Alsi | अलसी के फायदे और नुकसान

लगभग विलुप्त सी होती जा रही लाल भूरे रंग की छोटे छोटे दानों वाली Alsi एक बार फिर चर्चा में आ गई है। जैसे-जैसे वैज्ञानिक खोजों का दायरा बढ़ता जा रहा है। अलसी के बारे में नई-नई जानकारियां मिलती जा रहीं है। जी हाँ दोस्तों आज हम सब उस अनाज या जड़ी बूटी के बारे में बात करेंगे, जिसे दिल की दवा कहते हैं। मतलब आज हम हमारे ह्रदय के लिए बहुत ही लाभकारी Alsi के बारे में चर्चा करने जा रहें हैं।

Alsi

जब किसी को हार्ट अटैक या किसी भी हृदय से सम्न्बंधित बीमारियों के बारे में पता चलता है , तो अक्सर लोगों के कहते हुए सुना जा सकता है की कोलेस्ट्रॉल बढ़ गया होगा ,कहीं ब्लॉकेज हो गया होगा। इन्ही सब समस्याओं के इलाज के लिए जिस जड़ी बूटी का नाम ज्यादा लिया जाता है वह है अलसी। Alsi प्राचीन काल में हमारे पूर्वजों के आहार का मुख्य हिस्सा थी आज हम इसी अलसी के बारे में बहुत विस्तार से चर्चा करेंगे।

 

अलसी | Alsi

अलसी को अंग्रेजी में फ्लक्स सीड्स कहते हैं। Alsi अपने इस नाम के अलावा तीसी के नाम से भी प्रसिद्ध है। अलसी पादप जगत के लिनेसी कुल का एक पौधा है, Alsi का वैज्ञानिक नाम लाइनम यूसिटाटिसिमम Lineum Usitatissimum है। अलसी एक रेशेदार पौधों के रूप में जाना जाता है। इसका गहरे भूरे लाल, चमकदार रंग का होता है।

इसकी ऊपरी सतह बहुत मजबूत होती है। ये इतनी मजबूत होती है की अगर इसे बिना पीसे हुए ऐसे खड़ा ही सेवन किया जाये तो ये बिना पचे हुए ही मल द्वार से बाहर आ जयेगा।

अलसी का पौधा 1.5 feet से 2 फ़ीट का होता है। अलसी के पौधे से लेनिन नामक कपडा बनाया जाता है। जो बहुत ही कीमती कपड़ा माना जाता है। जिसकी भारतीय तथा विदेशी बाजार में बहुत मांग रहती है और अच्छे दाम में बिक भी जाता है।

अलसी

Alsi के पौधे से तेल निकाला जाता है। अलसी से निकले हुए तेल को अगर एक विशेष प्रकार के रसायन से के साथ मिलाया जाता है ,जिसके बाद हवा के सम्पर्क में आते ही ठोस में परिवर्तित हो जाता है।

अलसी के तेल का उपयोग साबुन डिटर्जेंट , वार्निश और पेंट बनाने में किया जाता है। स्याही बनाने में भी अलसी के तेल का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। अलसी Alsi से तेल निकल जाने के बाद उसकी खली जानवरों के खाने के काम आता है। जिस से पशु आहार भी बनाया जाता है।इसके साथ साथ अलसी का सबसे बड़ा उपयोग हृदय की अच्छी देखभाल और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में भी किया जाता है।

अलसी के खेती बेबीलोन में 3000 ईशा पूर्व से ही की जा रही है। कहा जाता ही की उन लोगों को उस समय अलसी (Alsi) पर इतना भरोषा था की इसके लिए बाकायदा एक कानून बनाकर इसे सबके खाने के लिए अनिवार्य किया गया था। पूरे विश्व में कनाडा में सबसे ज्यादा अलसी का उत्पादन किया जाता है। नंबर 2 पर चीन नंबर 3 पर रूस और उत्पादन के मामले में भारत चौथे नंबर पर आता है।

अलसी के फायदे

अलसी से लगभग 300 प्रकार के उत्पाद बनाये जाते हैं। अलसी का उपयोग आज कल उन मुर्गियों को खिलने में भी किया जाता है जो ओमेगा – ३ फैटी एसिड्स से पूर्ण अंडे भी दे रहीं है। आइये आप को अलसी के अन्य बहुत ही महत्वपूर्ण उपयोग एवं फायदों के बारे में बताते है।

