Tambaku | तंबाकू से होने वाली 5 जानलेवा बीमारियां

Tambaku खैनी या सुर्ती ये तीनो एक ही नाम है। तम्बाकू पादप जगत के सोलेनेसी कुल का एक पौधा है जिसका वंश निकोटियाना है। ये खेतों में पैदा होने वाला निकोटियाना वंश का एक पौधा है जिसमे निकोटीन पाया जाता है। और दोस्तों ये शब्द किसी परिचय के मोहताज नहीं है। आज भारत का लगभग हर चौथा व्यक्ति इसका सेवन करता है। इतनी अधिक मात्रा में Tambaku का सेवन लोगों द्वारा इस लिए नहीं किया जाता की ये कोई स्वस्थ्य वर्धक दवा है। इसका उपयोग नशे के लिए किया जाता है।

Tambaku

तम्बाकू का सेवन बहुत अलग अलग प्रकार से बहुत अधिक मात्रा में किया जाता है।Tambakuसेवन करने की आदत एक लत या नशे की तरह होती है। कोई भी इंसान एक बार जिसको तम्बाकू सेवन की आदत लग जाती है छूटती नहीं है। हमारे भारत देश में हर चौथा इंसान तम्बाकू सेवन में लिप्त है। चूँकि इसका उपयोग पान , पान मशाला ,गुटखा, सिगरेट आदि भिन्न भिन्न प्रकार के उत्पादों को बनाने में किया जाता है। जिससे भारतीय बाजारों के साथ साथ तम्बाकू की विदेशों में भी भारी मांग है।

Tambaku : तम्बाकू

Tambaku के पत्तों को सुखाकर इसमें कुस्क अन्य प्रकार के केमिकल मिला कर इसका उपयोग नशे के लिए किया जाता है। तामबकु एक प्रकार से मीठे जहर की तरह काम करता है हर सेवन के बाद एक तसल्ली और शुकुन महसूस करता तम्बाकू का सेवन करने वाला। लेकिन तम्बाकू इनसे को ती टिल मारती है।Tambaku निकोटिया टैबेकम पौधे से प्राप्त किया जाता है। जिसकी खेती बहुत अधिक मात्रा में उत्तर प्रदेश, बिहार मध्य प्रदेश, कर्णाटक ,और तमिलनाडु में की जाती।Tambaku का सेवन नशे के लिए दो प्रकार से किया जाता है। एक धुवां रहित प्रोडक्ट्स के रूप में दूसरा धुवां सहित प्रोडक्ट के रूप में।

धुवाँ रहित तम्बाकू

●तम्बाकू वाला पान
●पान मसाला
●तम्बाकू, चूना और सुपाड़ी का मिश्रण जिसे दोहरा भी कहते हैं
●मैनपुरी तम्बाकू
●मावा
●तम्बाकू और बुझा हुआ चूना (खैनी)
●चबाने योग्य तम्बाकू
●सनस
●मिश्री
●गुल

धूम्रपान वाला तम्बाकू

●बीड़ी
●सिगरेट
●सिगार
●चैरट (एक प्रकार का सिगार)
●चुट्टा
●चुट्टे को उल्टा पीना
●धुमटी
●धुमटी को उल्टा पीना
●पाइप
●हुकली
●चिलम
●हुक़्क़ा

Tambaku Kya Hai : तम्बाकू क्या है

1930 में एक शोध की गई जिसमे मालूम पड़ा कीTambakuहमारे स्वस्थ्य के लिए हानिकारक है। तम्बाकू को मीठा जहर भी कहा जाता है। तम्बाकू में निकोटिन नमक हानिकारक रसायन पाया जाता है। जिसकी वजह से इसके सेवन के बाद इंसान को एक सुखद एहसास होता है। जिसकी वजह से उसकी लत लग जाती है। जिस तरह मीठा जहर स्वाद में मीठा होता है लेकिन खाने के बाद इंसान को धीरे धीरे मौत की तरफ ले जाता है।

ठीक उसी प्रकार तम्बाकू भी इंसान को धीरे धीरे प्राणांत की तरफ ले जाती है। तम्बाकू खाने के बाद इंसान के उत्तेजना पैदा करती है। जिसे सुखद अनुभूति होती है और सेवन करने वाला इंसान इसका आदि हो जाता है। Tambaku में लगभग 4000 हानिकारक रसायन पाए जाते हैं। जिसमे निकोटिन प्रमुख हैं।

