Kali Haldi | काली हल्दी के 10 फायदे | एक्सपोर्ट कैसे करें ?

क्या आप ने Kali Haldi के बारे में सुना है शायद न भी सुना हो या फिर सुना हो Kali Haldi के बारे में दोस्तों आज हम इसी काली हल्दी के बारे में पूरी जानकारी देंगे। हल्दी। हल्दी न सिर्फ एक फसल है। बल्कि हमारे जीवन और खान पान का हिस्सा भी है। जब भी हम हल्दी का नाम सुनते हैं। हमारे मन में गहरे पीले रंग वाली हल्दी का ख्याल आ जाता है। जिसका प्रयोग हम लगभग अपने सभी व्यंजनों में करते हैं। पर आज हम पीले रंग वाली हल्दी की चर्चा नहीं बल्कि काली रंग वाली हल्दी के बारे में चर्चा करेंगे।

Kali Haldi

काली हल्दी जिसकी चर्चा आज कल हम बहुत सुन रहे हैं। चाहे वो इंटरनेट पर हो या न्यूज़ पर हर जगह Kali Haldi की चर्चा हो रही है। तो आज हम काली हल्दी के बारे में बिलकुल शुरू से और विस्तार से जानेंगे। काली हल्दी आम पीली हल्दी से गुण दोष में लगभग अलग ही होता है। पीली हल्दी के अपने बहुत सारे औषधीय फायदे हैं। जो शयद हम अभी तक भी नहीं जान पाए हैं। लेकिन काली हल्दी के उससे कहीं ज्यादा होते हैं।

काली हल्दी | Kali Hadi Kya Hoti Hai 

काली हल्दी पादप जगत का एक पौधा है, जिसका वनस्पतिक नाम कर्कुमा सीज़िया है। काली हल्दी का परिवार ज़िंगिबेरासी है। दिखने में काली हल्दी का पौधा दिखने में बिलकुल पीले पौधे की तरह ही दिखता है। पौधे के साथ साथ पत्तियां भी बिलकुल पीली हल्दी की तरह ही होता है।

दोनों की पत्तियों में एक सबसे फर्क होता है की पीली हल्दी की पत्ती के बीच में पट्टी हलके हरे रंग की होती है जब की Kali Haldi की पट्टी गहरे नीले रंग की होती है। काली हल्दी का प्रकंद गहरे नीले रंग का होता है। और इसका प्रकंद ही उपयोग में लाया जाता है। इसका प्रकंद धीरे धीरे बढ़ता है।

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काली हल्दी ज़िंगिबेरासी परिवार से संबंधित एक दुर्लभ हल्दी प्रजाति है। Kali Haldi एक जड़ी बूटी श्रेणी का बारहमासी पौधा है। जब तक हम लोगों को इस पौधे के बारे में पता ही नहीं था , उस से पहले से हजारों वर्षों से से जंगलो में उगता रहा है। पहले जब हमे इसके औषधीय गुणों के बारे में नहीं पता था, तब हम इसका प्रयोग सजावटी पौधों के रूप में करते थे।

Kali Haldi के प्रकंदों को पूरे एशिया महादीप में खासकर भारत और चीन में इसका धार्मिक रूप से पूजा पाठों में उपयोग के लिए बहुत बेशकीमती माना जाता है। हिन्दू परिवारों में हल्दी के पेड़ रखने का चलन और काली हल्दी के ऊपर माँ लक्ष्मी की अत्यंत कृपा मानी जाती है। जिससे इसे घर में रखना काफी शुभ माना जाता है।

Kali Haldi की फसल बुवाई से लेकर परिपक्क्व स्तिथि में आने के लिए लगभग 8 से 9 महीने लगते हैं। काली हल्दी वैसे तो इसकी खेती अभी बहुत ही काम लोग कर रहे हैं। जिसकी वजह से से खुदरा बाजारों में इसकी उपलबधता बहुत काम है ,या फिर बहुत मुश्किल से मिलता है। ऑनलाइन आप इसको मंगवा सकते है। कुछ चुनिंदा लोग है जो इसको ऑनलाइन बेंचते हैं।

काली हल्दी में पाए जाने वाले रासायनिक एवं पोषक तत्त्व | Kali Haldi me kon Kon Se poshak tattw paye jate hain 

