितना जरूरी है। हींग का प्रयोग केवल खाने में स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि बहुत समय पहले से ही हमारे पूर्वज इसका उपयोग औषिधयों के रूप में भी करते आ रहे हैं। तो दोस्तों आइये आज इसी हींग के बारे में विस्तार से समझते हैं।
हींग | Hing | Asafoetida In Hindi
बहुत सारे लोगों को ऐसा लगता की हींग को किसी फैक्टरी में बनाया जाता है तो दोस्तों ऐसा बिलकुल भी नहीं, हींग की खेती की जाती है। हींग सौंफ के कुल का एक पौधा है जिसकी ऊंचाई 1.5 मीटर से 2 मीटर तक होते हैं। हींग पादप जगत के अपियासी कुल का एक पौधा है जिसका वानस्पतिक नाम फेरूला एसाफोएटिडा है। हींग एक बारहमासी पौधा है।
हींग इसका हिंदी नाम है, हिंदी ,गुजरती बंगला एवं मराठी में भी इसे हींग ही कहते हैं। संस्कृत में हींगु एवं कन्नड़ में हींगर कहते हैं।हींग के पौधे का फूल पीले रंग बिलकुल सरसों के फूल के जैसा दिखता है।
हींग के पौधे से हींग को फल या फूल के रूप में नहीं बल्कि हींग के प्रकंदों एवं ऊपरी जड़ से में चीरा लगा कर उससे निकलने वाले राल, गुध, या गाढ़े दूध जैसे चिपचिपे पदार्थ से प्राप्त किया जाता है। ये प्राप्त होने वाला राल जैसा पदार्थ है जो फेरूला की जड़ से प्राप्त होता है। फेरूला अजवाइन से सम्बंधित एक बारहमासी जड़ी बूटी है।
हींग का पौधा लग जाने के 4 से 5 साल के अंदर ही परिपपक्क्व एवं हींग प्रदान करने के योग्य हो जाता है। हींग के पौधे से हींग प्राप्त करने के लिए उसकी ऊपरी जड़ों एवं भूमिगत जड़ों या प्रकंदों में जगह-जगह चीरा लगाकर किसी हवा बंद डिब्बे या बर्तन को लगा देते हैं। जिससे हींग के पौधे से निकलने वाला गाढ़ा राल के जैसा चिपचिपा पदार्थ डिब्बे में इकठ्ठा होता रहता है।
हींग के पौधे से निकलने वाला राल जैसा पदार्थ बहुत ही तीव्र गंध वाला होता है। जिसकी वजह से इसके आस-पास रह पाना भी मुश्किल होता है। यह एक विशिष्ट तीखी गंध होती है। इसकी गंध काफी हद तक उबले अंडे , या प्याज की तरह होती। यह विशेष प्रकार की गंध हींग में मौजूद सल्फर की वजह से होती है।
इसकी इसी गंध की वजह से इसे शैतान का गोबर भी कहा जाता है। आप को जानकर हैरानी होगी हींग के ये बदबूदार गंध केवल कच्ची होने पर ही आती है परन्तु जैसे ही इसे किसी खाद्य वनस्पति तेल या घी के साथ तड़का दिया जाता है यही हींग बहुत ही जबर्दस्त खुशबु में परिवर्तित हो जाता है।
हींग कहां पैदा होती है | Hing Khan Paida Hoti Hai
हींग मुख्य रूप से अफगानिस्तान ,ईरान उज्बेकिस्तान, से आयात की जाती है। भारत हींग का सबसे बड़ा उपभोगता एवं सबसे बड़ा आयातक भी है। इतना अधिक मात्रा में भारत में हींग का उपयोग होने के बावजूद भारत में इसकी खेती लगभग न के बराबर होती है। अपनी जरूरत का लगभग 90 % हींग भारत आयात ही करता है।
पिछले कुछ सालों से भारत सरकार के अथक प्रयासों से हिमाचल प्रदेश में हींग की खेती आंशिक रूप से शुरू हो पाई है जिसे लगातार बढ़ाने की कोशिस की जा रही है। लेकिन अभी तक हो रहो खेती हमारी जरूरतों के मुकाबले लगभग नगण्य ही है। हींग के लिए भारत अभी भी पूर्ण रूप से आयात पर ही निर्भर है।
भारत में हींग आप को भारतीय बाजार में गाढ़ी भूरी या कत्थे रंग की गांठ के रूप में बंद डिब्बे या एयर टाइट जार में मिल जाएगी। जबकि अमेरिका जैसे देशों में पाउडर के रूप में या आटा में मिश्रित रूप से मिल जाएगी।
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हींग कैसे बनती है |Hing Kaise Banti Hai