तम्बाकू में अन्य प्रमुख हानिकारक घटक प्रकार है।

●निकोटिन

●कार्बन मोनोऑक्सइड

●टार

●बेंजीन और आर्सेनिक फोर्मेल्ड़ेहीद जैसे हानिकारक केमिकल

तम्बाकू  सेवन से होने वाले रोग

जैसा की हमने बताया Tambaku में लगभग 4000 रसायन पाए जाते हैं। ये सारे रसायन मिल कर शरीर के लगभग हर अंग में अपना हानिकारक प्रभाव छोड़ता है। तम्बाकू मुख्यतः दो प्रकार से सेवन किया जाता है। पहला तम्बाकू के रूप में दूसरा धूम्रपान के रूप में। WHO के द्वारा किये गए एक सर्वे में रिपोर्ट पेश की गई जिसके अनुसार भारत में 267 मिलियन युवा जो की 15 साल से ऊपर है किसी न किसी प्रकार से तम्बाकू के सेवन में लिप्त है। लगभग 29 % आबादी मतलब हर 5 में से 1 आदमी तम्बाकू के सेवन में किसी न किसी रूप में सीधे रूप में शामिल है

तम्बाकू के सेवन से निम्नलिखित बीमरियां चिन्हित की गई है जो केवलTambakuके सेवन से ही होती हैं।

सिगरेट के सेवन से फेफड़ों का कैंसर 

सिगरेट के सेवन से फेफड़ों का कैंसर होने की पूरी गुंजाइस बानी रहती है ICMR की एक रिपोर्ट के अनुसार आयुष्मान योजना के तहत इलाज कराने में आने वाले 70 % मरीज केवल कैंसर से पीड़ित थे। जिसमे से ५० % मरीज केवल फेफड़ों के कैंसर के थे।

लिवर कैंसर

लिवर कैंसर तम्बाकू के सेवन से होने वाली दूसरी सबसे बड़ी बीमारियों में से एक है। जिसकी वजह से भारत में हजारों लोग अपनी जान गवाते हैं।

हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी

हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी Tambaku में निकोटिन नमक हानिकारक पदार्थ पाया जाता है जो की धूम्रपान की वजह से होता है। जब भी धूम्रपान के दौरान जब धुवां अवशोषित होकर रक्त में आता है तो उसके साथ में निकोटीन भी अवशोषित होता है ।

यहाँ से निकोटीन को रक्त के माध्यम से मस्तिष्क तक पंहुचने में केवल 8 सेकंड लगता है। निकोटीन मस्तिष्क में पाए जाने वाले एक प्राकृतिक रसायन Acetylcholine के सामान होता है जो की तेज़ी से शरीर तथा मस्तिष्क में परिवर्तन का कारण बनता है। जिसकी वजह से उच्च रक्तचाप की समस्या बनी रहती है।

फेफड़ों की बीमारी 

सीओपीडी एक फेफड़ों का रोग है, जिसमें फेफड़ों में हवा का प्रवाह कम होने के कारण सांस की समस्याएं होती हैं। एम्फाइसेमा और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस सीओपीडी हैं। COPPD में फेफड़ों के वायु कोषों की दीवारें टूट जाती हैं, जिससे एयर ट्यूब्स स्थायी रूप से संकरी हो जाती हैं।

इन ट्यूब्स के भीतर म्युकस जमने से वे अधिक मोटे हो जाते हैं। धूम्रपान आम तौर पर सीओपीडी का कारण है। धूम्रपान सीओपीडी के कारण होने वाली दस में से आठ मौतों का कारण है। धूम्रपान करने से बचपन और किशोरावस्था में सीओपीडी की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है।

मुंह का कैंसर

धूम्रपान और शराब में स्वाभाविक रूप से कार्सिनोजेनिक रसायन होते हैं, जो कोशिकाओं के डीएनए को नष्ट कर सकते हैं, जो अंततः कैंसर का कारण बन सकता है। चेन स्मोकर और भारी शराब पीने वाले लोगों में मुंह के कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है। सप्ताह में औसतन ३० पिंट बीयर और ४० सिगरेट प्रतिदिन पीने वाले व्यक्ति का नुकसान ३८ गुना अधिक है। आपकी मुंह का कैंसर होने की संभावना कम है।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन

तंबाकू के सेवन और सिगरेट पीने से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। यह एक ऐसी समस्या है जो पुरुषों को इरेक्शन नहीं करने देती है।

Tambaku Khane Ke Nuksan : तंबाकू खाने के नुकसान

तम्बाकू एक ऐसा मीठा जहर है जिसके सेवन से होने वाले नुकसान को गिना नहीं जा सकता फिर भी कुछ मुख्य नुकसान नीचे दिए गए हैं।

●दिमाग या चित्त स्थिर नहीं रहता है

●तम्बाकू सेवन करने वाले को इसकी लत लग जाती है।

●तनाव व थकान बनी रहती है।

●लम्बी यात्रा के दौरान अगर तम्बाकू न मिले तो ये बेचैन हो जाते हैं।

●चूँकि तम्बाकू खाने के बाद निगली नहीं जाती, अतः सेवन करने वाला आस पास ही कहीं थूक कर गन्दगी फैलाता है।

●तम्बाकू खा के थूकने के बाद संक्रामक रोगों के फैलने का डर बना रहता है।

●सभी प्रकार के कैंसर जैसे लिवर का कैंसर ,गले का कैंसर ,मुँह का कैंसर होने की पूरी गुंजाइस रहती है।

●साँस सम्बंधित बीमारी या TB जैसी बीमारियों को होने का रास्ता खुल जाता है।

●धूम्रपान से साँस में लगातर ऑक्सीजन की कमी बनी रहती है जिसके वजह से मस्तिष्क की कोशिकाएं छतिग्रस्त होती है। और नई

●नई बीमारियों की शुरुवात होती है।

●खांसी की बीमारी लम्बे समय तक बनी रहती है बाद में यही खांसी की बीमारी तब की बीमारी में बदल जाती है

 चूना और तंबाकू खाने से क्या होता है?

हम अक्शर देखते हैं की लोग जब भी तम्बाकू का सेवन करते हैं तम्बाकू के साथ साथ चूना भी खाते है। पान में चूना लगा के खाते हैं , तम्बाकू के साथ भी चूना रगड़ के खाते हैं तो इसका क्या कारण हो सकता है। तो आइये आप को बताते हैं की तम्बाकू के साथ चूना क्योँ खाया जाता है।

तम्बाकू एक अम्लीय पौधा है और इसमें बहुत सारे हानिकारक रसायन भी पाए जाते हैं। तम्बाकू की खेती में जब तम्बाकू के पौधे या पत्ती पर मच्छर या कोई अन्य कीट आकर बैठता है तो वो मर जाता है। इसका यही कारण है की तम्बाकू का पौधा अम्लीय होता है।अगर तम्बाकू को ऐसे ही बिना कुछ मिलाये खाया जाये तो तम्बाकू जगह जगह आप के मुँह में जख्म बना देगा ,घाव कर के त्वचा को काट देता है।

चूंकि चूना एक प्रकार से पूरा क्षार का काम करता है। बहुत अधिक मात्रा में क्षारीय होता है। अगर चूने को भी अकेले खाया जाये तब भी ये मुँह में जगह जगह काट कर जख्म बना देगा। इसी लिए दोनों के साथ मिला कर खाया जाता है। तो जब भी क्षार और अम्ल मिलते हैं तो उदासीन की स्थिति बन जाती है।और हम आसानी से तम्बाकू का सेवन कर पाते हैं।

तम्बाकू छोड़ने के उपाय

तंबाकू शरीर को धीमी तरह से जहर देता है। यह व्यक्ति को धीरे-धीरे आदी बनाता है। इस लत से छुटकारा पाना चाहते हुए भी उसके बाद मुश्किल होता है। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि इससे छुटकारा पाया जा सकता है। तम्बाकू से निम्नलिखित तरीके से छुटकारा पाया जा सकता है

●हमेशा अपने आप से पूछते रहें कि आप को तम्बाकू क्योँ छोड़नी है। इसको किसी भवनामत्मक जुड़ाव से जोड़ें जिसमे आप के परिवार जान भी शामिल हों

●तम्बाकू खाने से शरीर को होने वाले नुकसान की जानकारी प्राप्त करें।

●आप इस दौरान अपनी इच्छाशक्ति को बनाए रखने में किसी करीबी का भी सहयोग ले सकते हैं।