वैसे तो काली हल्दी पर इसके पोषक तत्त्वों पर बहुत व्यापक रूप शोध नहीं हो पाई है केवल कुछ ही शोधें हुई है। लेकिन फिर भी हमारे पूर्वज इसके औषधीय गुणों से अनभिज्ञ नहीं थे। काली हल्दी के प्रकंदों के उपयोग सदियों से औषधियों एवं दवाओं के रूप में लगभग पूरे एशिया में किया जाता रहा हैं। काली हल्दी की यह प्रजाति अन्य किसी भी हल्दी की प्रजाति की तुलना में इसमें करक्यूमिन की मात्रा सबसे अधिक पाई जाती हैं। जैसा की हम सब जानते हैं करक्यूमिन एक बहुत ही महत्वपूर्ण जैविक रूप से सक्रिय पॉलीफेनोलिक यौगिक है।

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काली हल्दी पर हुई अबतक की शोधों से इसमें पाए जाने वाले लगभग ३० घटकों की ही पहचान हो पाई है जिसके आधार पर पता चला है की इसके संपूर्ण भाग का लगभग ९७% तेल ही पाया जाता है। बाकी और पाए जाने वाले तत्त्व कुछ इस प्रकार है। कपूर 28 %, टर्मेरोने 12 % जेड ओसिमीन 8% पाए जाते हैं।

प्रमुख घटकों में आर करक्यूमिन 7 % ,1,8-सिनेओल 5%, एलेमीन 5%, बोर्नियोल 4%, बोर्निल एसीटेट 3% और करक्यूमीन 3% मिलते हैं। अन्य शोधों से कुछ और तत्त्वों जैसे प्रमुख घटकों के रूप में डिफेनिलैल्केनोइड्स, एलिलबेंजीन डेरिवेटिव्स, टेरपेनोइड्स, फ्लेवोनोइड्स, स्टेरॉयड और एल्कलॉइड्स की भी मौजदगी प्रमाणित की गई।

काली हल्दी के फायदे | Kali Haldi Ke Fayde 

हल्दी आदि अनादि काल से ही औषिधयों की श्रेणी में आती है जिसकी वजह से ही हल्दी को हजारों साल से हमारे पूर्वजों ने हल्दी को अपने भोजन में शामिल किया है। हल्दी माँ महत्त्वा आप इसी से समझ सकते हैं की हमारे बहुत सारे व्यंजन इसके बिना बनते ही नहीं हैं। दैनिक जीवन में हम अपने भोजन में हल्दी को शामिल किये हुए हैं। चूँकि काली हल्दी और पीली हल्दी दोनों एक ही कुल के पौधे हैं। इस प्रकार से दोनों ही औषधीय गुणों में चमत्कारिक महत्व्वा रखते हैं। काली हल्दी पीली हल्दी से ज्यादा फायदेमंद है तो आइये काली हल्दी के फायदे के बारे में जानते हैं।

कैंसर की बीमारी के इलाज एवं रोकथाम में सक्षम है

काली हल्दी में करक्यूमिन नमक तत्त्व पाया जाता है जो कैंसर जैसी बीमारियों के रोकथाम के लिए आवश्यक है। करक्यूमिन से बहुत सारी कम्पनियाँ एंटी कैंसर दवाओं का निर्जन करती है। आप को बताते चले की बहुत ही ऐसी औषधियां या वनस्पतियां पाई जाती हैं जिसमे करक्यूमिन की इतनी अधिक मात्रा पाई जाती है।

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चूँकि करक्यूमिन एंटी इन्फ्लामेट्री गुणों से भरपूर होता है। जिसकी वजह से सूजन को काम करने में मदत करता है। करक्यूमिन के मुख्य गुणों में शरीर के अंदर बढ़ती हुई अनियंत्रित त्वचाओं एवं कुछ विशिष्ट प्रकार के कैंसर ट्यूमर को बढ़ने से भी रोकता है। कुछ अन्य शोधों से भी पता चला है की करक्यूमिन कोलोरेक्टल कैंसर को भी रोकने में सक्षम है। जिसकी वजह से काली हल्दी का महत्तव और भी बढ़ जाता है।

प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणो से सम्पन्न है

काली हल्दी के जबरदस्त मांग के पीछे मुख्य कारण इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण का होना है। Kali Haldi में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के कारण शरीर के किसी भी हिस्से में पाए जाने वाले सूजन से लड़ने की बहुत मजबूत क्षमता होती है। जिसका मुख्य कारण काली हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन है। काली हल्दी को प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी टेबलेट भी कहते हैं। काली हल्दी किसी भी प्रकार की सूजन ,गंठिया , घुटनो की बीमारी में बहुत फायदेमंद पाया गया है।