हींग की खेती या हींग की प्राप्ति जितना कठिन है, हींग को बनाना उतना ही आसान है। हींग बनाने के लिए हींग के तैयार और परिपक्क्व पौधों में उसकी जड़ों में चीरा लगा कर इकठ्ठा किया हुआ राल या गोंद जैसा चिपचिपे पदार्थ को धीरे धीरे इकठ्ठा करते जाते हैं। पर्याप्त मात्रा में कच्ची हींग इकठ्ठा हो जाने के बाद इसे विशेष बिधि से एकत्रीकरण के दौरान इकठ्ठा की हुई हींग से गन्दगी और मिट्टी को अलग कर लेते हैं।
इसके बाद इसमें जररूत की अनुसार चावल या गेहूं का आटा मिलाकर कम तेज या ज्यादा तेज बना लिया जाता है। फिर इसे धुप में सुखाकर हींग तैयार कर लिया जाता है। फिर इसे ग्रैंडर या अन्य मशीन में पीसकर बारीक कर लेते हैं। में इसके बाद अपनी सहूलियत के अनुसार छोटे बड़े पैकेटों में इसे पैक कर लेते हैं।
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हींग के फायदे | Hing ke Fayde
पेट की समस्याओं का रामबाण इलाज है
जैसा की हम सब जानते हैं की हींग औषधीय गुणों से भरपूर है , हींग का उपयोग हमारे पूर्वज वर्षों से करते आ रहें हैं। हींग पेट की समस्याओं की रोकथाम के लिए प्रभावी औषधि के रूप में काम करती है। कभी कभी गलत खान पान की वजह से हमारे पेट में गैस व बदहजमी की समस्या हो जाती है। जिसमे हींग को काले नमक और गरम पानी के साथ लेने पर तुरंत आराम मिलता है।
कृमिनाशक के रूप में
हींग की मुख्य गुणों में से एक यह भी है की हींग एक एंटीबैक्टीरियल गुणों वाला पदार्थ भी है जिसके सेवन से पेट में मौजूद कीड़े मर जाते हैं। साथ ही साथ एंटीबैक्टीरियल होने की वजह से पेट होने वाले किसी भी इन्फेक्शन की संभावना को काम करता है।
स्मूथ मसल्स के लिए रिलैक्सिंग का काम करता है
स्मूथ मसल्स हमारी आंत के अंदर की मसल्स, सांस के नली के अंदर की मसल्स ,सरीर में जहां हवा या स्वसन क्रिया में जहाँ भी ऑक्सीजन एवं कार्बनडाई ऑक्साइड की अवयवों का लेन-देन होता है वहां पर ,हमारे हार्ट के अंदर , एवं हमारे नसों के अंदर की मसल्स को स्मूथ मसल्स कहते हैं।
हींग इन समस्त स्मूथ मसल्स को रिलैक्स करने काम करता है। जिसकी वजह से हमारे शरीर के सभी अंग ठीक तरह से काम करते हैं और इन अंगों का कार्यक्षमता भी बढ़ती है । हींग का उपयोग खांसी एवं अस्थमा में भी किया जाता है।
डिमेंशिया एवं यादास्त की समस्याओं में लाभदायक है
बढ़ती उम्र के साथ साथ इंसानो में याददास्त कमजोर होना ,चीजों को भूल जाना या मेमोरी लॉस की समस्या बढ़ती जाती है। जिसे डिमेंशिया कहते हैं। Hing इस समस्या का बेहतरीन उपाय एवं विकल्प है। ये हमारे दिमाग को शांत रखने मदत करता है।
एक शोध से पता चला है की हींग के सेवन से हमारे दिमाग के नर्व सिस्टम में होने वाली हीलिंग इंफ्लामेशन को कम करता है जिसे कमजोर होती याददास्त को रोका जाता है। Hing के सेवन से मिर्गी के दौरे में भी बहुत आराम मिलता है। दिमाग को शांत खुश एवं डिप्रेसन से बहार रखता है।
लिवर को स्वस्थ्य रखने में मदत करता है
जिन लोगों को लिवर में फैट जमा हो जाता है लगातार हींग के सेवन से हींग टोक्सिन से हमारे शरीर एवं लिवर को बचाता है। Hing लिवर में होने वाले मेटाबोलिज्म की क्रिया बढ़ाता है। जिससे लिवर के अंदर जमा फैट कम होता है और फैटी लिवर की समस्या से छुटकारा मिलता है।
डायबिटीज में
हींग का अर्क डायबिटीज को कण्ट्रोल करने में मदत करता है। हींग में फेनोलिक एसिड एवं टेनिन एसिड के भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो की डायबिटीज के रोगियों में रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है।
कैंसर के इलाज एवं कैंसर को नियंत्रित करने में