●जो लोग इस आदत से बाहर निकले हैं, उनके साथ रहें और उनसे बात करें।

●सभी उपयुक्त उपायों के बारे में अपने डॉक्टर से खुलकर बात करें। फिर योग, ध्यान, काउंसलिंग या कोई भी ऐप आजमाएं।

●तम्बाकू खाना छोड़ देने से कई बार सिर में लगातार दर्द या तेजी से मूड बिगड़ने लगता है। निकोटिन पैच, चूसने वाली गोली या निकोटिन गम से सबसे आराम मिलेगा।

●समय पर डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएं लें। ये दवाएं तम्बाकू खाने की इच्छा को भी कम करती हैं और मूड को भी बेहतर बनाती हैं।

●अपने मनपसंद कामों में व्यस्त रहें। नियमित रूप से व्यायाम करें। प्राकृतिक जगह में समय बिताएं।

●तम्बाकू छोड़ने के लिए किसी और नशे का सहारा नहीं लें।

●कमजोरी का एहसास कम करने के लिए भोजन में फल और ताज़ी हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ा दें। पानी बहुत पिएं।

तम्बाकू छोड़ने के बाद परिणाम

तम्बाकू, चाहे चबाकर खाया जाए या सिगरेट के रूप में पीया जाए, नुकसान करता ही है। अमेरिकी कैंसर सोसाइटी का कहना है कि किसी भी रूप में धूम्रपान करने वाले 30 कैंसर का कारण बनने वाले रसायन एक साथ ले रहे हैं। इसके अलावा, हृदयाघात और स्ट्रोक की आशंका भी बढ़ जाती है। 2010 में ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (जीटीएस) ने बताया कि भारत में 20 करोड़ से अधिक लोग गुटखा या चबाकर तम्बाकू खाते हैं।

जब आप सिगरेट और तंबाकू को पूरी तरह से छोड़ने का निर्णय लेते हैं, आप अपने शरीर में इस तरह के बदलाव देखते हैं

● रक्त दबाव सामान्य रहता है : 20 मिनट बाद ही तंबाकू या सिगरेट छोड़ने से आपका ब्लड प्रेशर और पल्स रेट सामान्य होने लगता है। धूम्रपान करने से ब्लड प्रेशर लगातार बढ़ता और गिरता रहता है, जिससे आप नियमित रूप से ब्लड प्रेशर के मरीज बन जाते हैं।

● ऑक्सीजन स्तर भी स्थिर है : धूम्रपान या तंबाकू छोड़ने के आठ घंटे बाद शरीर में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा कम हो जाती है। और ऑक्सीजन का अस्तर लगातार स्थिर बनी रहती है।

● दिल की बीमारी और दिल का दौरा होने का खतरा कम होता है : सिगरेट और तंबाकू का सेवन कम करने से दिल का दौरा पड़ने की संभावना धीरे धीरे कम होती है। और आप का शरीर हल्का और स्फूर्ति दायक बना रहता है। जबकि आपका शरीर परेशान होने पर डी-टॉक्सिफाई करता है।

● तंत्रिका तंत्र को फिर से स्वस्थ्य बनाता है : तंबाकू का ज्यादा सेवन करने से आपके स्वाद और सूंघने वाली ग्रंथियां काम करना बंद कर देती हैं। इसे छोड़ने से सूंघने, स्वाद और तंत्रिका तंत्र में सुधार होता है।

● लॉन्ग वाक पर जाना आसान हो जाता है : सिगरेट का ज्यादा सेवन कर लेने से आप फेफड़ों की कार्यक्षमता में भारी गिरवाट आती है। जिससे साँस फूलना दम घुटना आदि समस्याएं शुरू हो जाती हैं। तम्बाकू या सिगरेट का सेवन बंद कर देने से फेफड़े फिर से काम करने लगते हैं और दो से तीन हफ्ते बाद सक्रिय होते हैं। इससे शरीर में रक्त संचरण ठीक होता है, जो आपको आराम से लंबी वॉक करने में मदद करता है।

● फेफड़ों की बीमारी का खतरा कम होता है : तंबाकू छोड़ने के एक से नौ महीने बाद, आपको सांस लेने की समस्या में कमी, साइनस और खांसी में आराम मिलता है और आप ऊर्जावान महसूस करते हैं। फेफड़ों को स्वच्छ बनाने से इंफेक्शन का खतरा कम होता है।

● दिल की बीमारी का खतरा दो गुना कम हो जाता है : धूम्रपान और सिगरेट छोड़ने के एक साल बाद, आपको दिल की बीमारियां होने का खतरा दूसरे धूम्रपान करने वालों से दो गुना कम होता है। सिगरेट छोड़ने के पांच साल बाद मुंह और गले का कैंसर होने की संभावना आधी कम होती है। लंग कैंसर का भी खतरा कम है।15 साल बाद आप सामान्य जीवन में वापस आते हैं।

तम्बाकू निषेध दिवस

विश्व तंबाकू निषेध दिवस को अंग्रेजी में “World No Tobacco Day” कहते हैं। 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सदस्य देशों ने 1987 में तम्बाकू से होने वाले नुकसान को देखते हुए इस दिवस को 7 अप्रैल, 1988 से मनाने का प्रस्ताव पारित किया। इसके बाद हर 31 मई को तम्बाकू न प्रयोग करने का दिन मनाया गया। इस दिन का उद्देश्य विश्व भर में लोगों को धूम्रपान के सेवन से होने वाली हानियों और खतरों से अवगत कराना है और इसके उत्पादों और सेवन को कम करने की दिशा में काम करना है।

Conclusion : निष्कर्ष

दोस्तों आज का जो हमारा टॉपिक था वो था। Tambaku  एक ऐसा टॉपिक है जिस हम में से कोई भी अनजान नहीं है। भारत का हर चौथा आदमी किसी न किसी रूप में Tambaku  का सेवन करता है। आज हमने Tambaku से होने नुकसान , तंबाकू से होने वाले रोगों के बारे में ,तम्बाकू कैसे छोड़ें आदि के बारे में विस्तार से चर्चा किये। आज का टॉपिक आप को कैसे लगा हमे जरूर बातएं बहुत बहुत धन्यवाद।

Frequently Asked Question

Question 1.तंबाकू हानिकारक क्यों है?

Answer 1. तम्बाकू में लगभग 4000 ख़तरनाक रसायन पाए जाते हैं। जो इंसानो में होने वाली ७० % बीमारियों के लिए सीधे सीधे जिम्मेदार होते हैं। जिसमे सभी प्रकार के कैंसर जैसी लिवर कैंसर , मुँह का कैंसर , गले का कैंसर ,सांस की बीमारी, TB , ह्रदय सम्बन्धी रोग ,उच्च रक्त चाप आदि शामिल है।

Question 2. तंबाकू का जहर क्या है?

Answer 2. तम्बाकू में निकोटिन नमक खतरनाक रसायन पाया जाता है। जो सेवन करने के ८ सेकंड के अंदर ही सीधा रक्त में घुल जाता है और अनेक प्रकार की बीमारियों के होने का कारण भी बनता है। इसकी विषाक्तता इसी से समझ सकते हैं की। तमबाकू के पत्ते पर जो भी मच्छर और कीट पतंगे बैठते हैं मर जाते हैं। इतना ज्यादा जहर होता है।

Question 3 तंबाकू छोड़ने के बाद क्या करें?

Answer 3. नियमित रूप से व्यायाम करें या संगीत का सहारा लें। तनाव को नियंत्रित करने के लिए हेल्दी तरीके अपनाने की जरूरत है, क्योंकि यह आपको तम्बाकू खाने का इरादा कर सकता है। एक्सरसाइज करने से भी तनाव कम हो सकता है। गुटखा छोड़ने पर सिरदर्द, क्रेविंग या चिड़चिड़ापन हो सकता है।

अस्वीकरण: इस हिंदी ब्लॉग वेबसाइट परऔर खाद्य पदार्थों के बारे में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। इसका उद्देश्य पेशेवर सलाह नहीं है, और पाठकों को व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए योग्य विशेषज्ञों से परामर्श करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ब्लॉग प्रदान की गई किसी भी जानकारी की सटीकता, पूर्णता या उपयुक्तता का समर्थन या गारंटी नहीं देता है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करे। Ganv wala Exporter  इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता।

Sharing Is Caring:
Social

Leave a Comment

Import