एंटीऑक्सिडेंट गुण से भरपूर

एंटीऑक्सिडेंट के सबसे अच्छे साधनों में से काली हल्दी भी एक मुख्य साधन है। हमारी बढ़ती उम्र के साथ ऑक्सीडेटिव डैमेज के कारण फ्री रेडिकल्स के संख्या लगातार बढ़ती जाती है। जो हमारे शरीर में अनेक प्रकार की बीमारियों के कारण के साथ साथ हमें उम्र से पहले ही हमे बूढ़ा दिखाने लगती हैं। काली हल्दी में पाए जाने वाले एंटी ऑक्सीडेंट गुणों के कारण यह फ्री रेडिकल्स को कम करता है। जिस से हम बहुत सारे होने वाली बीमारियों से बच जाते हैं और हम अपनी उम्र से कम उम्र के मतलब ज्यादा दिन तक जवान दिखते हैं।

रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है

करक्यूमिन रक्त में सर्करा की मात्रा को नियंत्रित करने में मदत करता है। वैसे तो करक्यूमिन बहुत सारे रासायनिक यौगिकों से मिलकर बनता है जिसमे से एक टेट्राहाइड्रोकरक्यूमिन एक यौगिक है जो रक्त में शर्करा की मात्रा नियंत्रित करता है। टेट्राहाइड्रोकरक्यूमिन मुख्य रूप से प्लाज्मा इन्सुलिन में भी सुधार करने में मदत करता है।

त्वचा की संशय के लिए स्किन केयर की तरह काम करता है

हल्दी को लंबे समय से त्वचा की विभिन्न समस्याओं के लिए प्रयोग किया जाता है। मुहांसे, फोटोएजिंग और सोरायसिस जैसी त्वचा की समस्याओं को दूर करने के लिए एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-ऑक्सीडेंट पोषक तत्वों का उपयोग किया जाता है । कर्क्यूमिन के अंदरूनी गुण इसे उन्नत स्किनकेयर के लिए और अधिक आकर्षित करते हैं। लेकिन यह नहीं कहा जाता कि इसे अन्य त्वचा देखभाल तरीकों से बदलें। विभिन्न अध्ययनों ने यह भी पाया कि हल्दी करक्यूमिन मस्तिष्क के अध: पतन और अन्य एंटी-एजिंग समस्याओं में सबसे प्रभावी है।

ह्रदय रोग में प्रभावी

काली हल्दी में मौजूद सबसे प्रभावी और चमत्कारिक तत्व करक्यूमिन ही है करक्यूमिन रक्त वाहिकाओं एंडोथेलियम के कार्यों में सुधार करके रक्त वाहिकाओं में रक्त के सुचारु रूप से बहने की सुनिश्चित करता है। इसकी मौजूदगी की वजह से रक्त को पतला करना , थक्का जमने से रोकना आदि शामिल है। जिसकी वजह से ह्रदय सम्नब्धी समस्याओं में काली हल्दी बहुत ही सहायक एवं मदतगार है।

काली हल्दी की कीमत 1 Kg | Kali Haldi Ki Keemat1 Kg

रेगुलर पीली की कीमत तो हम सब जानते हैं बाजार में उपलब्धता भी है। पीली हल्दी बाजार में 80 से 90 रूपये किलो आसानी से मिल जाती है। चूँकि काली हल्दी के मेडिशनल वैल्यू ज्यादा होती है ,और मार्केट में उपलब्धता भी काम होती है ,ज्यादा किसान अभी इसकी खेती नहीं करते। जिसकी वजह से काली हल्दी की कीमत आम पीली हल्दी से ज्यादा होती है। काली हल्दी की कीमत अभी लगभग २०० रूपया Kg तक मिल जाता है। काली हल्दी खरीदने के लिए आप इंडिया मार्ट की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।

Conclusion निष्कर्ष

हल्दी अपने औषधीय गुणों के कारण हमारे जीवन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। चाहे भोजन में खाने के साथ दाल में सब्जी में कहे के अंचार में हर जगह इसका उपयोग करते हैं। ठीक इसी तारक Kali Haldiजिसका औषधीय गुण पीली हल्दी से बहुत ज्यादा हैं, जिसका उपयोग कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने वाली दवाइयों को बनाने के रूप में किया जाता है ,आज उसी Kali Haldi के बारे में विस्तार से चर्चा हुई इसके बारे एक एक बातें आप के सामने रखी गई। काली हल्दी के बारे में आप को दी हुई जानकारी कैसे लगी हमें जरूर बातएं बहुत बहुत धन्यवाद।

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