अमेरिका में चूहों पर एक एक शोध किया गया जिसमे चूहों में होने वाले कोलन कैंसर में ट्यूमर पर इसके आकर और प्रसार पर पूरी निगरानी रखी गई जिसमे हींग में पाए जाने वाले कुछ तत्त्व एंटी कैंसर की भूमिका में नजर आये। फेरूला हींग में पाए जाने वाला तत्त्व ओलियो-गम-रेसिन की कीमोप्रिवेंटिव जैसा व्यवहार करता है।
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पुरुषों के लिए हींग के फायदे | Purshon Ke Liye Hing Ke Fayde
Hing को हमारे औषधि शास्त्रों एवं पूर्वजों ने आम जान मानष एवं पुरषों के लिए बहुत ही उपयोगी बताया गया है। आइये देखते हैं हींग पुरषों के लिए किस प्रकार से लाभदायक हैं।
स्तम्भन दोष : Erectile Dysfunction
पुरुषों में बढ़ती हुई उम्र या फिर गलत खानपान की वजह से बहुत सारी बीमारियों के लक्षण दिखते हैं, या फिर बीमारियां हो भी जाती हैं। जिसमे से एक व मुख्य है स्तंभन दोष ,जिसे सरल भाषा में लिंग का सख्त न होना भी कहते हैं। ये लक्षण नपुंसकता की पहली सीढ़ी भी है। कोई भी पुरुष इसके बारे में बात नहीं करना चाहता है। लगभग 40 से 65 वर्ष की आयु में पुरषों में ये समस्या आम हो जाती है। इस समश्या से निजात पाने के लिए पुरुषों को सुबह खली पेट हींग के पानी का सेवन करने से स्तंभन दोष की समस्या में बहुत आराम मिलता है।
शुक्राणुओं की कमी की समस्या में लाभदायक: Infertility Problem
पुरुषों में धूम्रपान ,शराब सिगरेट और अन्य गलत आदतों के साथ साथ अनियमित लाइफस्टाइल भी शुक्राणुओं की घटती हुई संख्या के लिए जिम्मेदार हैं। आज कल के पुरषों में ये समस्या बिलकुल आम सी हो गई है। हर 4 में से 1 पुरुष इस समस्या से पीड़ित है। रोजाना Hing के सेवन से इस समस्या में बहुत रहत मिलती है। और हींग में पाए जाने वाले तत्त्व शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में मदत करते हैं।
नपुंशकता एवं शीघ्रपतन की समस्या का रामबाण इलाज : Helpful In Impotence Premature Ejaculation
पुरुषों या बढ़ती उम्र के बच्चों में बचपन की गलत आदतों या जानकारी के आभाव में की गई गलत हरकतों जैसे अनियमित हष्टमैथुन की आदतों से इस प्रकार के समस्याओं के शिकार हो जाते हैं।
इस समस्या से निजात पाने के लिए आप रोजाना एक गिलास गरम गुनगुने पानी के साथ Hing के एक चम्मच को डालकर अच्छे से मिक्स कर के पियें। आप देखेंगे की आप की इस समस्या में बहुत तेज़ी से सुधार हो रहा और दिन बा दिन आप का परफॉर्मेंस बढ़ता ही जायेगा।
रात्रि पतन की समस्या में राहत : Nightfall Problem
युवा बच्चों एवं पुरुषों में आज कल रात्रि पतन Night Fall की समस्या आम सी हो गई है। जिसमे रात्रि में सोते वक़्त अनावश्यक रूप से बिना किसी जानकारी के वीर्य स्खलित हो जाता है। जिसकी वजह से बच्चों में निराशा ,आत्मविश्वाश में कमी ,शरीर में कमजोरी आदि समस्याएं बढ़ने लगती हैं।
जिसका मुख्य कारण बच्चों में बढ़ता पोर्नग्राफी का प्रचलन ,गंदी एवं अश्लील फिल्मों के अधिक देखने का चलन है। जाने अनजाने बच्चे इस समस्या का शिकार हो जाते हैं। Hing का सेवन गुनगुने गरम पानी के साथ आप को इस समस्या में ठीक से निजात दिला सकता है।
हींग से पीरियड कैसे लाये | Hing Se Period Kaise Layen
दोस्तों हींग को नेचुरल गर्भ निरोधक भी कहा जाता है। बहुत सारे ऐसे पति पत्नी हैं जिनकी नई नई शादी हुई है। जो बहुत जल्दी संताने पैदा नहीं करना चाहते हैं। चूँकि प्रेग्नेंट होने के बाद बच्चे की जिम्मेदारी एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। कभी कपल्स इसके लिए मानसिक तौर पर तैयार बही होते हैं। ऐसी स्थिति में कभी कभी अनचाहा गर्भ धारण हो जाने से उनकी समस्या और चिंता दोनों बढ़ जाती है।