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अलसी के बीज | Alsi Ke Beej

अलसी को तीसी भी कहते हैं। इसका बीज थोड़े लाल या काले लाल मिक्स कर के भूरे रंग के भी होते हैं। अलसी के बीज की ऊपरी परत बहुत सख्त होती है। अलसी के बीज में निम्नलिखित प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं।

वैसे तो अलसी में लगभग सभी प्रकार के पोषक तत्त्व पाए जात्ते हैं ,पर इनमे से ३ तत्व मुख्य है जिसके लिए अलसी पूजनीय है।

Alsi Ke Beej

 

फाइबर | Fiber

अलसी में पाए जाने वाले प्रमुख तत्त्वों में फाइबर भी आता है। अलसी में घुलनशील  फाइबर Soluble Fiber और अघुलनशील Insoluble Fiber  दोनों प्रकार के फाइबर पाए जाते हैं।

ओमेगा – 3 फैटी एसिड | Omega 3 Fatty Acids

ओमेगा -३ फैटी एसिड पॉलीअनसेचुरेटेड वसा हैं। जो आप के शरीर में सभी महत्वपूर्ण क्रियाओं के लिए जिम्मेदार है। आप के हार्ट के लिए ओमेगा -3 फैटी एसिड एक फ्यूल की तरह काम करता है , हार्ट के लिए टॉनिक है ओमेगा -3 फैटी एसिड।

ओमेगा 3 फैटी एसिड दो प्रकार के होते हैं। संतृप्त वसा Saturated Fat और असंतृप्त वसा Unsaturated Fat। असंतृप्त वसा आगे चलकर पॉलीअनसेचुरेटेड वसा Poly Unsaturated Fat और मोनोअनसेचुरेटेड वसा Mono Unsaturated Fat में विभाजित हो जाती है। इन शब्दों को अक्सर आप किसी न किसी उत्पाद के पोषण लेबल पर देखते होंगे जो ओमेगा ३ से सम्बंधित हो।

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संतृप्त वसा Saturated Fat को कभी-कभी ” स्वस्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है क्योंकि ये कभी कभी हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी कुछ बीमारियों के खतरे को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार भी माने जाते हैं। असंतृप्त वसा (पॉलीअनसेचुरेटेड और मोनोअनसेचुरेटेड) को स्वस्थ्य के लिए अच्छा वसा माना जाता है क्योंकि कम मात्रा में उपयोग किए जाने पर वे आपके हृदय को स्वास्थ्य रखने में मदत करते हैं।

पॉलीअनसेचुरेटेड वसा के एक रूप के रूप में ओमेगा-3 आपके आहार में संतृप्त वसा के स्वास्थ्यवर्धक विकल्प हैं।

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लिगनेन | Lignen

अलसी में पाया जाने वाला तीसरा और सबसे मुख्य तत्व है लिगनेन। कहा जाता है की अलसी में अन्य पौधों की तुलना में ६० से ७० गुना अधिक लिगनेन होता है।

अलसी के फायदे | Alsi ke Fayde

 

कैंसर होने के खतरों को काम करता है

अलसी पर लगातार हो रहे अध्यनों और रिसर्च से ये ये तथ्य सामने आ रहा है की अलसी स्तन कैंसर , फेफड़ों के कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर को रोकने में काफी हद तक मदतगर साबित हो सकती है। कनाडा के अलसी पर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है की अलसी में कम से कम दो ऐसे घटक पाए जाते हैं , जो कैंसर को रोकने में काफी हद तक काररगर साबित हुए हैं।

जानवरों पर हो रहे अध्यन से पता चला है की अलसी में पाया जाने वाला LAL ओमेगा-3 फैटी एसिड, ट्यूमर बढ़ने की घटनाओं को रोकता है। अलसी में मौजूद लिगनेन प्रोस्टेट कैंसर को बढ़ावा देने वाले हार्मोन को हस्तकक्षेप कर के स्तन कैंसर को बढ़ने से रोकता है।

कैंसर रिसर्च से सम्बन्ध रखने वाले मिस्टर थॉमसन का कहना है की किशोरावस्था में अलसी में पाए जाने वाले लिगनेन की मदत से स्तन कैंसर के खतरों को कम करने में बहुत मदत मिलती है।

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ह्रदय आघात के खतरों को कम करता है

अब तक हुई बहुत सारी रिसर्च और खोजों में ये पता चला है की ओमेगा-३ पूरे रक्त संचार प्रणाली एवं ह्रदय को स्वस्थ्य रखने में मदत करता है। ओमेगा-३ के साथ-साथ अलसी में एंटी इन्फ्लामेट्री सूजन रोधी गुण भी पाए जाते है। जिसकी वजह से अलसी पूरे शरीर में रक्त परिवहन को सुनिश्चित करता है।

ओमेगा -३ रक्त धमनियों एवं वाहिकाओं को सख्त होने से रोककर लचीला बनाये रखने में मदत करता है जिससे रक्त परिसंचरण की प्रक्रिया सुचारु रूप से चलती रहती है।

अलसी में पाए जाने वाले अमीनो एसिड श्वेत रक्त कोशिकाओं को धमनियों एवं रक्त वाहिकाओं के आतंरिक दीवारों से चिपकने से रोकता है जिससे वाहिकाओं में ब्लॉकेज की समस्या को रोकने में मदत मिलती है। और ह्रदय अपनी पूर्ण क्षमता में कार्य कर पता है। और हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर खतरों को रोका जा सकता है।

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कोलेस्ट्रॉल का उचित प्रबंधन

अलसी (Alsi) के बीज में पाया जाने वाला ओमेगा-३ फैटी एसिड रक्त में बढ़ने वाले कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर के कोलेस्ट्रॉल प्रबंधन को बनाये रखता है। विभिन्न शोधों से पता चला है की अलसी में घुलनशील फाइबर एलडीएल ख़राब कोलेस्ट्रॉल को कम कर के उच्च रक्तचाप को नियंत्रण में रखता है। अलसी के बीजों का नियमित सेवन कर के हम रक्तचाप को नियंत्रित रखते हुए ह्रदय आघात के खतरों को कम करते हुए स्वस्थ्य जीवन जी सकते हैं।

हार्मोनल संतुलन और रजोनिवृत्ति राहत:

महिलाओं के लिए अलसी एक रामबाण औषधि की तरह काम करती है। अलसी के बीज में मौजूद लिगनेन फाइटोएस्ट्रोजेनिक गुणों से भरपूर हैं करते हैं, जो शरीर में हार्मोनल संतुलन बनाने में मदत करते हैं। अलसी महिलाओं के मासिक चक्र में होने वाली तकलीफ को कम करने के साथ साथ जोनिवृत्ति के लक्षणों, जैसे गर्म चमक और रात को पसीना, से राहत दे सकते हैं।

वजन कम करने में मदत करता है

अलसी के बीज वजन घटाने में बहुत मदत करता है। अलसी में पाया जाने वाले उच्च फाइबर की मात्रा हमारे शरीर हमारे शरीर में परिपूर्णता की लक्षण प्रदर्शित करते हैं। फाइबर हमारे भूख पर अंकुश लगाने में मदत करता है। जिससे हम ज्यादा खाने की आदत से बचते है। हमारे वजन का बढ़ना रुकता है। अलसी के बीज में मौजूद तत्व मेटाबोलिज्म में मदत कर हमारे वजन को भी कम करने में हमारी मदत करते हैं।

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शुगर रोगियों के लाभदायक

अलसी मधुमेह रोगियों के लिए बहुत ही लाभदायक विकल्प हो सकते हैं। एक शोध से पता चला है की अलसी के बीज रक्त में शर्करा की मात्रा को नियन्त्रिति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अलसी में पाया जाने वाला घुलनशील फाइबर कार्बोहायड्रेट के पाचन और अवशोषण को धीमा कर देता हैं जिससे रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने में मदद मिलती है। यह गुण विशेष रूप से मधुमेह वाले व्यक्तियों या अपने रक्त शर्करा के स्तर कम करने में फायदेमंद शाबित हो सकता हैं।

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