कभी कभी ऐसा भी हो जाता है की पीरियड्स मिस हो जाता है या फिर आने वाली तारीख से एक या दो दिन आगे पीछे हो जाता है। ऐसी स्थिति में आप को चिंतित होने के जरूरत नहीं है। ऐसी स्थिति में Hing आप के लिए बहुत फायदे मंद शाबित हो सकता है।
इसके लिए आप को सम्न्बध स्थापित होने के बाद लगातार 1चम्मच हींग को एक गिलास गरम पानी के साथ लगातार 7 से 8 दिन लगातार पीना है। ऐसे में आप को गर्भ धारण नहीं होगा। और अगर हो भी गया है तब भी आप पीरियड आ जायेगा। चूँकि हींग की तासीर गर्म होती है। अगर इसी के साथ पपीता का भी सेवन करते है। इसकी संभावना और प्रबल हो जाती है।
Conclusion | निष्कर्ष
दोस्तों Hing सिर्फ हमारे भारतीय व्यंजनों की शान है ही नहीं बहुत सारे औषधीय गुणों से भरपूर भी है। हींग अपने इन्ही औषधीय गुणों के कारण ही हमारे दैनिक जीवन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। भारत पूरे विश्व में Hing का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। दोस्तों हींग के औशधीय गुणों के बारे में जितना बात करें उतना ही कम है। आज का हमारा विषय हींग ही था। हींग के बारे में आप को सारी जानकारी दी गई। उम्मीद है आप को हींग के बारे में दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी। आप को हींग के बारे में दी हुई जान कारी कैसे लगी जरूर बातएं। बहुत बहुत धन्यवाद।
Frequently Asked Question
Question 1. हींग कौन सी चीज से बनती है?
Answer 1. बहुत सरे लोगों को लगता है की हींग किसी फैक्टरी में बनता है। पर ऐसा बिलकुल भी नहीं है हींग एक पौधे से प्राप्त किया जाता है , हींग पादप जगत के अपियासी कुल का एक पौधा है जिसका वानस्पतिक नाम फेरूला एसाफोएटिडा है। जिसके जड़ों एवं प्रकंदों में से कट कर के राल जैसा तरल पदार्थ निकाल कर उसी से बनाया जाता है।
Question 2. हींग के पौधे का क्या नाम है?
Answer 2. हींग का वानस्पतिक नाम फेरूला एसाफोएटिडा है।
Question 3 हींग भारत में कहां उगाया जाता है?
Answer 3. वैसे तो भारत में हींग की खेती लगभग न के बराबर होती है। भारत विश्व में हींग का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। और भी अपनी जरूरत 95 % हींग आयात ही करता है। भारत सरकार के प्रयासों से अभी जल्द में ही हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी (सीएसआईआर-आईएचबीटी) हींग के कुछ पौधों को रूप कर इसकी खेती शुरू की जा रही है।
Question 4 हींग किसे नहीं खाना चाहिए?
Answer 4. यदि आप को उच्च रक्तचाप या निम्मन रक्तचाप की समस्या है तब आप आप को हींग का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को भी हींग के सेवन से बचना चाहिए।
Question 5. हींग को अंग्रेजी में क्या कहा जाता है?
Answer 5 .हींग को अंग्रेजीAsafoetida में कहा जाता है ।
अस्वीकरण: इस हिंदी ब्लॉग वेबसाइट परऔर खाद्य पदार्थों के बारे में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। इसका उद्देश्य पेशेवर सलाह नहीं है, और पाठकों को व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए योग्य विशेषज्ञों से परामर्श करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ब्लॉग प्रदान की गई किसी भी जानकारी की सटीकता, पूर्णता या उपयुक्तता का समर्थन या गारंटी नहीं देता है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करे। Ganv wala Exporter इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता।